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एमपी का साँची सोलर सिटी देश में बनेगा उदाहरण

मंत्री श्री डंग ने वितरित किये सोलर सिटी और कुसुम योजना के लेटर ऑफ अवार्ड

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  •  सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में सबसे तीव्र गति से विकास कर रहा है। जल्दी ही साँची सोलर सिटी भी देश में एक उदाहरण बनेगी। साँची शहर ही नहीं, प्रत्येक घर किसी न किसी रूप में सोलर ऊर्जा से जुड़ेगा। यहाँ एसी, कूलर, कार, स्ट्रीट लाइट से लेकर घरेलू उपकरण तक सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने यह बात प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं महाभियान (कुसुम 'ए' एवं 'सी') के साथ साँची सोलर सिटी सौर परियोजनाओं की स्थापना के लिये चयनित विकासकों और किसानों को लेटर ऑफ अवार्ड वितरित करते हुए कहीं।

 

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में सबसे तीव्र गति से विकास कर रहा है। जल्दी ही साँची सोलर सिटी भी देश में एक उदाहरण बनेगी। साँची शहर ही नहीं, प्रत्येक घर किसी न किसी रूप में सोलर ऊर्जा से जुड़ेगा। यहाँ एसी, कूलर, कार, स्ट्रीट लाइट से लेकर घरेलू उपकरण तक सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने यह बात प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं महाभियान (कुसुम ‘ए’ एवं ‘सी’) के साथ साँची सोलर सिटी सौर परियोजनाओं की स्थापना के लिये चयनित विकासकों और किसानों को लेटर ऑफ अवार्ड वितरित करते हुए कहीं।

साँची के पहाड़ी क्षेत्र की भूमि पर 8 मेगावाट सौर संयंत्र की स्थापना के लिये डेवलपर नेशनल हाइड्रो पावर डेवलपमेंट कॉपोरेशन के प्रबंध संचालक श्री व्ही.के. सिन्हा ने लेटर ऑफ अवार्ड ग्रहण किया। ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिर्राज दण्डोतिया और प्रबंध संचालक श्री कर्मवीर शर्मा भी मौजूद थे।

मंत्री श्री डंग और श्री दण्डोतिया ने कुसुम ‘ए’ योजना में चयनित 9 किसान और डेवलपर को 14 मेगावाट के लेटर ऑफ अवार्ड का वितरण किया। ऊर्जा विकास निगम द्वारा प्रदेश में चिन्हित 900 से अधिक सब-स्टेशनों पर सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के लिये 4 चरण में लगभग 112 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयत्र स्थापना के लिये चयनित सौर ऊर्जा उत्पादकों के पावर मैनेजमेंट कम्पनी के साथ 71 मेगावाट के विद्युत क्रय अनुबंध किये जा चुके है।

मंत्री श्री डंग ने कहा कि कुसुम ‘सी’ योजना किसान, शासन, जनता और पर्यावरण सभी के लिये बहुत अच्छी योजना है। किसान बिजली बेच कर आय अर्जित करता है। उन्होंने डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स को आश्वासन दिया कि सभी प्रकार की विभागीय सुविधा और सहयोग दिया जाएगा। लगभग 1000 किसानों के पम्प सौर ऊर्जीकृत करने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। किसानों को इससे न सिंचाई सुविधा भी मिलेगी और दिन में बिजली भी मिलेगी। योजना में सोलर संयंत्र स्थापना के लिये 30 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता राशि प्रदान की जाती है। चयनित डेवलपर्स को 4 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र की स्थापना के लिये परियोजना आवंटन पत्र दिये गये।

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