कैलाश विजयवर्गीय के विरूद्व आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कांगे्रस ने मांग की
कैलाश विजयवर्गीय के विरूद्व आपराधिक प्रकरण दर्ज
करने की कांगे्रस ने मांग की
प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस महानिदेशक को सौपा ज्ञापन
भोपाल, 4 जनवरी 2020
प्रदेश कांगे्रस के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पुलिस महानिदेशक को कांगे्रस के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विरूद्व आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग संबंधी ज्ञापन सौंपा। प्रदेश कांगे्रस के उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, प्रकाश जैन, महामंत्री राजीव सिंह, प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया एवं गौरव रघुवंशी ने पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि दिनांक 3 जनवरी, 2020 को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा इंदौर में शासन द्वारा नियमानुसार की जा रही अतिक्रमण हटाओ मुहिम का विरोध करते हुए इंदौर कमिश्नर के आवास पर भाजपा के अन्य नेताओं के साथ धरना-प्रदर्शन करते हुए अशांति फैलाने का प्रयास किया, इतना ही नहीं उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि यदि संघ के पदाधिकारी नहीं होते तब वे इंदौर में आग लगा देते। उक्त आपराधिक वक्तव्य से स्पष्ट है कि वे अनुचित, अवैध गतिविधियों को उकसा कर इंदौर ही नहीं बल्कि समूचे प्रदेश में शासन के विरूद्ध विंध्वस्कारी घटनाओं को अंजाम बनाने की योजना बना रहे है। चूंकि श्री विजयवर्गीय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव है, इसलिए उनके इशारे पर पूरे प्रदेश में विंध्वस्कारी घटनाए घटित हो सकती है ।
श्री विजयवर्गीय राजनीतिक रूप से इंदौर में आपराधिक प्रवृत्ति के असामाजिक तत्वों एवं माफियाओं को संरक्षण देने के लिए पहचाने जाते है और माफियाओं के विरूद्ध शासन द्वारा की जा रही नियमानुसार कार्यवाही को रोकने के उद्देश्य से अनर्गल बयानबाजी कर माहौल को बिगाडने का कृत्य कर रहे है, इससे पूर्व भी इनके विधायक पुत्र श्री आकाश विजयवर्गीय ने भी नगर निगम इंदौर के अधिकारियों के साथ क्रिकेट के बल्ले से मारपीट की थी, इससे स्पष्ट हैं कि श्री कैलाश विजयवर्गीय स्वयं एक राजनीतिक माफिया की तरह कार्य कर रहे है।
पुलिस महानिदेशक महोदय से मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर निवेदन किया गया कि शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, इंदौर शहर में आग लगाने की धमकी देने तथा समूचे प्रदेश में शासन के विरूद्ध विंध्वसकारी घटनाओं को अंजाम देने की योजना के संदर्भ में उनके विरूद्ध तत्काल आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनके विरूद्ध न्यायिक कार्यवाही की जावे जो कि न्यायोचित एवं न्याय हित में होगा।