ऊर्जा-संरक्षण के लिये 365 दिन सजग रहना जरूरी
मध्यप्रदेश के राज्यपाल,मंगुभाई पटेल ने कहा
- ऊर्जा संरक्षण के लिये 365 दिन सजग रहना जरूरी है। ऊर्जा संरक्षण के प्रति चिंता आचरण में भी दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि बूँद-बूँद से सागर बनता है। व्यक्तिगत स्तर पर ऊर्जा के संरक्षण का संकल्प, व्यवहार और छोटी-छोटी सावधानियाँ ही राष्ट्र को ऊर्जा में आत्म-निर्भर बनाएंगी। राज्यपाल श्री पटेल आज रविन्द्र भवन में केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय के ऊर्जा-संरक्षण राष्ट्रीय अभियान 2022 में राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
आचरण में दिखे ऊर्जा-संरक्षण के प्रति चिंता : राज्यपाल श्री पटेल
राज्यपाल ने राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार वितरित किये
मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि ऊर्जा संरक्षण के लिये 365 दिन सजग रहना जरूरी है। ऊर्जा संरक्षण के प्रति चिंता आचरण में भी दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि बूँद-बूँद से सागर बनता है। व्यक्तिगत स्तर पर ऊर्जा के संरक्षण का संकल्प, व्यवहार और छोटी-छोटी सावधानियाँ ही राष्ट्र को ऊर्जा में आत्म-निर्भर बनाएंगी। राज्यपाल श्री पटेल आज रविन्द्र भवन में केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय के ऊर्जा-संरक्षण राष्ट्रीय अभियान 2022 में राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि ऊर्जा की बचत वास्तव में उसका उत्पादन है। ऊर्जा के सही उपयोग के संबंध में उपयोगकर्ता का जागरूक और ऊर्जा-संरक्षण के प्रति सजग होना जरूरी है। हर क्षेत्र में आत्म-निर्भरता नए भारत के निर्माण के लिए जरूरी है। ऊर्जा की मांग और उत्पादन में संतुलन के लिए उत्पादन में वृद्धि, उपयोग में संयम और वितरण में समानता भी होना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2070 तक ग्रीन हाउस उत्सर्जन को नेट जीरो पर लाने के लिए संकल्प लिया गया है। अभियान के द्वारा जन-मानस को ऊर्जा-संरक्षण के संबंध में सजग बनाने के लिए प्रयास सराहनीय है।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि चित्रों को देखने से साफ पता चल रहा है कि बच्चों की व्यवहारिक समझ और कल्पनाशीलता, पर्यावरण की समस्या और समाधान के प्रति सजग है। चित्रों में विषय की समझ और उसके प्रस्तुतिकरण को देख कर मन हर्षित हुआ है। चित्रों में बच्चों की रचनात्मकता, प्रधानमंत्री के ग्रीन हाऊस उत्सर्जन को नेट जीरो पर लाने के संकल्प की पूर्ति का सुखद संकेत है। राज्यपाल ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने आशा की कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयनित बच्चे देश में मध्यप्रदेश का नाम रोशन करेंगे और स्वयं को अच्छे नागरिक के रूप में समाज में स्थापित करेंगे।
प्रारम्भ में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने प्रतिभागी बच्चों के चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। निर्णायक मण्डल के सदस्यों और प्रतियोगिता के आयोजकों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल को एन.एच.डी.सी की और से स्मृति-चिन्ह भेंट किया गया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कक्षा 5 से 7 के ग्रुप में प्रथम पुरस्कार दिव्यांशी सिंह को, द्वितीय नाइसा यादव को एवं तृतीय पुरस्कार से श्रेया चौधरी को पुरस्कृत किया। कक्षा 8 से 10 के ग्रुप में तृतीय पुरस्कार से परी जैन को, द्वितीय से नीतीषा गोखरू को एवं प्रथम पुरस्कार से निश्चला महेश्वरी को पुरस्कृत किया।
प्रबंध निदेशक एन.एच.डी.सी श्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया की सुनहरे भविष्य के लिए ऊर्जा की बचत आवश्यक है। ऊर्जा-संरक्षण के प्रति जन-जागृति के लिए देश में दो श्रेणियों में स्कूली बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता की गई है। राज्य स्तर पर कक्षा 5 से 7 और कक्षा 8 से कक्षा 10 के बच्चों की दो श्रेणी में प्रतियोगिता हुई। प्रत्येक श्रेणी के 50 बच्चों को प्रतिभागिता प्रमाण-पत्र, 2 हजार रुपये और एल.ई.डी बल्ब प्रदाय किया जायेगा। दोनों श्रेणी के 10-10 बच्चों को प्रतिभागिता प्रमाण-पत्र, 7 हजार 5 सौ रुपये और एल.ई.डी बल्ब प्रदाय किया जाएगा। प्रत्येक श्रेणी के प्रथम पुरस्कार में 50 हजार, द्वितीय में 30 हजार और तृतीय में 20 हजार रूपये की राशि के पुरस्कार दिये गये। कार्यक्रम में प्रतिभागिता के लिए बच्चों और उनके पालकों को वातानूकुलित श्रेणी की रेल यात्रा का व्यय भी दिया गया है। मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन श्री अशोक कुमार ने आभार माना।