अमृत काल में राज्य की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए टीम मध्यप्रदेश प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान
बिना एक क्षण गवाएँ, प्रदेश के विकास और उन्नति के लिए निरंतर कार्य करें
गौरवशाली, वैभवशाली भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश देगा अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान
केन्द्रीय बजट के प्रावधानों से प्रदेश के विकास के लिए अधिकतम सहयोग प्राप्त किया जाए
सभी मंत्री प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करें
मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देना जरूरी
जल्द शुरू होगा फसल पैटर्न में बदलाव का कार्य
चारे को काटकर ब्लॉक बनाने की तकनीक को किया जाएगा प्रोत्साहित
नर्मदा नदी के दोनों ओर पाँच किलोमीटर की पट्टी पर विकसित होगी प्राकृतिक खेती
नरवाई जलाने की प्रथा पर नियंत्रण के लिए होंगे विशेष प्रयास
मालियों के प्रशिक्षण के लिए होगी विशेष व्यवस्था
गोबर से सीएनजी उत्पादन के लिए जबलपुर में स्थापित होगा प्लांट
मछली पालन में पुश्तैनी और परम्परागत रूप से कार्य कर रहे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए
आधुनिकतम तरीकों से मछली पालन करने वाले राज्यों का भ्रमण करेंगे प्रदेश के मछली पालक
सहकारिता गतिविधियों का होगा संपूर्ण कम्प्यूटराइजेशन
निर्माण कार्यों में लगे ठेकेदारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा
प्रदेश के सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट होगा
निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के प्रति सजगता और दोषियों के प्रति कठोरता आवश्यक
रेस्ट हाउस और सर्किट हाउस का व्यावसायिक प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया समस्त मंत्रीगण तथा वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित
एमपीपोस्ट, 02,फरवरी 2022 ,भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रस्तुत केंद्रीय बजट अमृत काल का बजट है। यह प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने का समय है। टीम मध्यप्रदेश बिना एक क्षण गवाएँ, प्रदेश के विकास और उन्नति के लिए निरंतर कार्य करें। गौरवशाली, वैभवशाली भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान 3 से 11 जनवरी 2022 तक हुई विभागीय समीक्षाओं में दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। मंत्रालय में समस्त मंत्रीगण, मुख्य सचिव, समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों के साथ आयोजित बैठक में केन्द्रीय बजट से मध्यप्रदेश द्वारा लाभ उठाए जाने की रणनीति और राज्य बजट 2022-23 में विभिन्न विभागों की प्राथमिकताओं पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वाराणसी में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद के विभिन्न बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही की भी जानकारी प्राप्त की। बैठक वंदे मातरम गान से आरंभ हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी निर्धारित गतिविधियाँ टाइम लाइन में पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत केन्द्रीय बजट से, राज्य सरकार जिन-जिन गतिविधियों में लाभ ले सकती है, उसकी प्रत्येक विभाग व्यवहारिक कार्य-योजना बनाए। आवास, शहरी अधोसंरचना, कुटीर, लघु एवं मध्यम उद्यम, औद्योगिक विकास, सड़कों के निर्माण, जल जीवन मिशन के लिए केन्द्रीय बजट में किए गए प्रावधानों का अध्ययन कर प्रदेश के लिए अधिकतम सहयोग प्राप्त किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि कृषि का विविधीकरण, मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहन और प्राकृतिक तथा जैविक खेती राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंत्रि-परिषद के जिन-जिन सदस्यों के पास खेती है, वे अपने खेत में प्राकृतिक खेती का मॉडल फॉर्म विकसित करें। इससे लोग प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित होंगे और धरती का स्वास्थ्य सुधारने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी के दोनों ओर पाँच किलोमीटर की पट्टी पर प्राकृतिक खेती को विकसित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में फसल पैटर्न के बदलाव का कार्य खरीफ की फसलों के साथ आरंभ कर दिया जाएगा। नरवाई जलाने की प्रथा पर नियंत्रण के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे, इसके लिए किसानों को किराए पर मशीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यानिकी की खेती में निर्धारित 22 उत्पाद का मैकेनिज्म विभिन्न जिलों के अधिकारियों तथा उत्पादकों के साथ तय किया जाए। उद्यानिकी उत्पाद, उनके गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग, मार्केटिंग और ब्राण्डिंग के लिए सम्पूर्णता में रणनीति बनाना और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है। मधुमक्खी पालन को उन्हीं जिलों में प्रोत्साहित किया जाए जहाँ फूलों की खेती या फूलों वाली फसलें अधिक होती हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यानिकी सहित पॉली हाउस, नर्सरी, प्राकृतिक खेती आदि के लिए दक्ष व्यक्तियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश में मालियों के प्रशिक्षण के लिए विशेष व्यवस्था की जाना आवश्यक है। इस दिशा में कृषि विश्वविद्यालयों को जोड़कर रणनीति बनाई जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि गोबर से सीएनजी उत्पादन के प्लांट के लिए जबलपुर को चिन्हित किया गया है। बनारस में संचालित प्लांट का निरीक्षण करने जबलपुर से टीम भेजकर तत्काल प्रोजेक्ट तैयार किया जाए। हरे चारे को काटकर ब्लॉक बनाने की तकनीक को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कम राशि में संचालित होने वाले बकरी और मुर्गी पालन जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मछली पालन में पुश्तैनी और परम्परागत रूप से कार्य कर रहे लोगों को सहकारिता गतिविधियों में प्रोत्साहित किया जाए। देश के जिन राज्यों में मछली पालन आधुनिकतम तरीकों से किया जा रहा है, उन राज्यों में प्रदेश के मछली पालकों के अध्ययन दल को भेजा जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मनरेगा में बने तालाबों पर भी मछली पालन गतिविधियों का विस्तार किया जा रहा है। साथ ही मार्च माह में मछुआरों से संवाद का कार्यक्रम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सहकारिता विभाग की समीक्षा में निर्देश दिए कि सहकारी समितियों में प्लॉट आवंटन को गंभीरता से लिया जाए। जिन समितियों ने गड़बड़ी की है उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सहकारिता गतिविधियों का संपूर्ण कम्प्यूटराइजेशन आगामी छह में पूर्ण करने के निर्देश दिए। ग्रामीण परिवहन, खनिज, पर्यटन, श्रम, सर्विस सेक्टर, स्वास्थ्य आदि नये क्षेत्रों में सहकारिता को प्रोत्साहन देने की योजनाओं के निर्धारण के भी निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा में कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सजग रहें और दोषियों के प्रति किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं रखी जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों और अधो-संरचना निर्माण में बड़े पैमाने पर कार्य जारी है। प्रदेश में ठेकेदारों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की आवश्यकता है। इस दिशा में पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों की मदद लेकर ठेकेदारों के प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही युवा इंजीनियर योजना में जिन इंजीनियरों को ठेकेदार बनना है, उनको प्रोत्साहन देने के लिए भी आवश्यक व्यवस्था करने पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस का व्यावसायिक प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 105 रेलवे ओव्हर ब्रिज के लिए कार्य जारी है। साथ ही पुलों के सेफ्टी ऑडिट का कार्य आरंभ किया गया है। ऑडिट के अनुरूप उनका संधारण किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग सड़कों के संधारण को लेकर सजग रहे तथा संधारण में किसी भी कारण से विलंब नहीं हो। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी सड़कों को भी प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए।