महिला एवं बाल अधिकारों के संरक्षण की दिशा में मध्य प्रदेश पुलिस कर रही सराहनीय कार्य
यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने मध्य प्रदेश पुलिस के नवाचारों को सराहा
यूनिसेफ की भारत प्रतिनिधि सुश्री सिंथिया मैककैफ़री और मध्यप्रदेश की प्रमुख सुश्री मार्गरेट ग्वाडा ने भोपाल के श्यामला हिल्स पुलिस थाने का किया भ्रमण
भोपाल, 15 सितंबर 2023 मध्य प्रदेश पुलिस महिला एवं बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। पुलिस द्वारा बच्चों व महिलाओं के हित में क्या परिवर्तनकारी कार्य किए जा रहे हैं, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से जानने और आपसी सहयोग को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से यूनिसेफ की भारत प्रतिनिधि सुश्री सिंथिया मैककैफ़री और मध्यप्रदेश की प्रमुख सुश्री मार्गरेट ग्वाडा ने भोपाल के श्यामला हिल्स पुलिस थाने में स्थित विशेष किशोर न्याय इकाई का भ्रमण किया। इस दौरान यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने महिला एवं बाल कल्याण के क्षेत्र में मप्र पुलिस द्वारा किए जा रहे अभिनव कार्यक्रमों और नवाचारों की सराहना की। इस अवसर पर हुई चर्चा के दौरान सुश्री मैककैफ़री और सुश्री ग्वाडा ने बाल संरक्षण और लैंगिक न्याय के लक्ष्य को सामने रखकर आगे बढ़ने की अंतर्दृष्टि अपनाने पर जोर दिया और विचारों का आदान-प्रदान किया। इस अवसर पर डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर डॉ.विनीत कपूर, एआईजी शालिनी दीक्षित, डीसीपी हेडक्वार्टर सुधीर अग्रवाल सहित पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
महिला अपराध के प्रति लड़कों को शिक्षित करने पर दिया बल
सुश्री सिंथिया मैककैफ़री ने युवाओं को सशक्त और जागरूक बनाने और प्रत्येक बच्चे के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत और मप्र पुलिस की अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने और सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के बारे में लड़कों को शिक्षित करने पर बल दिया । उन्होंने महिला एवं बाल कल्याण के प्रति समर्पण भाव से कार्य करने के लिए मप्र पुलिस, स्वयंसेवकों और आम नागरिकों का आभार माना।
पुलिस द्वारा दी जा रही विभिन्न सेवाओं को सराहा
सुश्री मार्ग्रेट ग्वाडा ने मप्र पुलिस द्वारा किए जा रहे नवाचारों और विभिन्न सेवाओं की सराहना की साथ ही साझेदारी के लिए मप्र पुलिस का आभार व्यक्त किया और यूनिसेफ द्वारा भविष्य में भी सहयोग प्रदान किए जाने का इरादा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मप्र पुलिस द्वारा की जा रही विभिन्न पहल लैंगिक न्याय और सशक्तिकरण के माहौल को बढ़ावा देते हुए बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए यूनिसेफ और मप्र पुलिस की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
किशोरियाें को सशक्तिकरण व आत्मरक्षा के लक्ष्य से कोई नहीं रोक सकता : डॉ.कपूर
डीजीपी के पीएसओ डॉ. विनीत कपूर ने हर मुश्किल का सामना करने में सक्षम किशोरियों की सराहना की साथ ही कहा कि वर्तमान समय में किशोरियों को महिला सशक्तिकरण और आत्मरक्षा के लक्ष्य से कोई नहीं रोक सकता है। पीएसओ डॉ. कपूर ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और उनके कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में मप्र पुलिस द्वारा किए जा रहे नवाचारों के महत्व को रेखांकित करते हुए ऊर्जा हेल्प डेस्क, परामर्श कक्ष और बाल कल्याण सुविधाओं सहित पुलिस स्टेशन के भीतर बनाए जा रहे विशेष कक्षों के संबंध में जानकारी प्रदान की। पीएसओ डॉ. कपूर ने बताया कि सभी पुलिस स्टेशनों में अलग-अलग, अच्छी तरह से सुसज्जित बाल संरक्षण कक्ष हैं, जिनमें उच्च प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात हैं। ये इकाइयाँ 24 घंटे काम करती हैं और प्रतिदिन औसतन 8 से 10 मामलों को संभालती हैं, जो मुख्य रूप से मारपीट, शारीरिक हिंसा और घरेलू दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों से संबंधित होते हैं।
मप्र पुलिस के नवाचारों ने यूनिसेफ के प्रतिनिधियों को किया प्रभावित
महिलाओं को शीघ्र न्याय दिलाने और सहायता के लिए पुलिस तक उनकी सीधी पहुंच बनाने के उद्देश्य से विशेष रूप से स्थापित की गई ऊर्जा हेल्प डेस्क के बारे में जानकर यूनिसेफ के प्रतिनिधि अत्यंत प्रभावित हुए। उन्हें बताया गया कि पहले महिलाएं पुलिस थानों में रिपाेर्ट करने से घबराती थी परंतु ऊर्जा हेल्प डेस्क की स्थापना के बाद सामान्यत: यह देखने में आ रहा है कि अब प्रतिदिन औसतन 10-15 महिलाएं मामलों की रिपोर्ट करने के लिए आगे आ रही हैं, जो समग्र अपराध रिपोर्टिंग में महत्वपूर्ण सुधार और महिला पीड़ितों के बीच आत्मविश्वास की भावना में वृद्धि का संकेत है। इस दौरान यूनिसेफ की दोनों प्रतिनिधि पीड़ित महिलाओं द्वारा किए जा रहे नवाचार शक्ति कैफे से भी प्रभावित हुईं, जिसके माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भरता और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने का भी कार्य कर रही है।
21 बालिकाओं ने किया मार्शल आर्ट का प्रदर्शन
महिलाओं की सुरक्षा और लैंगिक समानता के प्रति लड़कों के बीच जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से चलाए गए विशेष जागरुकता अभियान अभिमन्यु को भी यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने सराहा। यूनिसेफ के सदस्य प्रतिभागियों और समुदाय के निर्माण में उनकी भूमिका से प्रभावित हुए। बच्चों के कल्याण के लिए समर्पित और बाल-हितैषी दृष्टिकोण के साथ कार्य करने वाली विशेष किशोर पुलिस इकाई (एसजेपीयू ) ने यूनिसेफ प्रतिनिधियों को और अधिक प्रभावित किया। वहां, सृजन अभियान के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली युवा लड़कियों ने यूनिसेफ की भारत प्रतिनिधि सुश्री सिंथिया मैककैफ़री और मध्यप्रदेश की प्रमुख सुश्री मार्गरेट ग्वाडा का स्वागत किया। इस अवसर पर 21 बालिकाओं ने मार्शल आर्ट प्रशिक्षक गोविंद पाल के मार्गदर्शन में दोनों प्रतिनिधियों के समक्ष मार्शल आर्ट कौशल का प्रदर्शन करके अमिट छाप छोड़ी, जो उनके दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास का प्रमाण है।