मध्यप्रदेश पुलिस की महिला सुरक्षा, ड्रग माफिया और साइबर क्राइम प्रमुख चुनौतियाँ – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
अगले वर्ष जनता के बीच होगा पुलिस स्थापना दिवस कार्यक्रम
पूर्ण दक्षता, दृढ़ता और कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ पुलिस निभा रही है अपनी जिम्मेदारियाँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पुलिस शहीद स्मारक पर किया माल्यार्पण
पुलिस अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए पदक वितरित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया मध्यप्रदेश पुलिस गान का लोकार्पण
पुलिसकर्मियों ने प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने की महान परंपरा स्थापित की
अब चंबल में डाकुओं की बंदूकें नहीं चलती वहाँ विकास की नई गाथा लिखी जा रही है
नक्सलियों और सिमी का नेटवर्क ध्वस्त किया जा चुका है
सिंहस्थ, कोरोना काल और चंबल की बाढ़ में पुलिस ने नागरिक कर्त्तव्यों की अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की
विकास और उन्नति के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक
डायल-100 से त्वरित कार्यवाही हुई संभव
पुलिस परिवारों की कठिनाइयों के समाधान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध
पुलिसकर्मियों को आवास सुविधा के लिए होगा नवाचार
पुलिसकर्मियों की तकनीकी दक्षता में वृद्धि केलिए प्रशिक्षण आवश्यक
पुलिस अधिकारी और कर्मियों के निरंतर प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
पुलिसकर्मियों को तनाव से मुक्ति और उनकी बेहतर जिन्दगी के लिए होंगे प्रयास
पुलिस स्थापना दिवस जैसे कार्यक्रमों को जनता से जोड़ना आवश्यक
जन-जन में “पुलिस मेरी मित्र है” का भाव लाने के प्रयास हों
मध्यप्रदेश पुलिस के यश और गौरव की गाथा निरंतर आगे बढ़ेगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान का पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के लिए पुलिस महानिदेशक ने माना आभार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जीवन रक्षा पुलिस पदक तथा पिस्टल पुरस्कार प्रदान किया
परेड में बारह दल हुए सम्मिलित
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महिला सुरक्षा, ड्रग माफिया का पूरी तरह सफाया और साइबर क्राइम पर प्रभावी कार्यवाही मध्य प्रदेश पुलिस के सामने प्रमुख चुनौतियाँ हैं। मध्य प्रदेश पुलिस को जो भी दायित्व सौंपा गया है वह पूरी दक्षता, दृढ़ता, कर्त्तव्य निष्ठा और जिम्मेदारी से निभाया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान मध्यप्रदेश पुलिस स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में सर्वप्रथम शहीद स्मारक पर नमन कर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने परेड के निरीक्षण एवं मार्च पास्ट के बाद उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस अधिकारियों को पदक प्रदान किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस गीत का लोकार्पण भी किया गया। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, पुलिस के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्य प्रदेश पुलिस स्थापना दिवस की सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पुलिस के खाते में एक नहीं अनेक उपलब्धियाँ हैं, जिन पर मुझे मुख्यमंत्री के रूप में और प्रदेश की जनता को भी पुलिस पर गर्व है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश पुलिस को दिशा देने के लिए श्री रुस्तम जी, श्री आर.एन नागू, श्री चमनलाल, श्री अशोक पटेल, श्री जे.एन. सक्सेना और श्री ओ.एन. श्रीवास्तव आदि का स्मरण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश पुलिस ने अदम्य साहस और कर्त्तव्यनिष्ठा से अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए स्थापना वर्ष 1956 से लेकर 2020 तक 877 कर्मियों ने शहादत दी है। इन पुलिसकर्मियों ने प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने की महान परंपरा स्थापित की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पुलिसकर्मियों के कर्त्तव्य-पथ पर चलने का ही परिणाम है कि अब चंबल क्षेत्र में डाकुओं की बंदूकें नहीं चलती, वहाँ विकास की नई गाथा लिखी जा रही है। नक्सलियों का नेटवर्क तोड़ा गया है। सिमी के नेटवर्क को भी ध्वस्त किया गया है। सिंहस्थ में भी पुलिस ने कानून- व्यवस्था के साथ नागरिक कर्त्तव्यों के पालन में अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की। कोरोना के संकट के समय प्रदेशवासियों की जिंदगी की सुरक्षा के लिए पुलिस वालों ने अपनी जान को जोखिम में डाला और हमारे कई साथियों ने अपने आप को बलिदान कर दिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि चंबल में आई विनाशकारी बाढ़ में पुलिस प्रशासन ने जान जोखिम में डालकर लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता पाई। संकट का समय हो या कानून-व्यवस्था की स्थिति या त्योहारों में व्यवस्था को बनाए रखना हो, पुलिस हर कठिन परिस्थिति में जुटी है और कर्त्तव्य पर खड़ी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न और समृद्ध भारत का निर्माण हो रहा है। परंतु विकास और उन्नति की पहली शर्त शांति है। कानून और व्यवस्था को बनाए रखना आवश्यक है। यदि कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है तो समस्त विकास बेमानी हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को शांति का टापू कहा जाता है। प्रदेश में हमने कोई बड़ी कानून-व्यवस्था की समस्या बचने नहीं दी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जीवित समाज में कुछ घटनाएँ घटित होती रहती हैं। ऐसी घटनाओं में भी पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के लिए वह बधाई की पात्र हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन द्वारा कई तरह की नई योजनाएँ आरंभ की गई हैं। डायल-100 इनमें से एक है। इससे त्वरित कार्यवाही संभव हुई है। साथ ही पुलिस में 30% पद बेटियों के लिए आरक्षित करने की पहल, देश में मध्यप्रदेश द्वारा की गई। ऑपरेशन मुस्कान में बड़ी संख्या में बेटियों को सुरक्षित वापस घर लाना पुलिस की बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश में अपराध नियंत्रण में है। पुलिस के साथ एस.