देश के हर गॉव में डिजिटल डॉक्टर, डिजिटल बेंकर, डिजिटल टीचर बनाने के लिए 20 लाख डिजिटल कैडेट्स बनाये जायेंगे । इससे दो मिलियन लोगों को रोजगार मिलेगा। डॉ. दिनेश कुमार त्यागी, प्रबंध संचालक,कॉमन सर्विस सेंटर्स – सीएससी – ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड, भारत सरकार ने एमपीपोस्ट के सकारात्मक डिजिटल जर्नलिज्म के दो दशक के अवसर पर विशेष सीरीज के तहत ऑनलाइन आयोजन- एमपीपोस्ट के साथ ” डिजिटल -सच ” में भारत को डिजिटल सोसायटी बनाने में कॉमन सर्विस सेंटर्स की भूमिका पर आयोजित यू-ट्यूब लाइव संवाद में यह जानकारी दी।
फिलहाल देश के प्रत्येक सीएससी पर 5 डिजिटल कैडेट् बना रहे हैं । अभी साढ़े चार लाख डिजिटल कैडेट्स हैं. 4 लाख कॉमन सर्विस सेंटर्स लोगों को सेवाएं दे रहे । लगभग 16 लाख लोग कॉमन सर्विस सेंटर्स से जुडे हैं और एक लाख 40 हजार ग्रामीण ई -स्टोर भी नागरिक सेवाएं दे रहे हैं भी अभी तक 220 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं।
डा त्यागी ने बताया कि मध्यप्रदेश के प्रोडक्ट को देश के 04 लाख लोकेशन पर बेचने के लिए के एक जिला एक उत्पाद के तहत सीएससी लांच करने को तत्पर है।
डॉ. दिनेश कुमार त्यागी, ने बताया की देश में डिजिटल इंडिया के चलते लोगों में बदलाव आ रहा है, सीएससी एक बहुत बडा आंदोलन है । यह कोई कार्यक्रम या स्कीम ही नहीं है। लोगों का जो हक़ है उनके नजदीक जा कर दिलाने की दिशा में कार्यरत है।
डॉ त्यागी ने विस्तार से बताया कि छोटे-छोटे उत्पादों को सीएससी के जरिए कैसे प्रमोट किया जा सकता है। आनलाइन ग्राहकों से कैसे जुडे और उनसे पैमेंट कैसे प्राप्त करें, सीएससी से छोटे छोटे उद्यमी, महिलाएं कैसे व्यापार कर सकते हैं इसके बारे में जानकारी दी ।
यू-ट्यूब लाइव संवाद के मॉडरेटर और एमपीपोस्ट के फाउंडर एडिटर सरमन नगेले के सवालों का जबाव देते हुए सीएससी के एमडी ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर्स एक तरह से भिन्न है जो गांव में बच्चे काम करते है हम उनकी पहचान कर उनको ट्रेंड करते है जिससे ग्रामीण उदयमिता विकसित हो । गांव में रहने वाले हर व्यक्ति को जो जरुरत है उसे घर के पास ही उपलब्ध करा सके।
सीएससी ग्रामीण महिलाओं को उनकी क्षमता और योग्यता के कारण ही डिजिटल सशक्त बना रहा है। स्वसहायता समूहों की तीस हजार महिलाऐं सीएससी से जुड़ चुकी हैं। भारत सरकार 80 करोड़ की राशि डायरेक्ट टू बेनिफिट डीबीटी के द्वारा ट्रांसफर करती है इसमें सीएससी सहायक हो रहा है।
डॉ. दिनेश त्यागी ने बताया कि सीएससी ई-शासन, शिक्षा, स्वास्थ्य , दूर चिकित्साक, मनोरंजन के साथ-साथ अन्य निजी सेवाओं के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता युक्त सेवाएं प्रदान करने के साथ -साथ सीएससी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि ये ग्रामीण क्षेत्रों में वेब समर्थ सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। सीएससी नागरिकों को जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं इससे कॉमन सर्विस सेंटर्स – जन सेवा केंद्र के माध्यम से लोगों का जीवन आसान बना रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सामान्य सेवा केंद्र -सीएससी ने डिजिटल उद्यमी बनाने की दिशा में कार्यरत है, कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से देश के ग्रामीणों को डिजिटली साक्षर लगातार बनाया जा रहा है। सीएससी भारत को डिजिटल सोसायटी बनाने में मूल आधार है, इससे गांव में रहने वालों की ज़िंदगी भी बदल रही है।
आत्मनिर्भर भारत के साथ बुनियादी ढांचे को एकीकृत और केंद्रीकृत करने में सीएससी का सरकार, देश और तकनीक के बीच एक मजबूत रिश्ता कायम करने में विशेष योगदान है। एक सवाल के जबाव में उन्होंने बताया की गांव के रिमोट एरिया में समूह की महिलाएं यदि कॉमन सर्विस सेंटर शुरू करना चाहे, तो उन्हें सीएससी एक सेंटर स्थापित करने के लिए सहयोग के साथ – साथ उन्हें इसके लिए प्रशिक्षण भी प्रदान कराएगा।