भोपाल रेलवे स्टेशन पर हुई फुट ओवरब्रिज दुर्घटना बेहद दुखद और अफसोसजनक, मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ द्वारा प्रशासन को घायलों के इलाज व हरसंभव सहायता के निर्देश दिये गये
केन्द्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल द्वारा हादसे पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करना और शिवराज सिंह द्वारा गलत ट्वीट कर घायलों के परिजनों की भावनाओं को आहत करना बेहद दुखद
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में कहा कि भोपाल रेलवे स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज का एक हिस्सा गिरने से 9 लोगों के घायल होने की घटना बेहद दुखद है, इस दुर्घटना के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ द्वारा जहां एक ओर प्रशासन को घायलों के इलाज व हरसंभव सहायता के निर्देश अविलंब दे दिये गये थे, वहीं बात-बात पर ट्वीट करने वाले असंवेदनशील केन्द्रीय रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा इस गंभीर हादसे के बाद, किसी मदद की घोषणा तो दूर, कोई प्रतिक्रिया तक व्यक्त नहीं करना, बेहद अफसोसजनक है, इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस मुद्दे पर अपनी अपरिपक्वता, अगंभीरता और असंवेदनशीलता का प्रदर्शन करते हुए, दुर्घटना में दो लोगों की मौत की बात कहते हुए गलत ट्वीट कर दिया गया।
श्रीमती ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में उपरोक्त जानकारी देते हुए आगे कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि केवल रेलवे सुरक्षा के लिए ही 70 हजार करोड़ रूपये का बजट होने के बावजूद, दुर्घटनाओं में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आ रही है। केन्द्रीय रेलमंत्री श्री पीयूष गोयल अपने ट्वीटों के माध्यम से जश्न और जलसों की तस्वीरें तो लगातार पोस्ट कर रहे हैं लेकिन दुर्घटनाओं को लेकर उनकी तरफ से किसी मदद की घोषणा तो दूर बल्कि प्रतिक्रियाहीन बने रहना, उनकी और उनकी पार्टी की केन्द्र सरकार की असंवेदनशीलता का बेहद गंभीर उदाहरण है। इस पूरे मामले में रेलवे की अगंभीरता का आलम यह रहा कि पिछले कुछ दिनों से स्थानीय वेंडर्स द्वारा लगातार फुट ओवरब्रिज पर दुर्घटना की संभावनाओं के प्रति आगाह किये जाने के बावजूद इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया गया।
श्रीमती ओझा ने अपने बयान में आगे कहा कि हर मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आतुर रहने वाले प्रदेश के पूूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा इस मामले में भी पूरी तरह से अगंभीरता का प्रदर्शन करते हुए, जिस तरह से दो घायलों की मृत्यु की गलत जानकारी देने का ट्वीट किया गया, उससे न केवल घायलों के परिजनों की भावनाएं आहत हुईं बल्कि शिवराज सिंह और भाजपा की अगंभीरता और असंवेदनशीलता भी पूरी तरह से उजागर हो गई है।
अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि सितंबर-2017 में मुंबई के रेलवे स्टेशन पर इसी तरह फुट ओवरब्रिज गिरने से हुई 22 लोगों की मौत और 45 लोगों के घायल होने के बाद भी केन्द्र सरकार और रेलवे मंत्रालय के कानों पर कोई जूं नहीं रेंगी, अगर तब मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए आवश्यक कदम उठाये गए होते तो आज आर्थिक सर्वेक्षण की रिर्पोट में इस बात का जिक्र नहीं होता कि केवल इस पिछले एक साल में ही 73 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि जब रेलवे के यात्री टिकटों की परिवर्तनीय कीमतें लागू कर दी गई हैं और प्लेटफार्म टिकट की कीमतें भी दुगनी कर दी गई हैं। एसी प्रथम श्रेणी के टिकटों की कीमत हवाई टिकटों से भी मंहगी हो गई है, तब आश्चर्य है कि इन बढ़ी हुइ कीमतों से मिलने वाला बड़ा राजस्व और रेल सुरक्षा के नाम पर मिलने वाला इतना विशाल फंड आखिर जा कहां रहा है? कहीं यह पैसा भ्रष्टाचार की भेंट तो नहीं चढ़ रहा है? रेल मंत्रालय और केन्द्र सरकार को अविलंब इस बात का जवाब देना चाहिए।