इंडियन इकोनॉमिक कांफ्रेंस के 104वें वार्षिक सम्मेलन का समापन
मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया रोग के नियंत्रण में समाज और सरकार मिलकर कार्य करें। उन्होंने समाज के शिक्षित वर्ग का आव्हान किया है कि प्रदेश की आबादी के बड़े हिस्से जनजातीय समाज में व्याप्त इस जेनेटिक रोग के उन्मूलन में आगे बढ़कर सहयोग करें। उन्होंने कांफ्रेंस में शामिल हुए विद्वानों से मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास और सिकल सेल रोग के उन्मूलन के प्रयासों में सहयोग का अनुरोध किया।
राज्यपाल श्री पटेल आज यहाँ इंडियन इकानॉमिक कांफ्रेंस के 104वें वार्षिक सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया रोग की रोकथाम के लिए युवाओं को वैवाहिक संबंधों और गर्भवती महिलाओं को जाँच और स्वास्थ्य परीक्षण के प्रति सजग और सचेत किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों को 5 गाँवों में जाँच एवं जागृति के कार्य करने के लिए कहा गया है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा है कि कोविड ने सारी दुनिया की अर्थ-व्यवस्था को झकझोर दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अर्थ-व्यवस्था तेजी से मजबूती की ओर बढ़ रही है। विकास के मूलभूत ढाँचे के आधुनिकीकरण एवं विस्तार के कार्य तेज गति से हुए हैं। फार्मा औषधि और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत के 33 स्टार्टअप एक वर्ष में एक अरब डॉलर से अधिक वाले यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के लिए कार्यपालक संचालक प्रोफेसर सुरजीत एस. भल्ला ने समापन-सत्र को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने महिलाओं की श्रम शक्ति के रूप में भागीदारी, परिभाषा और प्रणाली पर तथ्यात्मक विवरण प्रस्तुत किया। नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चंद्र ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा पाँच ट्रिलियन की अर्थ-व्यवस्था में कायाकल्प की योजना पर कार्य किया गया है। यह कार्य विकास की नई सोच, नए विजन और समावेशी विकास के स्वरूप में किया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश में संस्थान और विश्वविद्यालय के समन्वय से अकादमिक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। शासन की नीतियों को शोध के साथ सामंजस्य कर बदलावों के लिए तथ्यात्मक सहयोग के प्रयास किए गए हैं। कांफ्रेंस का प्रतिवेदन प्रो. एन.के. विश्नोई ने प्रस्तुत किया।
स्वागत उद्बोधन इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के सचिव प्रोफेसर डी.के. मदान ने दिया। एसोसिएशन के प्रेसीडेंट प्रोफेसर वी.के. मल्होत्रा ने आभार माना। समापन समारोह में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी नई दिल्ली, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल, इंस्टीट्यूट फॉर एक्सीलेंस इन हायर एजुकेशन भोपाल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ जबलपुर और रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी भोपाल के साथ एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए।