पर्यटन और वन विभाग की पहल पर पहली बार बफर एरिया में साइक्लिंग का मजा
कान्हा नेशनल पार्क के “टूर ऑफ़ कान्हा” साइकिलिंग का आयोजन
मध्यप्रदेश के पर्यटन और वन विभाग की पहल पर पहली बार कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन में 4 दिन और 400 किलोमीटर लंबी साइकिल यात्रा का आयोजन किया गया। ‘बफर में सफर’ कैंपेन के अंतर्गत राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन और उसके आसपास के क्षेत्र में साइक्लिंग, पर्यटकों के लिए प्रकृति से जुड़ाव का कभी न भूलने वाला पल बना। प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति और जनसंपर्क विभाग मध्यप्रदेश शासन श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड, मध्यप्रदेश टाईगर फाउंडेशन सोसायटी और कान्हा नेशनल पार्क के सहयोग से साइकिल सफारी संस्था द्वारा “टूर ऑफ़ कान्हा” का आयोजन 13 से 16 अगस्त 2021 तक किया गया था। इस अनूठी पहल का उद्देश्य मानसून में बफर एरिया में पर्यटकों को साहसिक एवं सॉफ्ट एडवेंचर गतिविधियों के माध्यम से रोमांचित करना था। यह आयोजन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइक्लिंग समुदायों को आकर्षित करेगा और साथ ही इससे प्रेरणा लेकर अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में भी साइक्लिंग और साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा।
“टूर ऑफ़ कान्हा” में नीदरलैंड और फ्रांस के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे इंदौर, बैतूल, नागपुर, बैंगलोर, नासिक, पांडिचेरी, मुंबई के 30 साइकिल चालकों ने भाग लिया। पर्यटकों ने 4 दिनों में पार्क के बफर एरिया से 400 किलोमीटर की दूरी तय की और लौगुर, बैहर, उकवा, गढ़ी, चिल्पी, मोतीनाला, खटिया आदि ग्रामों से होते हुए नैसर्गिक और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया। कान्हा टाइगर रिजर्व के गाइड साइक्लिंग यात्रा में उनके साथ रहें। इसके साथ ही महिला स्वयं सहायता समूह मोरनी, तेजस्विनी और मुक्की के सदस्यों ने साइक्लिस्ट सवारों के लिए आवश्यक सहायता और सामान उपलब्ध कराये।
साईकिल राइडर्स ने कान्हा के प्राचीन घने जंगलों में से गुजरते हुए बैगा संस्कृति के खपरैल की छतों वाले घर, बावड़ी, खेत की सुंदरता का आनंद और स्थानीय संस्कृति से परिचय लेते हुए अपना सफर पूरा किया। राष्ट्रीय उद्यान और आसपास के क्षेत्रों में साइक्लिंग प्रकृति और ग्रामीण इलाकों को एक नए पर्यटन उत्पाद के रूप में विकसित कर रही है। यह पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और खानपान से भी अवगत कराती है। इस तरह की गतिविधियों से मुख्य क्षेत्र में पर्यटकों का दबाव कम होगा और बफर क्षेत्र में गैर प्रदूषणकारी और रोमांचक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।