प्रदेश की सभी अवैध कॉलोनियाँ वैध की जाए
शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों की प्रतिक्रियाएँ सोशल मीडिया पर डालें
सोशल मीडिया से देश देखता है कलेक्टर की परफार्मेन्स
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया कलेक्टर-कमिश्नर कान्फ्रेंस के उद्घाटन-सत्र को संबोधित
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर्स-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे समन्वित प्रयास से ही प्रगति, विकास और जन-कल्याण के परिणाम आएंगे। यह हमारा और आपका भाग्य है कि हमें ऐसा महत्वपूर्ण दायित्व मिला, जिससे हम जनता की जिन्दगी बदल सकते हैं। हमें बिना एक क्षण गवाये प्रदेशवासियों की बेहतरी के लिए कार्य करना है। हममें से प्रत्येक को अपना सर्वश्रेष्ठ देने की भावना, तड़प और वेदना के साथ अपनी समस्त ऊर्जा, क्षमता और विचार शीलता के साथ प्रदेश के विकास और जन-कल्याण के लिए निरंतर सक्रिय रहना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान लगभग तीन साल के बाद प्रत्यक्ष रूप से हुई कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन-सत्र को संबोधित कर रहे थे। मंत्रालय में हुई कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, समस्त कमिश्नर और कलेक्टर उपस्थित थे। कान्फ्रेंस में विकास यात्रा, पेसा नियम 2022, मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अनाधिकृत कॉलोनियों के विकास, जल जीवन मिशन, सीएम राइज स्कूल, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए जारी प्रयासों, आयुष्मान भारत निरामय मध्यप्रदेश, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना, दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग तथा उपकरण वितरण और संबल-2 योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। कॉन्फ्रेंस में लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुतिकरण भी दिया जाएगा।
कलेक्टर्स का काम ऐसा हो जो उन्हें जीवनभर संतोष दे और उनके कार्यकाल को
सकारात्मक रूप से याद किया जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिलों में काम कर रहे अधिकारियों के प्रयासों से ही विकास और जन-कल्याण के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। इन्दौर कलेक्टर ने जनसुनवाई, सीहोर कलेक्टर ने शिक्षिकों के सहयोग से स्मार्ट क्लास आरंभ करने और डिण्डौरी कलेक्टर ने जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशीलता और उनके त्वरित निराकरण में सराहनीय कार्य किया है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी कलेक्टर अपने स्तर पर नवाचार कर रहे हैं। अधिकारी अपने कैरियर में सामान्यत: 6 से 8 साल की अवधि तक जिला कलेक्टर के रूप में कार्य करते हैं। इस अवधि में पूरा परिश्रम, उत्साह, बाधाओं का सामना करने की क्षमता और विजन के साथ मिशन मोड में इस प्रकार काम करें कि यह अवधि जीवनभर आपको संतोष दे और आपका कार्यकाल सकारात्मक रूप से याद किया जाए।
आप जैसा कार्य करेंगे, शासन की छवि वैसी ही निर्मित होगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। प्रदेश की विकास दर, पर कैपिटा इनकम और जीएसडीपी में प्रदेश का योगदान निरंतर बढ़ा है। देश-दुनिया में प्रदेश की सकारात्मक छवि निर्मित हुई है। जिला और संभागों में कलेक्टर-कमिश्नर ही शासन के प्रतिनिधि हैं। आप जैसा कार्य करेंगे, शासन की छवि वैसी ही निर्मित होगी। लोकतंत्र में हमारा लक्ष्य जनता का कल्याण और उन्हें बेहतर जीवन देना है। प्रदेशवासियों को बिना परेशानी के समय-सीमा में बिना लिए -दिए योजनाओं का लाभ मिले और उनके शासन से संबंधित कार्य सरलता से हों, यही सुशासन है। हमें अपने-अपने क्षेत्र में सुशासन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सतर्कता और सावधानी बनाए रखना आवश्यक है। बेहतर छवि के लिए नकारात्मक समाचारों का तत्काल खंडन और त्वरित कार्यवाही की जाए। यह कॉन्फ्रेंस अपने कार्य को और अधिक बेहतर कैसे कर सकते हैं इस पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से बुलाई गई है। बैठक में तनावमुक्त होकर सम्मिलित हों और योजनाओं तथा कार्यक्रमों के संबंध में जिलों में जो नवाचार किए गए हैं। उन्हें तथा योजनाओं को अधिक लाभकारी और उनके क्रियान्वयन को अधिक प्रभावी बनाने में अधिकारी अपने सुझाव दें।
बहुउद्देश्यीय और बहुपयोगी हों विकास यात्राएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 5 फरवरी से प्रदेश में आरंभ हो रही विकास यात्राओं के लिए जारी तैयारियों की समीक्षा की। बताया गया कि विकास यात्राएँ विधानसभा क्षेत्रवार की जाएंगी। यात्रा की विकास पताका होगी तथा विकास रथ द्वारा क्षेत्र में हुए निर्माण कार्यों, विकास गतिविधियों और जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विकास यात्राओं में क्षेत्र के पंच-सरपंच, पार्षद सहित सभी जन-प्रतिनिधि, दीनदयाल अंत्योदय समिति के सदस्यों, महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ा जाए। क्षेत्र की लाड़ली लक्ष्मियाँ भी बालिकाओं को स्कूल शिक्षा तथा उनके लिए संचालित अन्य योजनाओं की जानकारी दें। विकास यात्रा में सभी गाँवों में जन-सभाएँ की जाएँ। यात्रा को बहुउद्देश्यीय और बहुउपयोगी बनाने के लिए योजनाओं की जानकारी और उनका लाभ देने, शिलान्यास और भूमि-पूजन के साथ आँगनवाड़ी, स्कूल, राशन दुकान, होस्टल आदि का निरीक्षण भी किया जाए।
