देशप्रमुख समाचारराज्‍य

एमपी में आध्यात्मिक और आत्मीयता के माहौल में सभी वर्गों को मिला पूज्य संतों का सानिध्य

देश भर से पधारे संत, महात्मा गाँव-गाँव जाकर दे रहे हैं एकात्मकता को बढ़ावा

 

 

स्नेह यात्रा का दूसरा दिन
मध्यप्रदेश के सभी जिलों में सामाजिक सदभाव और समरसता के उद्देश्य से निकली स्नेह यात्रा के दूसरे दिन सभी वर्गों को आध्यात्मिक और आत्मीयता के माहौल में पूज्य संतों का सानिध्य मिला। यात्रा प्रतिदिन विविध सेवा बस्तियों में प्रवास कर समरसता का संदेश दे रहीं हैं। प्रतिष्ठित संतों के साथ चल रही स्नेह यात्रा घर-घर जाकर समाज को एकता के सूत्र में जोड़ रही है। संत परम्परा के अनुभूति के लिये परम्परागत कलावा बंधन, सामुहिक संकीर्तन, प्रवचन और भजन मण्डलियों की प्रस्तुतियों से गाँव-गाँव का वातावरण श्रद्धा और आस्था से परिपूर्ण हो रहा है। देश भर से पधारे संत, महात्मा गाँव-गाँव जाकर एकात्मकता को बढ़ावा दे रहे हैं।

प्रदेश के सभी जिलों में स्नेह यात्रा का सभी ग्रामवासियों ने ढोल बाजा के साथ पुष्प अर्पण कर आत्मीयता से स्वागत किया। सम्माननीय संतों ने स्थानीय लोगों को तिलक कर और रक्षासूत्र बाँध कर आशीर्वाद दिया। सामाजिक समरसता और सद्भावना की प्रेरणा के साथ संतों ने स्थानीय लोगों के साथ सहभोज भी किया।

प्रत्येक दिन स्नेह यात्रा का विशेष आकर्षण के साथ समापन होता है। इस अवसर पर सत्संग और सहभोज भी आयोजित होते हैं, जिसमें स्थानीय जन जात-पात का भेदभाव भुलाकर एक थाल-एक ख्याल की भावना से खिचड़ी का प्रसाद गृहण करते हैं। सही मायनों में प्रसाद के रूप में खिचड़ी का प्रसाद गृहण करना सभी जाति और वर्गों के एकाकार हो जाने की ही अभिव्यक्ति है।

देश के प्रतिष्ठित संत विभिन्न जिलों के आकर्षण के केन्द्र

देश के प्रतिष्ठित संत प्रदेश के सभी 52 जिलों में विशेष आकर्षण का केन्द्र बन गए है। देवास में पूज्य स्वामी ऐश्वर्यानंद सरस्वती जी, कटनी में पीठाधीश्वर महंत स्वामी नरसिंह दास जी, जबलपुर में स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी, छिंदवाड़ा में रत्नभूषण प्रभु, नरसिंहपुर में पूज्य बालकदास जी महाराज, मण्डला में स्वामी शरदात्मानन्दा जी, डिण्डौरी में स्वामी कालीनंद जी महाराज, बालाघाट में स्वामी विष्णुस्वरूपानंद जी सरस्वती, सीहोर में स्वामी विश्वेश्वरानन्द जी, रायसेन में स्वामिनी तत्वप्रियानंदा जी, भोपाल में स्वामी हरि ब्रम्होन्द्रानंद तीर्थ जी, विदिशा में स्वामिनी सत्यव्रतानन्दा जी सरस्वती, राजगढ़ में स्वामी समानंद गिरि, हरदा में स्वामिनी स्वप्रकाशानन्दा जी, नर्मदापुरम् एवं बैतूल में स्वामिनी सुप्रभानंदा जी सरस्वती, रीवा में स्वामी श्री केशवानंद सरस्वती जी, सिंगरौली में स्वामी भयंकरानंद जी, सतना में स्वामी रामहृदय दास जी, सीधी में स्वामी दिवाकर दास जी, अनूपपुर में जगदगुरू श्री रामानंद राजराजेश्वराचार्य, शहडोल में पूज्य स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी, सागर में स्वामी राजीव लोचनदास जी, उमरिया में साध्वी शिरोमणि दीदी, उज्जैन में चितहरी प्रभु, पन्ना में स्वामी शाश्वतानंद जी सरस्वती, दमोह में साध्वी विभानन्द जी, टीकमगढ में स्वामिनी सुप्रभानंदा जी सरस्वती, छतरपुर में अंबुजाक्ष प्रभु, निवाड़ी में स्वामी वेदानन्द जी, इन्दौर में स्वामी श्री परमानंद गिरी जी, खरगोन में स्वामी हरिओमानंद जी, धार में पूज्य नरसिंहदास जी महाराज, झाबुआ में पूज्य स्वामी प्रणवानंद सरस्वती जी, अलीराजपुर में स्वामी अखिलानन्द जी सरस्वती, बड़वानी में स्वामी प्रदीप्तानन्द जी सरस्वती, बुरहानुपर में स्वामी प्रणवानंद सरस्वती जी, खण्डवा में पूज्य विवेकानंद पुरी जी, रतलाम में स्वामिनी परमानन्दा जी, आगर-मालवा में ऋषभानन्द प्रभु, मंदसौर में श्याम वल्लभप्रभु, शाजापुर में महामण्डलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरिजी, ग्वालियर में स्वामी मुदितवदनानंद जी, नीमच में सीतानाथ प्रभु, गुना में स्वामी भागवतानंद जी सरस्वती, अशोकनगर में स्वामिनी सुप्रभानंदा जी सरस्वती, शिवपुरी में पूज्य पुरूषोत्तम दास जी, मुरैना में पूज्य ऋषभदेवानंद जी, दतिया में स्वामी भूमानंद जी महाराज, भिण्ड में स्वामी वेदतत्वानंद जी, श्योपुर में स्वामी ब्रह्मपरानन्द जी सरस्वती, रायसेन में स्वामिनी तत्वप्रियानंदा जी, सीहोर में स्वामी विश्वेश्वरानन्द जी एवं विदिशा में स्वामिनी सत्यव्रतानन्दा जी सरस्वती सहित प्रमुख संत स्नेह यात्रा में शामिल हुए।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button