एमपी में उन्नत तकनीकी इस्तेमाल के लिये टॉस्क फोर्स बनायेगी कार्ययोजना
मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा
- एसीएस डॉ. राजौरा राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स की पहली बैठक 7 जुलाई को
एसीएस डॉ. राजौरा
राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स की पहली बैठक 7 जुलाई को
मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि पुलिस बल को वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों से निपटने और तकनीकी रूप से सक्षम और दक्ष बनाने के लिये गठित राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स की पहली बैठक 7 जुलाई को होगी। पुलिस में आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल कानून-व्यवस्था बनाये रखने, अपराध नियंत्रण और अपराधों की विवेचना में टेक्नोलॉजी में चयन का कार्य उक्त समिति द्वारा किया जायेगा। डॉ. राजौरा ने बताया कि टॉस्क फोर्स टेक्नोलॉजी चयन के साथ ही इसे लागू करने के लिये आवश्यक कार्य-योजना भी बनायेगी।
टॉस्क फोर्स में नामांकित अधिकारी
राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स का गठन अपर मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में किया गया है। अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी मैप आईटी, एडीजीपी तकनीकी सेवाएँ, एडीजीपी सायबर, एडीजीपी एससीआरबी, एडीजीपी पीटीआरआई, एडीजीपी योजना और एडीजीपी दूरसंचार सदस्य नामांकित किये गये।
पुलिस कार्य-प्रणाली तकनीकी रूप से बनेगी सुदृढ़
राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स द्वारा विभिन्न मुद्दों पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा वर्तमान में अपनाये जा रहे तकनीकी समाधानों का आकलन और तकनीकी आवश्यकताओं को चिन्हित किया जायेगा। टॉस्क फोर्स ऐसी तकनीकी का पता लगाने का काम करेगी, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस व्यवस्था में सुधार हो, आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिये एप्लीकेशन विकसित करने, समाधान की प्रभावकारिता का आकलन करने के लिये पॉयलट अध्ययन और आवश्यकता अनुकूल एप्लीकेशन को विकसित करने तथा इसे शुरू करने के लिये उद्योग के साथ मिलकर काम करना होगा।
नवीन एप्लीकेशन अन्य विभागों के साथ करेंगे साझा
पुलिस के लिये तैयार किये गये एप्लीकेशन्स को अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ साझा किया जा सकेगा। मैगा शहरों, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों, संचार क्षेत्र, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बिग डेटा एनालिटिक्स, आवाज एवं चेहरे की पहचान, प्रशिक्षण, फोरेंसिक आदि विशेष आवश्यकताओं पर टॉस्क फोर्स ध्यान केन्द्रित करायेगी। यह टॉस्क फोर्स पुलिस के लिये तकनीकी समाधान तैयार करने में उनकी विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिये शैक्षणिक और औद्योगिक निकायों के साथ पुलिस विभाग की नेटवर्किंग को बढ़ावा भी देने जैसे कार्य करेगी।