“मेरा प्रदेश-मेरा गाँव” की भावना को सशक्त करना आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य विकास और जन-कल्याण के कार्यों को जनता के बीच ले जाना है। इन कार्यों के क्रियान्वयन से जनता को जोड़ना आवश्यक है। सामुदायिकता की भावना विकसित करने और विकास एवं जन-कल्याण के कार्यों से जनता को जोड़ने से “मेरा प्रदेश-मेरा गाँव” की भावना सशक्त होगी। विकास यात्रा इस स्वरूप में हो कि यात्रा आरंभ से ही जन-सामान्य की चर्चा, रूचि और अपेक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बने और लोग इससे लाभान्वित हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डिण्डौरी, राजगढ़, दतिया और सीहोर कलेक्टर से जिले में जारी तैयारियों की जानकारी ली।
मजरे-टोलों-फालियों तक दी जाए पेसा नियम के प्रावधानों की जानकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेसा नियम-2022 के प्रावधानों की जानकारी देने उनके प्रचार-प्रसार तथा आवश्यक प्रशिक्षण के लिए संबंधित जिलों में गंभीरता से प्रयास किए जाएँ। जानकारी दी गई कि प्रदेश के 20 जिलों के 89 विकासखंड के 11 हजार 577 ग्रामों में पेसा नियम लागू हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैंक खाते खुलवाने, शांति एवं विवाद निवारण समिति, ग्रामों में वन संसाधन नियंत्रण समिति गठन तथा तेन्दूपत्ता संग्रहण एवं विपणन कार्य के लिए जारी गतिविधियों की समीक्षा के दौरान अनूपपुर, अलीराजपुर को कार्य को गति देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय समुदाय को सशक्त करने के लिए पेसा नियमों का क्रियान्वयन आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए कि फौती नामांतरण का कोई प्रकरण शेष न रहे। वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने के लिए समय-सीमा तय कर कार्य किया जाए। प्रमुख गौण खनिजों के संबंध में ग्राम सभाओं को जानकारी देने के लिए क्षेत्र में होने वाली विकास यात्राओं में विशेष व्यवस्था की जाए। गाँव के आसपास स्थित मजरे-टोलों-फालियों के निवासियों को भी पेसा नियम की जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंडला, शहडोल, श्योपुर और बुरहानपुर पेसा नियमों के क्रियान्वयन के लिए संचालित गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के लिए आवश्यकता होने पर अधिग्रहित की जाएगी भूमि
सिन्धी और बंगाली विस्थापितों के पट्टों का जल्द स्थाई समाधान करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि गरीबी की स्थिति में रह रहे बड़े परिवारों को रहने का स्थान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री आवास भू-अधिकार योजना आरंभ की गई है। जरूरतमंद लोगों के लिए मानवीय आधार पर संवेदनशीलता के साथ प्रकरणों का निराकरण किया जाए। योजना में जो व्यक्ति अपात्र पाए जाते हैं उन्हें पत्र द्वारा अपात्रता का कारण बताया जाए। आवश्यकता होने पर योजना के लिए भूमि अधिग्रहित भी की जाएगी। बताया गया कि योजना में 13 लाख 32 हजार 517 आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना में 1 लाख 90 हजार आवेदन प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिन्धी समुदाय तथा वर्ष 1972 में आए बंगाली विस्थापितों के पट्टों की समस्या का भी जल्द ही अंतिम रूप से स्थाई समाधान करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री आवास पूर्ण कराने के लिए हितग्राही की हरसंभव सहायता की जाएगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में जिन्होंने आवास निर्माण आरंभ नहीं किया है तथा जिनका निर्माण अधूरा रह गया है, उनकी पृथक-पृथक सूची बनाई जाए। आवास पूर्ण कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। योजना में 25 हजार से अधिक लक्ष्य वाले जिलों में जबलपुर, कटनी, सीधी, शहडोल और रीवा प्रदेश के प्रथम पाँच जिलों में रहे। जबकि बड़वानी, रायसेन, झाबुआ, नरसिंहपुर और राजगढ़ को कार्य को गति देने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार 25 हजार से कम लक्ष्य वाले जिलों में छतरपुर, मंदसौर, शाजापुर, मुरैना और ग्वालियर प्रथम पॉच में तथा अशोकनगर, अनूपपुर, श्योपुर, गुना और नर्मदापुरम् अंतिम पाँच जिलों में शामिल थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में जिन हितग्राहियों के आवास बन रहे हैं, उनकी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर डाली जाए। यह प्रतिक्रिया जिले में हो रहे कार्य का प्रतिबिंब होगी। जिला प्रशासन कैसा काम कर रहा है, इसका सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर जनता दे। सोशल मीडिया के माध्यम से कलेक्टर की परफार्मेन्स देश देखता है।
अवैध कालोनियों के विकास शुल्क के संबंध में व्यवहारिक नीति बनाई जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सभी अवैध कालोनियों को वैध किया जाए तथा अब प्रदेश में किसी भी अवैध कालोनी को विकसित होने नहीं दिया जाए। पुरानी अवैध कालोनियों को वैध कर उन्हें विकसित किया जाए तथा विकास शुल्क के संबंध में व्यवहारिक नीति बनाई जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 5 हजार 642 अनाधिकृत कालोनियाँ हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कलेक्टर-कमिश्नर कान्फ्रेंस में कलेक्टर्स द्वारा किए गए नवाचारों के लिए ओपन हाउस वार्ता भी रखी जाएगी।