तकनीकी के साथ पारंपरिक ज्ञान को एकीकृत करना जरूरी

उद्योग 4.0 मेकिंग ए फ्यूचर रेडी वर्क फोर्स पर हुआ मंथन

 

 

भविष्य में कुशल कार्य-बल तैयार करने के लिए तकनीकी के साथ पारंपरिक ज्ञान का समन्वय जरूरी है। युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु उनका बदलते परिदृश्य में कौशल विकास आवश्यक है। युवाओं का ज्ञान नवाचार और शिक्षा के क्षेत्र में एक दूसरे के देश में जाकर तकनीकी और ज्ञान का आदान-प्रदान महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। तकनीकी प्रधान वातावरण शिक्षा पद्धति को मजबूत करेगा। अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में “उद्योग 4.0: मेकिंग ए फ्यूचर रेडी वर्क फोर्स” पर आयोजित मंथन सत्र में यह बात प्रमुखता से कही गई। सत्र का संचालन संस्थान के एसीईओ श्री लोकेश शर्मा द्वारा किया गया।

डिपार्टमेंट ऑफ यूथ अफेयर्स के श्री पंकज कुमार सिंह ने कहा कि इस वर्ष भारत के लिए यह बड़ा अवसर है जब हम G20 समिट की अध्यक्षता कर रहे हैं। यूथ 20 एक महत्वपूर्ण जुड़ाव समूह है। भारत की युवा जनसांख्यिकी हमारी विशेष ताकत है। टाइम, मध्य प्रदेश के श्री प्रदीप ने कहा कि आज भारत में आईटी के क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन है परंतु अन्य क्षेत्रों में ऐसी स्थिति नहीं है। हमें सभी क्षेत्रों में युवाओं को दक्ष करना होगा।

टीआईई के डॉ. अनिल ने कहा कि हमें हमारी शिक्षा पद्धति को केवल डिग्री देने वाली नहीं बल्कि ज्यादा जिम्मेदार बनाना होगा। कोविड ने हमें यह शिक्षा दी है कि ज्ञान भौगोलिक सीमाओं से परे है। आज हजारों प्रकार के नए कार्य सृजित हुए हैं, परंतु हमें उनके अनुकूल मानव संसाधन को प्रशिक्षित करना होगा। जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विकास गुप्ता ने कहा कि तकनीकी को मानव के शोषण का हथियार नहीं बनना चाहिए, बल्कि इससे मानवता का कल्याण होना चाहिए। आज तकनीकी के प्रयोग का नैतिक प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है।

जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अंकुर शर्मा ने कहा कि आज तकनीकी युवाओं की सोचने और समझने की क्षमता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रही है। इससे युवाओं की एकाग्रता भंग हो रही है। हमें इस चुनौती से निपटने के लिए एक कार्यविधि तैयार करनी होगी।

राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव श्री स्वतंत्र सिंह ने कहा कि G20 एजेंडा के दृष्टिगत भौगोलिक क्षेत्रों के आर-पार मानव संसाधन की आवाजाही सुगम होनी चाहिए। ब्रिक्स फोरम ब्राजील के श्री पाब्लो ने कहा कि ब्राजील की तुलना में भारत तकनीकी अनुसंधान और विकास में कहीं अधिक विकसित है। विनिर्माण क्षेत्र में ब्राजील में कार्यबल 12% ही है, जबकि भारत में 51% है, परंतु रोबोट्स की संख्या ब्राजील में अधिक है। भारत में 10 हजार कर्मचारियों के पीछे 2 रोबोट है, जबकि ब्राजील में 10 हजार कर्मचारियों के पीछे 10 रोबोट हैं।

एमएसएमई मध्य प्रदेश स्टार्ट अप डिवीजन के श्री अभिषेक वडियार ने कहा कि आज हमें इस प्रकार का वातावरण निर्माण की आवश्यकता है जहाँ शिक्षक नहीं अपितु कार्य करने वाले औद्योगिक विशेषज्ञ लोगों को प्रशिक्षण दें। आज विश्व में मिड कैरियर लर्निंग की आवश्यकता है। राजनैतिक शोधकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता श्री शुभम वर्मा ने कहा भारत में अधिक शोध की आवश्यकता है। आज विद्यार्थियों के एकाग्रता समय में बदलाव हुआ है। पहले वे 1 घंटे का यूट्यूब वीडियो देख सकते थे परंतु आज 30 सेकंड की इंस्टाग्राम रील देखते हैं। समय के अनुसार पाठ्यक्रम में भी बदलाव होना चाहिए। यंग थिंकर फोरम के श्री आशुतोष और मैनिट भोपाल की सुश्री अनुभा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

 

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