जीवन-यात्रा के विभिन्न आयामों और पड़ावों को पर्यटन से जोड़ रहा है मध्यप्रदेश सुश्री उषा ठाकुर, पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री, मध्यप्रदेश शासन
जीवन के विविध आयामों से गुजरती जीवन-यात्रा मानव के चित्त को परमात्मा से जोड़ती है। लोक से परलोक, भौतिकता से आध्यात्म, अंधकार से प्रकाश और आत्मा से परमात्मा तक के सफर को समेटे हुए मानव अपना जीवन चक्र पूरा करता है। जीवन-यात्रा के इन विविध पड़ाव और आयामों को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्यटन से जोड़ने की अभिनव पहल की है। इस पहल को मूर्त रूप देने के लिए प्रदेश के पर्यटन विभाग ने अंतर-विभागीय और बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है। पर्यटन विभाग ने मानव की जीवन यात्रा के विभिन्न पड़ाव और आयामों को धर्म, संस्कृति, आध्यात्म और स्वास्थ्य के साथ जोड़कर विकसित किया है। इससे आरामदायक और सुलभ पर्यटन के साथ मनुष्य का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उन्नयन संभव हो सकेगा।
मनुष्य की बाल्य-काल से वृद्धावस्था तक के सफर में उसकी रूचियों और आवश्यकता में निरंतर परिवर्तन होते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने बच्चों के लिये साइकिलिंग, पतंगबाजी और इंडोर गेम्स जैसी रोचक गतिविधियाँ, युवाओं के लिए पैराग्लाइडिंग, बैलून सफारी जैसी साहसिक गतिविधियों के साथ वृद्धजन के लिए वैलनेस और आयुर्वेदिक पंचकर्म जैसी सुविधाएं पर्यटन स्थल पर उपलब्ध करायी गई हैं। इस तरह हर आयु वर्ग के लिए पर्यटन स्थल पर पर्याप्त रोचक, साहसिक और मनोरंजक गतिविधियाँ संचालित करने के नवाचारों और नीतिगत परिवर्तनों के फल स्वरूप विश्व के प्रतिष्ठित ट्रेवल पब्लिकेशन ‘लोनली प्लैनेट’ ने मध्यप्रदेश पर्यटन को वर्ष 2020 में ‘बेस्ट वैल्यू डेस्टिनेशन’ में तृतीय स्थान पर रखा है।
व्यक्तित्व के विकास के लिए ज्ञानवर्धन के साथ धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उन्नयन भी आवश्यक होता है। पर्यटन विभाग ने संस्कृति और आध्यात्म विभाग के परस्पर समन्वय से व्यक्तित्व विकास के लिए पर्यटन के विभिन्न आयाम को शामिल किया है। इनमें अनुभूति पर्यटन, साहसिक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, मॉनसून पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, वैलनेस टूरिज्म और रॉक आर्ट टूरिज्म जैसे नवाचार पर्यटकों को रोचक जानकारी और अनुभव देने के साथ उनके व्यक्तित्व विकास में योगदान देंगे। प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के समीप अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों को जोड़कर ‘टूरिज्म सर्किट’ विकसित किए जा रहे हैं। इन सर्किटों में पर्यटको को पर्यटन के साथ आसपास के क्षेत्र की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारत, म्यूजियम और स्थानीय संस्कृति से परिचित मिलेगा, वहीं स्थानीय निवासियों को आर्थिक उन्नयन के साधन उपलब्ध होंगे। यह दोनों के लिए ही विन-विन सिचुएशन होगी, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास संभव हो सकेगा।
ग्रामीण पर्यटन कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश के प्रमुख 6 सांस्कृतिक क्षेत्रों में ग्रामों को हेरिटेज ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें 1500 से अधिक होमस्टे विकसित किए जायेंगे। पर्यटक को पर्यटन स्थल के समीप ही स्थानीय संस्कृति से परिचय, स्थानीय व्यंजन के स्वाद, हस्त-कला और हस्त-शिल्प के उत्पादों को क्रय करने का अवसर मिलेगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे। हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा ओरछा के ग्राम लाडपुरा खास को यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन अवार्ड मे ‘बेस्ट टूरिज्म विलेज’ श्रेणी में नामांकित किया गया है। अगले 5 वर्ष में प्रदेश के 100 गाँवों को ग्रामीण पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इनमें ओरछा, खजुराहो, मांडू, साँची, पचमढ़ी, तामिया, पन्ना नेशनल पार्क, बांधवगढ़ नेशनल पार्क, संजय दुबरी नेशनल पार्क, पेंच और कान्हा नेशनल पार्क आदि क्षेत्रों में उपयुक्त स्थलों का चयन कर विकास किया जाएगा।
प्रदेश के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति अनायास ही पर्यटक आकर्षित हो जाते है। मॉनसून पर्यटन वर्षा काल में पर्यटकों को प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य से परिचय कराने के लिए जंगल में ‘बफर में सफर’ कैंपेन चलाया गया। इस कैंपेन में पर्यटकों ने जंगल के बफर जोन में सफारी का आनन्द लिया। साथ ही बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हॉट एयर बैलून सफारी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे। पर्यटकों ने बताया हॉट एयर बैलून में ऊँचाई से राष्ट्रीय उद्यान की हरियाली और सुंदरता को निहारना उनके जीवन का न भूलने वाला पल बन गया है।
