मध्य प्रदेश में कमलनाथ कांग्रेस, युवाओं के नेता नकुलनाथ बाकी कांग्रेस हो गई अनाथः शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री
#WATCH | Gwalior: Imarti Devi gets emotional as Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan recounts former CM Kamal Nath's remarks referring to her as 'item'. pic.twitter.com/2B5GUTBSIW
— ANI (@ANI) October 22, 2020
कांग्रेस की स्थिति उस दिल की तरह हो गई है, जिसके टुकड़े हजार हो गए हैं। एक कांग्रेस दिल्ली में है, एक दिग्वजय सिंह की कांग्रेस है। मध्यप्रदेश में तो कमलनाथ कांग्रेस है, युवाओं के नेता नकुलनाथ हैं और बाकी कांग्रेस अनाथ है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वे गुरूवार को डबरा विधानसभा के टेकनपुर में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी संस्कृति प्रणाम करने की है, लेकिन जब भी मैं जनता को प्रणाम करता हूं तो कांग्रेस को तकलीफ होती है। कांग्रेस के नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कहते हैं कि शिवराज सिंह चौहान ने तो जनता के सामने घूटने टेक दिए हैं, लेकिन कमलनाथ क्या जाने मध्यप्रदेश को, वे क्या जाने मध्यप्रदेश की धरती को, यहां के संस्कारों को। वे तो उद्योगपति हैं, सेठ हैं। उन्हें प्रदेश की जनता से कोई लेना-देना नहीं, उनका लेना-देना तो उद्योगपतियों से है।
इन्होंने बनाया मध्यप्रदेश को कंगाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को 2003 के पहले श्री दिग्विजय सिंह ने कंगाल बनाकर रखा था, लेकिन भाजपा की सरकार ने 15 वर्षों में विकास की राह पर लाकर खड़ा किया। 2018 के विधानसभा चुनाव में हमारी कुछ सीट कम आई तो हमने कहा कि जोड़-तोड़ नहीं करेंगे, कांग्रेस को सरकार बनाने दिया। इस बार इनके मुख्यमंत्री बने श्री कमलनाथ और उन्होंने भी वही काम फिर से शुरू कर दिया, जो पहले हुआ करता था। वल्लभ भवन को दलालों की मंडी बना दिया। उनके पास मंत्री-विधायकों से मिलने का समय नहीं होता था, लेकिन नोट कमाने के लिए घंटों बैठकर दलालों के साथ बैठकें करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 15 माह में ही मध्यप्रदेश को कंगाल बना दिया। इनके पास विकास करने के लिए पैसे नहीं थे। हमेशा पैसों का रोना रोते थे, लेकिन हमने सरकार में आते ही विकास कार्यों को शुरू किया, कभी भी पैसों का रोना नहीं रोया।
नारियल लेकर नहीं घूमें तो क्या शराब की बोतल लेकर चलें
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि श्री कमलनाथ कहते हैं कि शिवराज सिंह तो नारियल लेकर चलते हैं। हम विकास के कार्य कराते हैं तो नारियल तो फोड़ेंगे ही, लेकिन उनकी तो किस्मत ही फूटी है, वे क्या नारियल फोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है, लेकिन श्री कमलनाथ को जनता से क्या मतलब? वे तो उद्योगपति हैं, सेठ हैं, वे क्या जाने प्रदेश की गरीब जनता का दर्द, जिनके लिए हमने कई योजनाएं शुरू की तो कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही इन योजनाओं को बंद करा दिया। उन्होंने संबल योजना को बंद कर दिया, जिसके माध्यम से हम किसी गरीब की मौत पर उसके कफन के लिए 5 हजार रूपए देते थे। उसकी मौत पर परिवार को 4 लाख रूपए की राशि देते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू हुई, लेकिन कमलनाथ ने सरकार में आते ही इसकी राशि को तो बढ़ा दिया, लेकिन एक भी बेटी को 51 हजार रूपए की राशि नहीं दे पाए।
नहीं सहन करेंगे बहन इमरती का अपमान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह धरती माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान नहीं सहन करेगी। कमलनाथ ने बहन इमरती देवी का अपमान किया है, उन्होंने चंबल की धरती का अपमान किया है, प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान किया है। यह अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि रावण ने भी माता सीता का अपमान किया था और रावण को मंदोदरी ने भी समझाया, विभीषण ने भी समझाया, लेकिन रावण हथधर्मी था और उसका हश्र ये हुआ कि उसके वंश में कोई नाव लेना पानी देवा भी नहीं बचा। श्री कमलनाथ को उनके नेता श्री राहुल गांधी ने भी समझाया कि वे माफी मांगे, लेकिन श्री कमलनाथ भी दंभ और गुरूर से चूर हैं। उन्हें अपने किए पर पछतावा नहीं है।
सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए कमलनाथः नरोत्तम मिश्रा
प्रदेश शासन के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ तो सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। वे क्या किसी गरीब का दर्द समझेंगे। गरीबों, किसानों का दर्द समझने का कार्य तो हमारे किसान पुत्र मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। श्री कमलनाथ तो अपने दंभ और गुरूर में मस्त हैं। उन्हें प्रदेश की जनता से कोई मतलब नहीं है। यदि मतलब होता तो 15 माह तक उन्होंने डबरा, टेकनपुर के विकास कार्य किए के लिए पैसे क्यों नहीं दिए।
उन्होंने कहा कि 2003 से पहले चंबल में डाकुओं का आतंक था। डाकू घर में घुसकर लोगों को मार देते थे। डाकुओं ने लिखीराम कांवरे की हत्या कर दी थी, लेकिन तब की तत्कालीन सरकार डाकुओं का कुछ नहीं कर सकी। 2003 के बाद से चंबल के बीहड़ों से डाकुओं का सफाया हो गया। अब पूरा चंबल डाकुओं से मुक्त है। उन्होंने कहा कि यहां पर बिजली आती तो बहुत कम थी, लेकिन जाती बहुत ज्यादा थी। सड़कों की स्थिति इतनी गंभीर थी कि गड्ढों में सड़क होती थी या सड़कों में गड्ढे पता ही नहीं चलता था, लेकिन आज बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य विकास कार्यों की लंबी सूची है, जिसको गिनाने-गिनाते सुबह हो जाएगी। गृहमंत्री ने कहा कि जब श्री कमलनाथ डबरा आए तो वे हमारी मातृशक्ति का अपमान करके चले गए। यदि भी बाहर व्यक्ति हमारे घर में आकर हमारी मां-बहन का अपमान करेगा तो उसे कैसे सहन किया जा सकता है, इस अपमान का बदला लेकर कांग्रेस और कमलनाथ को प्रदेश से बाहर करना है।
टेकनपुर की सभा में पार्टी प्रत्याशी एवं मंत्री श्रीमती इमरती देवी, विधायक श्री मुनमन राय, श्री योगेश पंडागरे, श्री प्रभात शर्मा, श्री विपिन आनंद, श्री विवेक मिश्रा, श्री आलोक शर्मा, श्री राजकुमार गुप्ता, श्री सुरेश मिश्रा, श्री अरविंद गुर्जर, श्री लक्ष्मी मौर्य सहित पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं आमजन मौजूद रहे।