मध्यप्रदेश हो रहे देश के अनूठे विधान सभा के उपचुनाव में कांग्रेस ,बीजेपी के 28 – 28 उम्मीदवार के साथ राज्य में 355 उम्मीदवार चुनाव मैदान में
मध्यप्रदेश हो रहे देश के अनूठे विधान सभा के उपचुनाव में 28 विधानसभा क्षेत्रों पर मतदान 3 नवंबर को होगा । इन विधान सभा के उपचुनाव में में करोड़पति उम्मीदवारों का बोलबाला है। बीजेपी ने 28 में से 23 सीटों पर और कांग्रेस पार्टी ने 22 सीटों पर करोड़पति उम्मीदवार चुनावी समर में उतारे हैं। बीएसपी – बहुजन समाज पार्टी के 13 और सपा -समाजवादी पार्टी दो उम्मीदवार करोड़पति हैं। हालांकि सबसे अमीर उम्मीदवार कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू हैं। राज्य में 355 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, इनमें केवल 22 महिला प्रत्याशी हैं। यानी बराबरी का दावा करने वाले नेताओं ने टिकट बांटने में बराबरी नहीं दिखाई। चुनावों में एक प्रत्याशी ऐसे हैं जो हर दिन एक मध्यमवर्गीय परिवार की मासिक आय के बराबर कमाते हैं तो एक ऐसी भी हैं, जिनकी कुल जमा पूंजी महज 3 हजार रुपए हैं। चुनाव मैदान में 4 अनपढ़, 21 साक्षर और 22 पांचवीं पास और 52 आठवीं प्रत्याशी भी भाग्य आजमा रहे हैं।
उपचुनाव के मैदान में भाग्य आजमा रहे 355 उम्मीदवारों में से 39 प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं। इसमें सर्वाधिक 29-29 फीसदी मामले भाजपा और सपा के प्रत्याशियों पर है। अन्य आपराधिक मामलों में कांग्रेस उम्मीदवार ने भाजपा और सपा के प्रत्याशियों से आगे है। कांग्रेस के पचास फीसदी उम्मीदवार किसी न किसी आपराधिक मामले का खुलासा शपथपत्र में कर चुके हैं।
विधानसभा चुनाव में गरीब और आम आदमी के हक की बात करने वाले 23 फीसदी उम्मीदवारों को तो गरीबी का अहसास ही नहीं है। एडीआर के सर्वे के मुताबिक 80 उम्मीदवारों के पास तो करोड़ों की संपत्ति है। इनमें भी पंद्रह के पास पांच करोड़ या इससे अधिक की संपत्ति है। वहीं, 25 नेताओं ने स्वयं के पास दो करोड़ से पांच करोड़ रुपए की संपत्ति होने का दावा किया है। 77 उम्मीदवार के पास पचास लाख से दो करोड़ रुपए तक की संपत्ति है।
कांग्रेस से इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार प्रेमचंद गुड्डू वर्तमान के सभी उम्मीदवारों में सबसे धनवान है। उनके पास 25 करोड़ 25 लाख रुपए की चल सम्पत्ति है जबकि 61 करोड़ 71 लाख रुपए की अचल संपत्ति है। गुड्डू ने अपनी कुल संपत्ति 86 करोड़ 97 लाख रुपए बताई है। दूसरे नंबर पर राजगढ़ के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र से डॉ. सुशील कुमार प्रसाद है जो भारतीय अमृत पार्टी से हैं। वो गुड्डू से काफी पीछे हैं। सुशील के पास 32 लाख 45 हजार रुपए की चल संपत्ति और 14 करोड़ 85 लाख रुपए की अचल संपत्ति है। कुल संपत्ति 15 करोड़ 17 लाख है। तीसरे नंबर पर भाजपा के राजवेंद्र सिंह हैं, जो बदनावर से उम्मीदवार है। उनके पास 3 करोड़ 30 लाख रुपए की अचल संपत्ति है, जबकि 10 करोड़ 15 लाख रुपए की अचल संपत्ति है।
ग्वालियर से पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया से चुनाव लड़ रहीं चैना बैगम ने महज तीन हजार रुपए की चल संपत्ति का ब्यौरा दिया है जबकि अचल संपत्ति शून्य बताई है। वहीं दिमानी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी सौरव व्यास ने चल सम्पत्ति महज सात हजार रुपए की बताई है, जबकि अचल संपत्ति शून्य बताई है।
आम आदमी की मासिक कमाई के बराबर हर रोज कमाते हैं सांची से भाजपा प्रत्याशी
भाजपा के सांची से उम्मीदवार डॉ. प्रभुराम चौधरी हर साल 84 लाख रुपए कमाते हैं। यानी हर दिन 23 हजार रुपए। इतनी किसी आम व्यक्ति की मासिक कमाई होती है। उनके पास पेट्रोल पंप व कृषि भूमि है। वहीं मंधाता से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के उत्तमपाल सिंह स्वयं तीस लाख रुपए साल के कमाते हैं। उनके परिवार की वार्षिक आय 84 लाख रुपए से अधिक है। वो सिर्फ कृषि कार्य से आय करते हैं। तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के सांची से प्रत्याशी इंजीनियर पूरन सिंह है। जिनकी स्वयं की वार्षिक आय 49 लाख रुपए हैं। उनके परिवार की वार्षिक आय 68 लाख रुपए की है।
आवेदन पत्र के साथ कई करोड़पति उम्मीदवारों ने अपनी आयकर का रिटर्न जोड़ा ही नहीं। इनमें बदनावर के कांग्रेस दावेदार कमलसिंह पटेल (कुल संपत्ति 6 करोड़), मंदाता से निर्दलीय उम्मीदवार जितेंद्र सिंह (कुल संपत्ति 5 करोड़) तथा दिमानी से बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह कंसाना (कुल संपत्ति 4 करोड़) है। इसके अलावा मंदाता से ही भाजपा प्रत्याशी नारायण सिंह पटेल (कुल संपत्ति 3 करोड़), सांवेर से निर्दलीय प्रत्याशी राजेश मालवीय (कुल संपत्ति 2 करोड़) तथा ग्वालियर ईस्ट से पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार हेमंत रामपुरे (कुल संपत्ति 2 करोड़) ने भी आयकर विवरण पेश नहीं किया है।