ए.एफ के जवानों और होम गार्डों की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम पूरी दक्षता के साथ कार्य कर रहे हैं। कार्य करने में आने वाली समस्याओं का समाधान भी आवश्यक है। अपराधों पर नियंत्रण के साथ पुलिस और पुलिस परिवार की कठिनाइयों का समाधान निकालने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। कई बार पुलिसकर्मी किराए के मकान में अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में रहने के लिए विवश होते हैं। राज्य शासन द्वारा पुलिस आवास बनाने का अभियान आरंभ किया गया है। इस दिशा में नवाचार भी आरंभ किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत यदि किसी पुलिसकर्मी के पास प्लॉट है तो वह अपने अनुसार बैंक से लोन लेकर मकान बनवा सकता है। यह मकान राज्य शासन किराए पर लेकर अन्य पुलिसकर्मी को उपलब्ध कराएगी। राज्य सरकार इसकी गारंटी लेगी। मकान मालिक के रिटायर होने पर यह मकान उसका हो जाएगा। पुलिस परिवार के बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य आदि के लिए भी राज्य सरकार संवेदनशील है। जो पुलिसकर्मी लोगों की सुरक्षा के कार्य में लगे हैं उनके जीवन की कठिनाइयाँ दूर करना मैं अपना कर्त्तव्य मानता हूँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बदलते जमाने के साथ अपराधों का स्वरूप बदलता जा रहा है। पुलिसकर्मियों की तकनीकी दक्षता में वृद्धि के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है। प्रशिक्षण एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। पुलिस में जवान से लेकर अधिकारियों तक के प्रशिक्षण का क्रम निरंतर चलता रहे, ऐसी व्यवस्था आवश्यक है। साथ ही पुलिसकर्मियों को तनाव से मुक्त करने और वे अकेलापन अनुभव न करें, इसके लिए विभिन्न विधाओं को अपनाने की आवश्यकता है। पुलिसकर्मी अधिक मनोयोग से कैसे काम करें, वे बेहतर जिंदगी कैसे जिए, इस दिशा में भी राज्य सरकार कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस स्थापना दिवस जैसे कार्यक्रमों को जनता से जोड़ने की आवश्यकता है। ऐसे कार्यक्रम जनता के बीच में हों। पुलिस को जनता से जोड़ने, कम्युनिटी पुलिसिंग के क्रियान्वयन में ऐसे कार्यक्रमों के जनता के बीच आयोजन से अच्छे परिणाम निकलेंगे। जनता को यह अनुभव कराना आवश्यक है कि पुलिस मेरी मित्र है। हमें ऐसी कार्य-संस्कृति विकसित करना है, जिससे थाने में आने वाला कोई भी व्यक्ति डरे नहीं। यह भाव विकसित करना होगा कि थाना केवल अपराधियों के लिए नहीं है। जनता में पुलिस का विश्वास विकसित करना आवश्यक है, हमें इस दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं पूर्णत: आश्वस्त हूँ कि हमारे पुलिस जवानों के रहते हुए प्रदेश की जनता पूर्णत: सुरक्षित है। हम प्रशासनिक दक्षता के साथ कर्त्तव्य-पथ पर निरंतर चलते रहें, इसके प्रयास हमें करते रहना होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 1956 से लेकर 26 जनवरी 2021 तक 429 वीरता, 229 विशिष्ट सेवा और 1508 मेधावी पदक पुलिस के सदस्यों ने प्राप्त किए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी पदक विजेताओं को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसी व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है कि पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को पदक तत्काल उपलब्ध हो सकें। यह कार्य हम स्वतंत्रता दिवस और पुलिस दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से करते रहेंगे। पुलिस के शौर्य और वीरता को प्रणाम करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पुलिस स्थापना दिवस हमें आत्म-निरीक्षण का भी अवसर देता है। हम में जो भी कमी हो उसे स्वीकार करते हुए निरंतर आगे बढ़ेंगे और मध्यप्रदेश पुलिस के यश और गौरव की गाथा निरंतर आगे बढ़ती रहेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगले वर्ष का कार्यक्रम पुलिस के शौर्य का प्रकटीकरण करते हुए जनता के बीच आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम जीवतंता का प्रतीक है। मध्यप्रदेश पुलिस के स्थापना दिवस पर आनंद का प्रकटीकरण आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक श्री अरविन्द सक्सेना अपर परिवहन आयुक्त, श्री धर्मवीर सिंह पुलिस अधीक्षक सतना, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक श्रीमती अनुराधा शंकर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध, श्री संतोष कुमार उपाध्याय उप पुलिस अधीक्षक यातायात इंदौर, श्री भरत कुमार भावसार सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक, श्री राकेश मोहन दीक्षित सेवानिवृत्त निरीक्षक, डॉ. फरीद बज़मी ग्रंथालय अधिकारी, श्री नरेन्द्र कुमार गंगराड़े निरीक्षक और श्री अजय तुरकई निरीक्षक को प्रदान किए।