ग्वालियर को मिलेगी जियो साइंस म्यूजियम की सौगात, महाराजा श्रीमंत जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा होगा अनावरण
वृहद शास्त्रीय बैंड की समवेत प्रस्तुति से गुंजायमान होगा ग्वालियर का ऐतिहासिक दुर्ग
सांध्य बेला में होगा अद्भुत आयोजन
नादब्रम्ह के लगभग 350 से अधिक साधक विभिन्न वाद्य यंत्रों की समवेत प्रस्तुति गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में होगी दर्ज
संगीतधानी ग्वालियर अगले पाँच दिनों तक सुरों की बारिश से सराबोर रहेगी
शास्त्रीय संगीत का शीर्षस्थ महोत्सव “तानसेन संगीत समारोह” 15 से 19 दिसम्बर तक
18 दिसम्बर को सायंकाल होगा तानसेन अलंकरण समारोह
ग्वालियर दुर्ग पर होगी वृहद शास्त्रीय बैंड की समवेत प्रस्तुति कार्यक्रम
भोपाल : शनिवार, दिसम्बर 14, 2024,
उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 15 दिसम्बर को ग्वालियरवासियों को महत्वपूर्ण सौगातें देंगे। उप राष्ट्रपति बजे महाराजबाड़ा में जियो साइंस म्यूजियम का लोकार्पण और जीवाजी विश्वविद्यालय में महाराज श्रीमंत जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार की शाम 6 बजे संगीतधानी ग्वालियर में सुर सम्राट तानसेन की स्मृति में आयोजित तानसेन संगीत समारोह का शुभारंभ करेंगे। संगीतधानी ग्वालियर की फिजा अगले पाँच दिनों तक सुर, ताल और राग की बारिश में सराबोर रहेगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन संगीत समारोह” संगीत की नगरी ग्वालियर में 15 दिसम्बर से 19 दिसम्बर तक आयोजित होगा। तानसेन समारोह का यह शताब्दी आयोजन है। इसी मंच पर बैठकर देश और दुनिया के ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे।
उदघाटन समारोह में केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया और विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। समारोह की अध्यक्षता संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी करेंगे। समारोह में जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सामाजिक न्याय एवं उद्यानिकी मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह, विधायक डॉ. सतीश सिकरवार, श्री साहब सिंह गुर्जर, श्री सुरेश राजे व श्री मोहन सिंह राठौर एवं महापौर डॉ. शोभा सिकरवार विशेष अतिथि हैं।
शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनियाँ के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” में इस बार अलग ही रंग भरे गए हैं। राज्य शासन के संस्कृति विभाग की उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी व मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा जिला प्रशासन व नगर निगम के सहयोग से हर साल तानसेन संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है।
प्रात:काल पारंपरिक ढंग से एवं सायंकाल होगा औपचारिक शुभारंभ
शताब्दी वर्ष के तानसेन समारोह का आगाज 15 दिसम्बर को होगा। इस दिन सुबह 10 बजे हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। सायंकाल 6 बजे समारोह की मुख्य सभाओं के लिए ऐतिहासिक महेश्वर किला की थीम पर बनाए गए भव्य मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी।
सायंकालीन सभा 15 दिसम्बर – तानसेन समाधि स्थल
सभा का शुभारंभ पारंपरिक रूप से सायंकाल 7 बजे शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में सुश्री भारती प्रताप बैंगलुरू का गायन होगा। इस सभा में विश्व संगीत के तहत श्री यूजी नाकागावा एवं सुश्री शिगेरू मोरियामा जापान की प्रस्तुति होगी। साथ ही पं. राहुल शर्मा मुम्बई का संतूर वादन भी होगा।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनेगा
संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में आयोजित हो रहे शताब्दी समारोह में एक नए आयाम के रूप में वृहद शास्त्रीय बैंड की इस समवेत प्रस्तुति को जोड़ा गया है। इस अद्भुत समवेत प्रस्तुति में नादब्रम्ह के लगभग 350 साधक एक साथ विभिन्न वाद्य यंत्रों का वादन करेंगे। संगीत के क्षेत्र में भारत को वैश्विक पहचान को और ऊँचाईयां दिलाने के लिये इस प्रस्तुति को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के प्रयास भी होंगे। वृहद शास्त्रीय बैंड की इस प्रस्तुति में बाँसुरी, सितार, सरोद, संतूर, शहनाई, बायलिन, सारंगी व हार्मोनियम इत्यादि वाद्य यंत्रों से मधुर धुनों की बारिश होगी तो तबला व पखावज की थाप के साम्य से शहर की फिज़ा में सुर संगीत के नए रंग भरेंगे।
मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएँ होंगीं
तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर को सायंकाल तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसम्बर को प्रात:काल 10 बजे से दो संगीत सभायें समानांतर रूप से सजेंगीं। यह सभायें तानसेन समाधि स्थल के मुख्य मंच व मुरैना जिले के सुप्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में संगीत सभा सजेगी। समारोह के आखिरी दिन यानि 19 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी।
प्रख्यात तबला वादक पं. स्वपन चौधरी तानसेन अलंकरण से होंगे विभूषित
अलंकरण समारोह का आयोजन 18 दिसम्बर को सायंकाल 6 बजे तानसेन समाधि परिसर में मुख्य समारोह के भव्य मंच पर आयोजित होगा। देश के ख्यातिनाम तबला वादक पं. स्वपन चौधरी कोलकाता को वर्ष 2023 के तानसेन सम्मान से विभूषित किया जायेगा। इसी तरह वर्ष 2023 के राजा मानसिंह तोमर सम्मान से सानंद न्यास इंदौर को अलंकृत किया जायेगा।