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भोपाल में संविधान की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में निकाला शांति मार्च-शोभा

सी.ए.ए. और एन.आर.सी. के विरोध में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने निकाला एक विशाल शांति मार्च

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोग हुए शामिल : शोभा ओझा

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में बताया कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा भारतीय संविधान की मूल भावना को आघात पहुंचाते हुये, देश पर जबरन थोपे जा रहे, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरूद्ध मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के नेतृत्व में एक विशाल ‘‘शांति मार्च’’ भोपाल के रंगमहल चैराहे से मिन्टो हाॅल तक निकाला गया।

आज जारी अपने वक्तव्य में श्रीमती ओझा ने बताया कि केन्द्र की मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे अपने पूर्ववर्ती विवेकहीन फैसलों की तरह ही सीएए और एनआरसी को लागू करने का जो फैसला लिया है, वह संविधान में वर्णित देश के सभी नागरिकों की समानता की अवधारणा के पूर्णतः विरूद्ध है। इसी को संज्ञान में लेते हुए, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संविधान की मूल भावना पर हो रहे, इस कुठाराघात के विरूद्ध व्यापक जनजागरण और केन्द्र के इन काले कानूनों के विरोध स्वरूप इस विशाल शांति मार्च को आयोजित करने का फैसला लिया था। इस शांति मार्च में उमडे़ जनसैलाब ने यह बता दिया कि यह जनता सीएए और एनआरसी नहीं बल्कि रोजगार और आर्थिक मंदी से मुक्ति चाहती है।

श्रीमती ओझा ने अपने बयान में आगे बताया कि इस शांति मार्च का नेतृत्व करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने कहा कि ‘‘आज आप सब लोग हमारे साथ यहां संविधान की रक्षा के लिए एकत्रित हुए हैं क्योंकि हमारे देश की पहचान ही हमारे संविधान से है, हमारी संस्कृति से है। हमारी संस्कृति सभी धर्मों को आपस में जोड़ने की संस्कृति है, यही कांग्रेस की संस्कृति है, यही देश की संस्कृति है। आज संविधान पर जो आक्रमण हो रहा है, वह केवल संविधान पर ही नहीं बल्कि देश के एक-एक नागरिक पर हो रहा आक्रमण है। बाबा साहब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने जब संविधान बनाया था तो उनका उद्देश्य यह था कि हमारे देश की विविधता और अनेकता, एक झंडे के नीचे खड़ी रहे, यही उनका लक्ष्य था लेकिन मौजूदा केन्द्र सरकार जो कानून लाई है, उससे हमारा संविधान और हमारा भविष्य खतरे में है, इसलिए हम सब लोग मिलकर इस कानून का विरोध अपनी अंतिम सांस तक करेंगे।’’

अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में निकाले गये इस विशाल शांति मार्च में तिरंगे और गांधी टोपी के साथ जहां कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता उमडे़ थे वहीं प्रदेश के आम नागरिकों, राजनैतिक दलों, धर्मगुरूओं, सामाजिक-व्यापारिक-सांस्कृतिक संगठनों, छात्रों और बुद्धिजीवियों सहित सभी वर्गों के लोगों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर केन्द्र की निरंकुश मोदी सरकार को यह संदेश दिया कि देश की जनता के मन में भारतीय संविधान के प्रति बेहद आदर और सम्मान का भाव है और वह संविधान के साथ होने वाली किसी भी छेड़-छाड़ को किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं करने वाली है।

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