प्रदेश के नागरिकों को पर्यटन के दौरान ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘अनुभूति पर्यटन’ के लिए पन्ना में जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद द्वारा कार्य-योजना बनाई गई है। यहाँ पर राज्य का आर्ट डायमंड म्यूजियम स्थापित किया जाएगा। पन्ना प्रदेश का एकमात्र जिला है जहाँ से हीरे प्राप्त होते हैं। पर्यटकों को हीरे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ म्यूजियम में उपलब्ध कराई जाएगी।
कैंपिंग और साहसिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ‘साहसिक पर्यटन’ अंतर्गत प्रदेश में युवाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। युवाओं के लिए चुनिंदा पर्यटन स्थलों पर साइकिल टूर, वॉटर स्पोर्ट्स, कैंपिंग, हॉट एयर बैलून सफारी जैसी रोमांचक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही मांडू उत्सव, खजुराहो नृत्य समारोह और जल महोत्सव में युवाओं के लिए म्यूजिक कंसर्ट का भी आयोजन किया जा रहा हैं।
प्रदेश के धार्मिक स्थल और वहाँ की आध्यात्मिक अनुभूति अपने आप में विशिष्ट स्थान रखते हैं। यह धार्मिक स्थल परमात्मा से संपर्क का सीधा माध्यम है। पर्यटकों को धार्मिक स्थलों तक पहुँच सुगम और कुशल तरीके से उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग ने ‘धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन’ अंतर्गत प्राचीन नगरी उज्जैन, चित्रकूट, अमरकंटक, मैहर, महेश्वर, मंदसौर, ओंकारेश्वर, खजुराहो, ग्वालियर और ओरछा आदि में सुलभ और आरामदायक पर्यटन की सुविधाओं का विकास किया है। अब पर्यटक इन स्थलों पर धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभूति के साथ आस-पास के स्थलों पर मनोरंजन और रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे।
अधिक उम्र और वृद्ध पर्यटकों के स्वास्थ्य की चिंता भी पर्यटन विभाग को है। ‘वेलनेस टूरिज्म’ के अंतर्गत प्रदेश के 7 महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल पर वेलनेस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। वैलनेस सेंटर पर पर्यटक के लिए योग, आयुर्वेद पद्धति से पंचकर्म, कायचिकित्सा, मेन्टल हेल्थ व्यायाम जैसी चिकित्सा और वैलनेस सुविधाएँ उपलब्ध होगी। पर्यटन विभाग की इकाइयों जैसे होटल होलीडे होम्स अमरकंटक, सैलानी आईलैंड रिजॉर्ट सैलानी, गांधी सागर डैम के समीप स्थित हिंगलाज रिजॉर्ट मंदसौर, व्हाइट टाइगर फॉरेस्ट लॉज बांधवगढ़, किपलिंग कोर्ट और इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, ओरछा आदि प्रमुख शहर में वैलनेस सेंटर स्थापित किए जायेंगे।
महिलाओं की सुरक्षा प्रदेश की प्राथमिकता है। प्रदेश के पर्यटन स्थलों में महिला पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करने और उन्हें भयमुक्त वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा ‘महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना’ का क्रियान्वयन किया जाएगा। पर्यटन स्थलों में कौशल उन्नयन कर महिलाओं को रोजगार एवं स्व-रोजगार से जोड़ा जाएगा, जिससे आने वाली महिला पर्यटक अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें। साथ ही पर्यटन को अधिक जिम्मेदार और सतत बनाने के उद्देश्य से ‘मध्यप्रदेश रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन’ प्रारंभ किया गया है। इसके अंतर्गत स्थानीय स्तर पर कौशल उन्नयन कार्यक्रम, हस्तशिल्प एवं कला, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, सुगम्यता अंकेक्षण आदि का संचालन किया जाएगा।
कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पर्यटकों की सुरक्षा और पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। प्रदेश के टूरिज्म होटलों और पर्यटन स्थल पर कार्यरत सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और स्टाफ का वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड-19 प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं।
पर्यटको में सभी आयु वर्गों की रूचियों और उपलब्ध मनोरंजन के सभी साधनों का संसाधनों का समावेश करते हुए पर्यटन विभाग ने एकीकृत पर्यटन इकोसिस्टम का विकास करने का प्रयास किया है। जहाँ पर्यटकों को आरामदायक और लक्जीरीयस सुविधाएँ देने के साथ उनके ज्ञान संवर्धन, धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नयन के साथ स्वास्थ्य वर्धन का भी विशेष ध्यान रखा गया है।
मध्यप्रदेश में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए अपनी जीवन-यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर रुचि अनुसार पर्यटन स्थलों के चयन करने के सभी विकल्प उपलब्ध हैं। प्रदेश का नैसर्गिक सौंदर्य और ऐतिहासिक स्थल न सिर्फ आपको लुभाने के लिए तैयार हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति और खासकर प्रदेशवासियों का आत्मीय व्यवहार भी आपका स्वागत करने के लिए आतुर है। जीवन में एक बार मध्यप्रदेश की यात्रा कर पर्यटन स्थलों का आनंद अवश्य लें। देश के ह्रदय प्रदेश मध्यप्रदेश में आपका स्वागत है।
जय हिंद।
( लेखक- पर्यटन संस्कृति और आध्यात्म मंत्री,मध्यप्रदेश शासन
हैं। )