जैसा कि सर्वविदित है कि विगत 14-15 माह से हम सभी भारतवर्ष के लोग तथा संपूर्ण विश्व कोविड-19 नामक संक्रमण से गुजर रहा है। इस संकमण ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को बहुत प्रभावित किया है ।
इस बीच हमने कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर के प्रकोप को भी सहा है। इस कोविड संक्रमण की अलग-अलग प्रकार की लहर के दौरान बहुत सारे लोगों के रिश्तेदारों, पारिवारिक सदस्यों तथा मित्र मंडली में से कई लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर हानि हुई है। कुछ प्रकरणों में लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी है।
अतः दोस्तों, फिर यह बीमारी सर नहीं उठा सके, फिर हमें यह सब सहन न करना पड़े, फिर यह बीमारी विकराल रूप धारण न कर सके तथा वैसे दिन न देखना पड़े, इसके लिये हमें कुछ सावधानियाँ रखनी आवश्यक है।जैसे विगत एक वर्ष से बातें भी हो रही हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिये।
इनमें सबसे पहला नियम ये आता है कि हमें सही तरीके से मास्क का उपयोग करना चाहिये। इसके अलावा नियमित रूप से साबुन से हाथों को धोना है तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना है।
सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए पब्लिक प्लेस में प्रत्येक व्यक्ति से दो गज की दूरी का ध्यान रखना है। इससे भी ज्यादा आवश्यक है कि जितना हो सके भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें। हमें पहले से भी ज्यादा अब इन सभी नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है। इसके अलावा जो बहुत बड़ा हथियार है जिससे इस कोविड- 19 के संक्रमण पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, वो है वैक्सीनेशन या टीकाकरण
टीकाकरण अर्थात कोविड से बचाव हेतु टीका लगवाना। हमारे देश में वर्तमान में कोविड से बचाव हेतु दो टीके उपलब्ध है। इनमें से एक वैक्सीन पूरी तरह से भारत में ही निर्मित हुई है तथा दूसरी का निर्माण भारत में हो रहा है। ये दोनों ही वैक्सीन कोविड संकमण से बचाव में कारगर है तथा इनके डोज की उचित मात्रा व दोनों डोज लगवाने पर कोविड संक्रमण से बहुत हद तक बचाव हो जाता है। जब हम टीकाकरण के द्वारा अपना बचाव कर लेते हैं तो परोक्ष रूप से हम दूसरों का भी कोविड संक्रमण से बचाव कर लेते हैं।
कोविड 19 से बचाव हेतु लगाई जा रहा वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। हमारी सरकार हमारे स्वास्थ की सुरक्षा हेतु पूरी तरह से जागरूक है तथा वह लगातार प्रयासरत है कि इस बीमारी से हमारा बचाव हो सके। इस कार्य हेतु वैक्सीनेशन एक बड़ा हथियार है।
अत: मेरा सभी लोगों से अनुरोध है कि वैक्सीनेशन जरूर करवायें। इस तरह न केवल आप कोविड संक्रमण से स्वयं का बचाव कर सकते हैं बल्कि अपने परिजनों, मित्रों तथा मिलने-जुलने वालों एवं आस-पास के सभी लोगों को कोविड से बचाने के लिये अपना उत्तरदायित्व निभाते हैं। जब आप स्वयं संक्रमित नहीं होंगे तो आपके परिवार में छोटे बच्चे, अन्य परिजन तथा आपके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों तक कोविड संकमण आपके द्वारा संचारित नहीं होगा ।
जैसा कि हमें पता है कि वर्तमान में 18 वर्ष तथा इससे अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिये वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध है तो 18 वर्ष और अधिक की आयु के लोग वैक्सीनेशन अवश्य करवायें। वर्तमान में 18 वर्ष की आयु से कम अर्थात बच्चों के लिये वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं है, जब इस आयु वर्ग का वैक्सीनेशन होगा, तब भी इस आयु वर्ग के सभी बच्चों को टीका लगवाना चाहिए। जब हम खुद वैक्सीनेटेड हो जाते हैं तो गंभीर बीमारियाँ हमें नहीं होती है तथा किसी न किसी रूप में यह हमारे परिवार को भी सुरक्षित करता है। परिवार के अन्य लोगों का यदि वैक्सीनेशन हो जाता है तो बच्चों को स्वयं ही इस संक्रमण से सुरक्षा मिल जाती है।
प्रायः देखने में आ रहा है कि वैक्सीनेशन से संबंधित अनेक भ्रांतियाँ लोगों के बीच में फैली हुई है जैसे वैक्सीनेशन के उपरांत उन्हें गंभीर साइड इफेक्ट हो जाएंगे या उनके स्वास्थ पर विपरीत असर पड़ेगा वास्तव में ये भ्रांतियाँ निराधार है तथा इनके प्रमाण में कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। वैक्सीनेशन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है, हाँ कुछ साधारण साइड-इफेक्ट देखे जा सकते हैं जैसे हल्का बुखार आना, बदन दर्द होना तथा सरदर्द आदि जो 1-2 दिन में स्वतः ही ठीक हो जाते हैं। वैक्सीनेशन के दौरान ऐसा होना स्वभाविक बात है तथा ये साइड इफेक्ट भी सबको नहीं होते हैं। इस तरह के साइड इफेक्ट कई अन्य वैक्सीन में जैसे बच्चों को अन्य रोगों से बचाव हेतु लगाये जाने वाले वैक्सीन में भी देखे जाते हैं।
ये उसी तरह के साइड-इफेक्ट है, जो बिलकुल भी चिंताजनक नहीं है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि वैक्सीन से हमें जो कोविड-19 जैसी गंभीर एवं जानलेवा बीमारी से सुरक्षा मिल रही है, उसकी तुलना में ये छोटे-छोटे साइड इफेक्ट बहुत ही नगण्य हैं।
अत: मेरी सलाह है कि भांतियों में तथा तथ्यहीन अफवाहों में न आएँ। बिना किसी झिझक के बेफिक होकर वैक्सीन लगवाएँ तथा खुद को और अपने प्रियजनों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाएँ। वैक्सीनेशन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ, नर्स तथा अन्य फ्रंटलाइन वर्कर जैसे पुलिस, आपातकालीन सेवा प्रदान करने वाले कर्मचारी तथा अत्यावश्यक सेवाओं हेतु तैनात कर्मियों का टीकाकरण हो चुका है तथा ये पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने टीका लगवाकर कोविड-19 से अपना बचाव कर लिया है। कोविड-19 संक्रमण से स्वयं को और खुद के संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों हेतु वैक्सीन का सुरक्षा कवच सुनिश्चित कर वे 24 घण्टे आपकी सेवा में उपस्थित हैं।
अतः स्वयं के प्रति और अपने परिवार और समाज के प्रति इस वैश्विक आपदा के समय अपनी जिम्मेदारी निभाएँ और टीका अवश्य लगवाएँ। वैक्सीनेशन के उपरांत भी मास्क का नियमित उपयोग करना है तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना है। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में नहीं जाना है। इस तरह हम कोरोना वायरस के विरुद्ध हमारी जंग जीत सकते हैं।
(लेखक म.प्र. इंडियन एकेडमी ऑफ पीडिट्रियाक्स के सचिव और गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में प्रोफेसर बाल्य एवं शिशु रोग विभाग है।)