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कमलनाथ फिर वचन-पत्र लेकर आए हैं, ये कपट-पत्र हैः शिवराज सिंह चौहान

 

भोपाल। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ फिर से वचन-पत्र लेकर आए हैं। इस बार भी वचन-पत्र में ऐसे वादे किए हैं कि मानो स्वर्ग को ही धरती पर उतारकर ले आएंगे। इन्होंने 2018 के चुनाव में भी प्रदेश की जनता, किसानों, गरीबों और माताओं-बहनों को कई वचन दिए थे, लेकिन इनके एक भी वचन पूरे नहीं हुए। यह वचन पत्र नहीं, कांग्रेस का कपट-पत्र है। यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को छतरपुर जिले की बड़ा मल्हरा विधानसभा के बक्सवाहा, सुरखी विधानसभा के राहतगढ़ एवं सांची विधानसभा के देवनगर में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभाओं में कही। सभाओं को प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने भी संबोधित किया।

माताओं, बहनों और बेटियों के साथ किया छलकपट
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज नवरात्रि का पहला दिन है। मातारानी की उपासना का दिन है। हम माता की पूजा करते हैं, बहनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी होती है, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश की माताओं-बहनों के साथ छलकपट किया। उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं को ही बंद कर दिया। संबल योजना के जरिए गरीब माताओं-बहनों को भाजपा सरकार ने मदद देने का काम शुरू किया था, तो कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही संबल योजना को बंद कर दिया। भाजपा सरकार ने बेटियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए व्यवस्था की थी तो कमलनाथ को यह भी रास नहीं आई और उन्होंने इस योजना को भी बंद कर दिया। हम कन्यादान योजना के जरिए गरीब बेटियों की शादी करवाते थे तो इन्होंने राशि बढ़ाकर 51 हजार तो कर दी, लेकिन एक भी बेटी को आज तक यह राशि नहीं मिली। यही कांग्रेस और उनके पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की माताओं-बहनों के प्रति आस्था और भावना थी, लेकिन अब फिर से प्रदेश में भाजपा की सरकार है और मामा मुख्यमंत्री है, इसलिए माताएं-बहनें और बेटियां चिंता न करें। उनकी पढ़ाई-लिखाई, शादी की जिम्मेदारी भाजपा सरकार उठाएगी।
पहले दिए वचन तो पूरे किए नहीं, अब फिर से छलावा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष श्री राहुल गांधी और श्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव-2018 में प्रदेश के किसानों को वचन दिया था कि सरकार में आते ही 10 दिनों के अंदर उनका 2 लाख रूपए तक का कर्जमाफ कर दिया जाएगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री ही बदल दूंगा। 55 हजार करोड़ रूपए की कर्जमाफी होनी थी, लेकिन वह धीर-धीरे 6 हजार करोड़ रूपए पर आ गए। इनकी कर्जमाफी मरी हुई चुहिया निकली, जिसे लेकर श्री कमलनाथ घूम रहे हैं और कह रहे हैं कि हमने कर्जमाफ कर दिया। इन्होंने गेहूं, धान, बाजरा, सोयाबीन, सरसों, मूंग, मक्का सहित अन्य फसलों पर बोनस देने का वादा किया था, लेकिन आज तक किसी किसान को बोनस नहीं मिला। कांग्रेस ने ऋण फसल योजना लाने का वादा किया था, लेकिन आज तक नहीं आई। बिना कर्ज लिए खेती करने वाले किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ने का वचन भी दिया था, लेकिन एक किसान को नहीं जोड़ा। बेरोजगार युवाओं को 4 हजार रूपए भत्ता देने, बेटियों की शादी के लिए 51 हजार रूपए देने सहित सैकड़ों वचन अपने वचन-पत्र में दिए थे, लेकिन कोई भी वचन पूरा नहीं किया। अब फिर से प्रदेश की जनता के साथ छलावा करने के लिए नया वचन-पत्र लेकर आए हैं।
गांव का गरीब नहीं, उन्हें कैटरीना-सलमान याद आते थे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री कमलनाथ को गांव का गरीब, किसान याद नहीं आते थे। उन्हें तो सलमान खान, शाहरूख खान, कैटरीना कैफ याद आती थीं। वे प्रदेश में करोड़ों रूपए खर्च करके आईफा अवार्ड कराने की तैयारी में व्यस्त थे और इधर देश में कोरोना की दस्तक दे रहा था। कोरोना महामारी से बचने के लिए तो उन्होंने कोई इंतजाम नहीं किए, लेकिन प्रदेश के गरीब, किसान, माताओं, बहनों, बेटियों, भांजे-भांजियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को बंद करके उनकी राशि हीरो-हीरोइन पर खर्च करने की तैयारी में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि श्री कमलनाथ ने कभी गरीबी नहीं देखी, गांव नहीं देखे, धूल-मिट्टी नहीं देखी तो वे क्या गरीबों, किसानों का दर्द समझेंगे। उन्हें तो ऐशोआराम करने की आदत है। वे तो उद्योगपति हैं, उन्हें किसी गरीब से क्या मतलब?
बंगाल का जादू बड़ा कमाल का है

मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ कहां से आए किसी को पता नहीं, कोई कहता है कि वे बंगाल से आए, लेकिन यह बंगाल का जादू बड़े कमाल का है। श्री कमलनाथ बंगाल का जादू प्रदेश की जनता पर भी चलाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मालूम नहीं है कि प्रदेश की भोलीभाली जनता पर बंगाल का जादू नहीं चलने वाला है। यहां की जनता विकास का जादू देख रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार में उनके मुख्यमंत्री जब देखो तब पैसों के लिए ही रोते रहते थे। कोई मंत्री-विधायक या जनप्रतिनिधि उनसे विकास की बात करने जाते थे तो वे पैसा नहीं होने का रोना रोकर उन्हें वहां से विदा कर देते थे। यही कारण था कि कांग्रेस के मंत्री-विधायक कमलनाथ से परेशान थे और उनके विधानसभा क्षेत्रों में एक धेले का विकास नहीं हुआ। लेकिन अब उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। अब उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास की गंगा बहाई जाएगी।

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