कमलनाथ को संवैधानिक दायित्वों का पाठ पढ़ाने वाले शिवराज सिंह स्वयं कर चुके हैं धरना -शोभा
जिस संविधान की दुहाई शिवराज दे रहे हैं, उसी संविधान को बचाने के लिए कमलनाथ ने किया है शांति मार्च का नेतृत्व : शोभा ओझा
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि सीएए और एनआरसी के विरोध स्वरूप प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी के नेतृत्व में भोपाल में निकले विशाल शांति मार्च के बाद, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा श्री कमलनाथ जी से इस्तीफे की मांग, शिवराज सिंह की हताशा का प्रतीक है क्योंकि जो शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ जी को उनके संवैधानिक दायित्वों की याद दिलाते हुए उनके त्याग पत्र की मांग कर रहे हैं, वो स्वयं यह भूल गये हैं कि भोपाल के बिट्टन मार्केट पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ उन्होंने भी धरना दिया था।
श्रीमती ओझा ने अपने बयान में आगे कहा कि केवल यही नहीं, शिवराज सिंह चौहान कई दफा केंद्र की यूपीए सरकार के विरुद्ध भी बतौर मुख्यमंत्री धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। अब यह कोई राज की बात नहीं रह गई है कि शिवराज सिंह की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है। अपनी सत्ता चली जाने के बाद प्रदेश में भाजपा का नेतृत्व संभालने को लालायित शिवराज सिंह येन-केन-प्रकारेण चर्चा में बने रहने के बहाने ढूंढते रहते हैं और इसी के चलते वे ऐसे अगंभीर बयान देते रहते हैं।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि शिवराज सिंह को यह समझ लेना चाहिए कि जिस संविधान की दुहाई, वे कमलनाथ जी को दे रहे हैं, उसी संविधान को भाजपा की केन्द्र सरकार से बचाने के लिए कमलनाथ जी ने इस शांति मार्च का नेतृत्व किया है।