शिवराज सिंह कैलाश विजयवर्गीय के आपत्तिजनक बयान के समर्थन आये-नरेन्द्र सलूजा
इंदौर शहर को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने सपनों का शहर बताते नहीं थकते थे, बड़ा ही शर्मनाक है कि उस इंदौर शहर को आग लगा देने की धमकी देने वाले कैलाश विजयवर्गीय के उक्त बयान पर उनका विरोध करने की बजाय आज वह इंदौर में उनका खुलकर समर्थन करते नजर आये?
पूरी भाजपा में एक भी ऐसा माई का लाल पैदा नहीं हुआ, जिसने कैलाश विजयवर्गीय के इस आपत्तिजनक बयान को गलत ठहराया हो: नरेन्द्र सलूजा
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि बड़ा ही शर्मनाक है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जो इंदौर शहर को अपने सपनों का शहर बताते नहीं थकते थे, ने आज अपनी इंदौर यात्रा के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर शहर को आग लगा देने वाले बयान का विरोध करने की बजाय उसका खुलकर समर्थन किया। विजयवर्गीय के आपत्तिजनक बयान पर एक शब्द नहीं बोला। शहरवासियों को उम्मीद थी कि शिवराज जी आज इंदौर यात्रा के दौरान विजयवर्गीय के उक्त बयान का विरोध कर उन्हें माफी माँगने के लिये कहेंगे लेकिन वो तो उलटा उनका समर्थन करते नजर आये, शायद उसके पीछे भाजपा की गुटीय राजनीति एक कारण हैं क्योंकि कल उमा भारती ने विजयवर्गीय का समर्थन कर दिया था, इसलिये शिवराज जी को आज समर्थन करना जरूरी हो गया था।
सलूजा ने कहा कि शिवराज सिंह कह रहे हैं कैलाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी हुई तो वह सड़कों पर उतरेंगे। शिवराज जी पहले यह बताएं क्या कैलाश विजयवर्गीय आम जनता से बड़े हैं, जो कानून तोड़ने पर उन पर प्रकरण दर्ज नहीं होना चाहिए ? शिवराज जी बताएं क्या कैलाश विजयवर्गीय इंदौर शहर को आग लगाने की धमकी दें, अधिकारियों को औकात बताएं, धारा 144 लगी होने के बावजूद बीच सड़क पर बैठकर बगैर अनुमति धरना दें, अपशब्दों का प्रयोग करें और उन पर प्रकरण दर्ज ना हो और यदि हो तो भाजपा सवाल उठाये कि क्यों हुआ ? यह तो कानून का मजाक उड़ाने वाली बात है।
सलूजा ने कहा कि शिवराज सिंह को यह जान लेना चाहिए कि कैलाश विजयवर्गीय भाजपा समर्थित माफियाओं के पक्ष में अधिकारियों से चर्चा के लिए समय मांग रहे थे, जनता की समस्याओं के लिए नहीं।
सलूजा ने बताया कि बड़ा आश्चर्यजनक है कि 13 वर्ष मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह आज कमलनाथ जी से रेत माफिया, शराब माफिया व परिवहन माफिया पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि यह तीनों माफिया उन्हीं की सरकार में फले फूले और पनपे हैं। यदि उनकी सरकार में ही उनका दमन कर दिया जाता तो आज यह स्थिति सामने नहीं आती। जहां तक शिवराज कह रहे हैं कि हमने भी माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया तो पूरा प्रदेश जानता है कि उस समय माफियाओं के खिलाफ चलाए अभियान का हश्र क्या हुआ, कब शुरू हुआ, बीच में कैसे बंद हुआ और कैसे बड़े-बड़े माफियाओं को बचा लिया गया, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, यह सब भली भांति जानते हैं। वास्तविक माफिया मुक्त अभियान तो अब वर्तमान सरकार में चल रहा है जिसमें बड़े-बड़े माफियाओं को दबोचा जा रहा है, उन पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है।