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मध्यप्रदेश में नामांतरण और हक त्याग की व्यवस्था के संबंध में जागरूकता अभियान चलाएँ- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

नकली दूध के विरुद्ध शुरू होगा सघन अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसान मंच के प्रतिनिधियों से की चर्चा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अविवादित नामांतरण के लिए स्थापित नई व्यवस्था की जन-सामान्य को जानकारी देने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। भूमि संबंधी दस्तावेजों में त्रुटि सुधार के लिए अगस्त माह में एक सप्ताह का विशेष रिकार्ड शुद्धिकरण सप्ताह मनाया जाएगा। रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण के दौरान हुई त्रुटियों के सुधार के लिए किसानों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान राजस्व, कृषि, विद्युत, सहकारिता, पशुपालन विभाग से संबंधित दिन-प्रतिदिन के कार्यों में आने वाली समस्याओं के संबंध में किसान मंच के पदाधिकारियों से मंत्रालय में चर्चा कर रहे थे।

बैठक में किसान प्रतिनिधियों के साथ कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के. के. सिंह, अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव किसान-कल्याण श्री अजीत केसरी, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय दुबे, प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जले ट्रांसफार्मर की जगह अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाए जाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हक त्याग के संबंध में राजस्व और पंजीयक विभाग परस्पर समन्वय से स्पष्ट व्यवस्था स्थापित करें तथा हक त्याग के प्रावधानों और व्यवस्थाओं के संबंध में भी व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाए। सीमांकन के लिए मशीनें बढ़ाई जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जले ट्रांसफार्मर की जगह अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाए जाएं। बिजली संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए सब स्टेशन स्तर पर शिकायत निवारण शिविर आयोजित किए जाएं। प्रदेश में नकली दूध के विरुद्ध सघन अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फसल कटाई में राजस्व को कृषि विभाग आवश्यक सहयोग प्रदान करे।

सहकारी संस्थाओं की गंभीर शिकायतों की जाँच अब प्रशासनिक अधिकारी करेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में मानक परीक्षा मशीनें लगाई जाएंगी। लहसुन, प्याज की सफाई में लगी महिलाओं को वे सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी, जो हम्मालों को मिलती हैं। सहकारी संस्थाओं की गंभीर शिकायतों की जाँच अब प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से किसान मंच के प्रतिनिधियों की चर्चा के मुख्य बिन्दु

रजिस्ट्री होते ही नामांत्रित दस्तावेज उपलब्लध कराये जाएं।

फौती नामंत्रण समय-सीमा में पटवारियों द्वारा गाँव में पंचायत के प्रस्ताव से किया जाए।

पटवारी ही कंप्यूटर रिकार्ड में दर्ज करें इसकी जवाबदारी निश्चित की जाए।

अविवादित बँटवारा आपसी सहमति के आधार पर नोटरी कराने पर तहसीलदार द्वारा किया जाए।

विभाग द्वारा खसरा बी-1 में की गई त्रुटियों को विभाग द्वारा सुधारा जाए।

खेतों के परंपरागत रास्तों का नक्शे में अंकन किया जाए।

आर.आई. एवं पटवारियों को गृह तहसील में पदस्थ नहीं किया जाए।

पटवारियों को राजस्व के कार्य के लिए ही अधिकृत किया जाए। अन्य काम एवं प्रोटोकॉल के लिए अलग से अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।

पहाड़ों पर गिट्टी खनन की परमिशन ऐसे स्थान पर दी जाए, जहाँ खनन के पश्चात उसका उपयोग जल संग्रह के लिए हो सके।

सहकारी संस्थाओं का समस्त कार्य व्यवहार कंप्यूटरीकृत किया जाए तथा पारदर्शिता लागू की जाए।

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