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मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन तथा विकास के लिये समिति गठित की जायेगी,समिति एक माह में रिपोर्ट देगी,विधायकों, पूर्व महापौर, बिल्डर्सऔर तकनीकी विशेषज्ञों के सुझाव आये

 

कार्यशाला में आये सुझावों पर विचार हेतु बनेगी समिति-एक माह में देगी रिपोर्ट
नगरीय क्षेत्रों में बेहतर प्रबंधन तथा विकास कार्यशाला में नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह

मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन तथा विकास कार्यशाला में आये सुझावों पर विचार के लिये समिति गठित की जायेगी। समिति एक माह में रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर नगरीय विकास की प्लानिंग में सुधार किये जायेंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्रीश्री भूपेन्द्र सिंह ने यह बात कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया भी उपस्थित थे।

नियम प्रक्रिया के मामले में म.प्र. बने आदर्श राज्य

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कार्यशाला में द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उद्देश्य यही है कि नगरों का समन्वित विकास हो। सरकारी नियम एवं प्रक्रिया विधायकों, पूर्व महापौर, बिल्डर्सऔर तकनीकी विशेषज्ञोंजटिल होती है, तो अवैध कॉलोनी बनने की संभावनाएँ ज्यादा होती हैं, इसलिये नियम और प्रक्रियाओं को सरल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग का पूरा प्रयास है कि नियम और प्रक्रिया के हिसाब से प्रदेश देश में आदर्श राज्य बने। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में नगरीय क्षेत्रों के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

श्री सिंह ने कहा कि नगरों के चहुँमुखी विकास के लिये प्रभावी रणनीति बनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, सीवरेज, सड़क और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इन योजनाओं के और अधिक बेहतर ढंग से क्रियान्वयन में आज प्राप्त सुझावों का उपयोग किया जायेगा। इस तरह की कार्यशालाएँ आगे भी आयोजित की जायेंगी और इनमें विशेषज्ञों को बाहर से भी आमंत्रित किया जायेगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि कानून और नियम सरकार की मंशा को बताते हैं। नगरपालिका विधि संशोधन विधेयक सरकार की विकासशील मंशा का प्रतीक है। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन के लिये नगरीय विकास एवं आवास मंत्री की सराहना की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट की ओर अग्रसर है।

विधायकों एवं अन्य विशेषज्ञों ने दिये महत्वपूर्ण सुझाव

कार्यशाला में विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि नगरीय निकाय के करों में एकरूपता होनी चाहिये। नामांतरण की प्रक्रिया सरल हो। विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया ने सुझाव दिया कि अवैध कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो। विधायक श्री रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मास्टर प्लान के पहले जोनल प्लान बनाये जायें। विधायक श्री अशोक रोहाणी ने कहा कि अवैध कॉलोनी को वैध करने की समय-सीमा तय करें। विधायक श्रीमती मालिनी गौड़ ने कहा कि जल-मल बोर्ड बनाया जाये। विधायक श्रीमती कृष्णा गौड़ ने कहा कि सड़कों के साथ ही सीवरेज का भी मास्टर प्लान बनायें। विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि नगरीय निकायों में स्किल्ड ऑफीसर प्रतिनियुक्ति में लें। विधायक श्री संदीप जायसवाल, श्री चैतन्य कश्यप, श्री रामलल्लू वैश्य ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। कार्यशाला में पूर्व महापौर, क्रेडाई के पदाधिकारी और स्कूल ऑफ प्लानिंग के अध्यक्ष श्री अमोघ गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किये।

प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री मनीष सिंह ने कहा कि समावेशी विकास के लिये नियमों में प्रावधान किया जाना है। नियम बनाने के लिये विधायकों और अन्य जन-प्रतिनिधियों के सुझाव लिये जा रहे हैं। अधिकृत कॉलोनाइजेशन को प्रोत्साहित करने और अनाधिकृत कॉलोनियों को रोकने के लिये सभी लोग मिलकर प्रयास करेंगे, तो प्रदेश के नगरीय विकास को आशातीत सफलता मिलेगी। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री निकुंज श्रीवास्तव ने प्रजेंटेशन के माध्यम से नये अधिनियम और नगरीय विकास की अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

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