पत्रकारिता के प्रति उनकी निष्ठा ,तपस्या और समर्पण की जीवंत मिशाल भारतीय पत्रकारिता के प्रतीक पुरुष

कर्मयोगी पत्रकार पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर का जन अभिनंदन आज 21 फरवरी 2023 को

 

 

कर्मयोगी यशस्वी पत्रकार पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर जन अभिनंदन समारोह…
21 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में हिंदी भवन,भोपाल में आयोजित होने जा रहा है अभिनंदन समारोह.
प्रदेश की विभिन्न साहित्यिक संस्थाएं करेंगी उत्सव मूर्ति का सम्मान…

पत्रकारिता जगत के प्रकाश स्तंभ…अपनी मिशाल खुद आप…वरेण्य संपादक…पत्रकारिता विषयक दर्जनों ग्रंथों के प्रणेता… पत्रकारिता जगत में सक्रिय अनेकानेक सुयोग्य प्रतिभाओं के शिल्पी…मार्गदर्शक…भारत ही नहीं दुनिया के अनेकानेक देशों में ‘ज्ञान तीर्थ सप्रे संग्रहालय”(भोपाल) के अधिष्ठाता के रूप में समादृत अग्रज पद्मश्री Vijay Dutt Shridhar का यह अमृत महोत्सव वर्ष है।

आपको जानने वाले हजारों लोग आपकी अनथक कर्मशीलता के प्रशंसक हैं…जीवन के हर क्षण को सार्थकता प्रदान करती आपकी साधकों सी कार्यपद्धति विस्मित भी करती है और प्रेरित भी…इसके बाद भी सहजता और सरलता की प्रतिमूर्ति…अपनी वर्षों की साधना से अर्जित ज्ञान राशि बांटने का उत्साह ऐसा कि जिज्ञासु एक बार कुछ पूछ कर तो देखे…आप अपने अजस्र ज्ञान का भंडार सहज ही लुटा देते हैं…आपने सही अर्थों में जीवन को सार्थक किया है।

आपका सानिध्य पाकर हम परिजन तो गौरवान्वित हैं ही, कलमकारों सहित समाज का हर वह व्यक्ति गौरवान्वित है जिसे आपका सानिध्य मिला है।
आप शतायु हों…केवल परिवार की ही नहीं, लाखों लोगों की दुआएं आपके साथ हैं।

युवकोचित उत्साह आपका हतप्रभ सा कर देता है।
उम्मीदों के आसमान में जोश नया भर देता है।।
नाउम्मीदी या दुश्वारी,जब-जब बाधक बनतीं हैं।
चरैवेति का मंत्र आपका,राह सुगम कर देता है।।

🔵पत्रकारिता को व्यवसाय नहीं मिशन मानने वाले श्री विजय दत्त श्रीधर जी ने सप्रे संग्रहालय की स्थापना के साथ- साथ “एक भारतीय आत्मा” श्री माखनलाल चतुर्वेदी जी की विरासत पत्रिका “कर्मवीर” का पुनरप्रकाशन कर पत्रकारिता जगत को बहुमूल्य योगदान दिया है. स्वतंत्रता आंदोलन की मुखर आवाज़ रहा “कर्मवीर” आपके मार्गदर्शन में भोपाल से प्रकाशित किया जा रहा है.

🔵पत्रकारिता के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं कार्यरत पत्रकारों के मार्गदर्शन के लिए संभवतः देश की अनूठी एवं इकलौती पत्रिका है “आंचलिक पत्रकार”, जो आपके संपादकत्व में विगत कई दशकों से प्रकाशित हो रही है.

🔵देश-विदेश के हजारों शोधार्थी अब तक आपके मार्गदर्शन में पत्रकारिता विषयक शोध कार्य कर चुके हैं. इतना ही नहीं स्वयं आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर भी शोध कार्य हुआ है, जिस पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा पी. एच. डी. की उपाधि प्रदान की गई है.

पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर की एकनिष्ठ साधना के जीवंत स्मारक “माधव राव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय” की ज्ञान संपदा से रूबरू होकर संग्रहालय और खुद भाई साहब के संबंध में क्या महसूस करते हैं लोग? आइए इसकी एक झलक देखते हैं….

🔵भोपाल आज इस बात पर गर्व कर सकता है कि उसके पास “माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय” जैसा संस्थान है.
डॉ. शंकर दयाल शर्मा
पूर्व राष्ट्रपति
🔵सप्रे संग्रहालय और विजय दत्त श्रीधर एक दूसरे के पर्याय हैं या यूं कहें कि जहां कहीं सप्रे संग्रहालय की उपलब्धियों का जिक्र होता है वहां श्रीधर जी मौजूद हैं .हिंदी पत्रकारिता को उत्कृष्टता और ऊंचाइयों पर ले जाने के संकल्प का परिणाम है सप्रे संग्रहालय.
श्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री
🔵श्री सुंदरलाल पटवा जब 1990 में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री थे तब भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि इसके लिए श्रीधर जी ने कितना प्रयास किया था .कुछ ऐसी बातें होती हैं जो प्रकाश में आ जाती हैं और कुछ ऐसी बातें होती हैं जो दबी- छुपी रहती हैं, या प्रकरण विशेष से जुड़े लोगों की यादों में रह जाती हैं. यह ऐसी ही बात है जो मैं आज उजागर कर रहा हूं ,ताकि सनद रहे.
श्री नरेंद्र सिंह तोमर
(कृषि मंत्री ,भारत सरकार)

🔵श्रीधर जी आज भी युवा लगते हैं. आंखों में अब भी युवाओं की सी चमक है.कारण एक ही हो सकता है – उन्हें अपने काम से बेहद लगाव है. उनकी ऊर्जा पर मैं चकित हूं. वह सच्चे अर्थों में कर्मयोगी हैं.
श्री अमृतलाल वेगड़(नर्मदा के मानस पुत्र के नाम से ख्यात साहित्यकार)
🔵बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं हमारे श्रीधर जी. उन जैसा जीवट वाला ही राष्ट्रीय गौरव का विशाल स्मारक “माधवराव सप्रे संग्रहालय” खड़ा कर सका, जिसे आज भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अनमोल तथा बेजोड़ ज्ञान केंद्र कहा जा सकता है.
डा. बदरीनाथ कपूर
(हिंदी के लब्ध प्रतिष्ठित कोशकार)
🔵श्रीधर जी के साथ भोपाल में बिताए गए 5 वर्षों का कार्यकाल मेरी स्मृति का स्थाई और सुखद हिस्सा बन चुका है. अपने निजी जीवन में आई आपदाओं को हाशिए पर धकेल कर श्रीधर जी आज भी जिस संकल्प शक्ति के साथ पत्रकारिता में मूल्य बोध और गुणवत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वह वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए श्लाघनीय है .
श्री अच्युतानंद मिश्र
( प्रतिष्ठित संपादक तथा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति )
🔵श्री विजय दत्त श्रीधर मेरे ऐसे प्रिय मित्र हैं जिनका मैं सम्मान नहीं करता हूं, बल्कि पत्रकारिता के प्रति उनकी निष्ठा ,तपस्या और समर्पण को देखकर मैं उन्हें भारतीय पत्रकारिता का प्रतीक पुरुष मानता हूं.

Exit mobile version