एमपी में जनजातीय भाषा एवं संस्कृति का किया जायेगा संरक्षण
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
- जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिये हर मोड़ पर साथ खड़ी है राज्य सरकार : मुख्यमंत्री श्री चौहान मुख्यमंत्री जनजातीय बहुल गाँव पिपलानी में सामूहिक विवाह समारोह में हुए शामिल 411 गोंड एवं कोरकू समाज के जोड़ों का हुआ विवाह मुख्यमंत्री ने बेटियों को भेंट की सामग्री और चेक
जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिये हर मोड़ पर साथ खड़ी है राज्य सरकार : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री जनजातीय बहुल गाँव पिपलानी में सामूहिक विवाह समारोह में हुए शामिल
411 गोंड एवं कोरकू समाज के जोड़ों का हुआ विवाह
मुख्यमंत्री ने बेटियों को भेंट की सामग्री और चेक
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। जनजातीय समाज को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के प्रयास लगातार जारी हैं। शासन द्वारा अनेक योजनाओं से इनके विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। जनजातीय भाषा और संस्कृति के संरक्षण का कार्य भी सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज सीहोर जिले के जनजातीय बहुल गाँव पिपलानी में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में गोंड एवं कोरकू समाज के सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेटियों की शादी में खुद का स्वागत नहीं करवाता, मैं तो वर-वधु और अपने बेटे-बेटियों का स्वागत करने आया हूँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पुष्प वर्षा कर वर-वधुओं का स्वागत कर उन्हें आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कन्या विवाह योजना को अब और अधिक उपयोगी एवं सार्थक बनाने के लिए इसमें शासन द्वारा दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 55 हज़ार रूपये कर दी गई है। इससे विवाह के आयोजन से लेकर बेटी की गृहस्थी की जरूरत का पूरा सामान और 11 हजार रूपये का चेक दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य गरीब परिवार की बेटियों की शादी की चिंता दूर कर, बिना ऋण लिए धूम-धाम से ख़ुशी-ख़ुशी विवाह करना हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेटियों को आशीर्वाद देते हुए खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद दिया। उन्होंन कहा कि सभी बेटियाँ अपने दोनों परिवारों का ध्यान रखे। मुख्यमंत्री ने दूल्हों से भी आग्रह किया कि वे मेरी भांजियों का पूरा सम्मान करें और सुखी रहें। विवाह समारोह में बेटियों को दुल्हन के रूप में देख मुख्यमंत्री श्री चौहान भावुक हो उठे। उन्होंने “बाबुल की दुआएँ लेती जा-जा तुझ को सुखी संसार मिले” गीत भी गाया।
जनजातीय समाज को सशक्त बनाने दिए जायेंगे और अधिक अधिकार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय समाज को और अधिक सशक्त बनाने के लिए इन्हें और अधिक अधिकार सम्पन्न बनाया जाएगा। इनके वनों पर अधिकार बढ़ाये जायेंगे। साथ ही अन्य योजनाओं से चौतरफा विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इमारती लकड़ी के विक्रय पर 20 प्रतिशत राशि स्थानीय वन समितियों को मिलेगी। तेंदूपत्ता की प्रति 100 गड्डी संग्रहण की राशि 250 रूपये से बढ़ाकर 300 रूपये की गयी हैं। जनजातियों के हित में पेसा एक्ट लागू करने का निर्णय लिया गया हैं। सामाजिक वन प्रबंधन का कार्य जनजातीय समूहों को दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय समूहों के बेटे-बेटियों के विवाह के अलावा उच्च शिक्षा का खर्च, आवास, राशन, स्वास्थ्य सहित जिन्दगी के हर मोड़ पर मामा शिवराज साथ देंगे।
जनजातीय भाषा एवं संस्कृति का किया जायेगा संरक्षण
सांसद सुश्री संपतिया उइके के पारदी भाषा में सम्बोधन से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए सरकार सभी प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा एवं संस्कृति को कभी न छोड़े। यह एक सम्मान की बात हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 10 बेटियों को सांकेतिक तौर पर 11-11 हज़ार रूपये के चेक भेट किये। उन्होंने नव दम्पत्तियों को कन्या विवाह योजना में प्रावधान अनुसार 32 इंच का एलईडी टीवी, एक टेबल फेन, 51 बर्तन, पलंग बिस्तर, दुल्हन के कपड़े, श्रृंगार का सामान और चांदी के आभूषण आदि सामान भी दिया। कार्यक्रम में प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों से आये जन-प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।
समारोह में हुई मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
सामूहिक विवाह सम्मलेन में बैतूल तथा महाराष्ट्र से आये सांस्कृतिक दल की आकर्षक नृत्य प्रस्तुति ने उपस्थित जन-समूहों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सांस्कृतिक दलों को 25-25 हज़ार रूपये देने की घोषणा की। मंड़ला सांसद सुश्री संपतिया उइके ने भी सांस्कृतिक दलों को 10 हज़ार रूपये देने की घोषणा की।
प्रतिभावान बच्चों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कक्षा 10वीं और 12वीं में प्रथम श्रेणी प्राप्त 49 जनजातीय छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र एवं ट्रॉफी प्रदान की, जिनमें प्रवीण्य सूची के 6 छात्र-छात्राएँ भी शामिल हैं।
विवाह समारोह में 50 हज़ार से अधिक बाराती और घरातियों ने मिलकर सामूहिक विवाह सम्मेलन को भव्य एवं अद्भुत बनाया। कन्या-पूजन से प्रारंभ सामूहिक विवाह बेटी की विदाई के साथ संपन्न हुआ। खाद्य मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, विदिशा सांसद श्री रमाकांत भार्गव ने भी संबोधित किया। पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, पूर्व मंत्री श्री ओमप्रकाश धुर्वे, श्री गुरूप्रसाद शर्मा सहित जन-प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में स्थानीय जन उपस्थित थे।