प्रधानमंत्री श्री मोदी देश से विलुप्त चीतों को देश के दिल मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में करेंगे मुक्त
प्रधानमंत्री श्री मोदी बड़े जंगली जानवर की दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना का करेंगे शुभारंभ
- भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी शनिवार 17 सितम्बर को प्रदेश और देश को ऐतिहासिक सौगात देंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी सुबह 10.30 बजे देश के दिल मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को 70 वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद पुन: बसाने के लिये विमुक्त करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी बड़े जंगली जानवरों को पुनर्स्थापित करने की दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय परियोजना का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी सुबह 11.40 बजे हरा-भरा मध्यप्रदेश अभियान में कराहल हेलीपेड स्थल पर पौध-रोपण करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी श्योपुर जिले के कराहल के मॉडल स्कूल ग्राउंड में दोपहर 12 बजे महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया का ई-लोकार्पण करेंगे।
देश के दिल में 70 वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद पुन: बसेगा चीता
प्रधानमंत्री चीतों की देंगे सौगात, एसएसजी की महिला सदस्यों से करेंगे संवाद
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी शनिवार 17 सितम्बर को प्रदेश और देश को ऐतिहासिक सौगात देंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी सुबह 10.30 बजे देश के दिल मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को 70 वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद पुन: बसाने के लिये विमुक्त करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी बड़े जंगली जानवरों को पुनर्स्थापित करने की दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय परियोजना का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी सुबह 11.40 बजे हरा-भरा मध्यप्रदेश अभियान में कराहल हेलीपेड स्थल पर पौध-रोपण करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी श्योपुर जिले के कराहल के मॉडल स्कूल ग्राउंड में दोपहर 12 बजे महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया का ई-लोकार्पण करेंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यक्रमों में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक विमानन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के वन मंत्री श्री कुँवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) तथा नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल और खजुराहो सांसद श्री व्ही.डी. शर्मा की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
भारत में वर्ष 1952 से विलुप्त घोषित ‘चीता’ वर्ष 2022 में पुन: पुनर्स्थापित होने जा रहा है। इसके पूर्व चीता पुनर्स्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई। प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित 10 स्थान में से प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया। यह ऐतिहासिक है कि इस कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री मोदी के कर-कमलों से हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी दो बाड़ों में चीते विमुक्त करेंगे। पहले बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगे। दूसरे बाड़े में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों के दल ने नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। परियोजना के एकीकृत प्रबंधन में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्तता है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों के स्वच्छंद विचरण के लिए उपयुक्त है।
स्व-सहायता समूहों की बहनों का सम्मेलन
प्रधानमंत्री श्री मोदी श्योपुर जिले के कराहल में महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया के विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का ई-लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी स्व-सहायता समूहों की बहनों से संवाद कर उद्यमशीलता की जानकारी प्राप्त करेंगे। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और उन्मुखीकरण के लिये म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में 3 लाख 86 हजार स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। इन समूहों से 43 लाख से अधिक परिवार जुड़े हैं। समूहों द्वारा सब्जी उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, अगरबत्ती, हैण्डवॉश, साबुन निर्माण, कृषि और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियाँ और आजीविका पोषण वाटिका के संचालन संबंधी कार्य किये जा रहे हैं।