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जब मध्यप्रदेश के मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनुसूचित जनजाति वर्ग की ममता निनामा महिला को ढूँढ कर मिले,पूंछा बहन क्या समस्या है

 

मुख्यमंत्री ने भीड़ में भी सुन ली अनुसूचित जनजाति महिला की पुकार

धार में मिशन ग्रामोदय के कार्यक्रम में “मुझे मामा से मिलना है” कहने वाली महिला को ढूँढ कर मिले मुख्यमंत्री

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आम जनता के लिए सदैव संवेदनशील रहते हैं। इसका उदाहरण आज धार में आयोजित मिशन ग्रामोदय के राज्य-स्तरीय कार्यक्रम में भी देखने को मिला। मुख्यमंत्री श्री चौहान कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा कर ही रहे थे, की भीड़ से एक महिला की आवाज सुनाई पड़ी- ‘मुझे मामा से मिलना है।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला की आवाज सुन ली। उन्होंने यह कहते हुए कि ‘कोई बहन मुझसे मिलना चाहती है। मैं उसके पास जाना चाहूँगा’ सुरक्षा घेरे से बाहर निकल कर भीड़ में आवाज दी कि- ‘कोई बहन मुझसे मिलना चाहती है, वह कहाँ है।’ अधिक जन-समुदाय होने के कारण वे महिला से नहीं मिल सके। मुख्यमंत्री चौहान के मन में तो उसकी आवाज गूँज रही थी। उन्होंने कलेक्टर श्री आलोक सिंह से कहा कि- ‘मैं उस बहन से जरूर मिलना चाहूँगा।” बहुत प्रयास के बाद महिला मिली और वह भी ग्राम लुन्हेरा से आयी ममता निनामा। उसे तत्काल मुख्यमंत्री के पास लाया गया। मुख्यमंत्री ने उस महिला से पूछा कि- ‘बहन क्या समस्या है।” थोड़ी देर तो ममता को विश्वास ही नहीं हुआ। फिर उसने बताया कि ‘ग्राम की सहकारी समिति में सेल्समेन की भर्ती में मैंने भी आवेदन किया था, लेकिन चयन किसी दूसरी पंचायत वाले का हो गया है’ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ममता निनामा को ढाँढस बँधाया और कलेक्टर को तत्काल प्रकरण की जाँच कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया।

ममता ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि ‘जिसका मामा इतना दयालु और संवेदनशील हो उसे क्या चिंता, इतनी भीड़ में भी हमारे मामा ने मेरी आवाज सुनी और व्याकुल होकर मुझसे मिले। मैं भगवान को धन्यवाद दूँगी कि ऐसे जन-हितैषी हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री है।’

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