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भाजपा में अपनी संदिग्धता को खत्म करने के लिए पूर्व मंत्री संजय पाठक फिल्मी पटकथा की तरह झूठी कहानी – नरेंद्र सलूजा

भाजपा में अपनी संदिग्धता को खत्म करने के लिए पूर्व मंत्री संजय पाठक फिल्मी पटकथा की तरह झूठी कहानी सुना रहे हैं,उनके सारे आरोप हास्यादपद व उनमें जरा भी सच्चाई नहीं – नरेंद्र सलूजा

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक संजय पाठक मीडिया के समक्ष आकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर सिर्फ भाजपा में अपनी संदिग्धता व संदेह वाली स्थिति को खत्म करने का काम कर रहे हैं , अपने नंबर बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उनके सारे आरोप हास्यादपद होकर झूठे है , उनमें जरा भी सच्चाई नहीं है।

श्री सलूजा ने बताया कि जिस तरह की फिल्मी कहानी संजय पाठक सुना रहे हैं , उसी से प्रतीत हो रहा है उनके सारे आरोप झूठे व मनगढ़ंत है। मीडिया को सुनायी कहानी में वह बता रहे हैं कि जब वह विमानतल से बाहर निकले तो एक विमानतल अधिकारी ने उन्हें बताया कि आपके साथ घेराबंदी हो सकती है।सबसे पहले वे उस अधिकारी का नाम सार्वजनिक करें और जब उन्हें अंदर ही यह पता चल गया था तो उन्होंने अंदर क्या क़दम उठाया ?

फिर वह कह रहे हैं जब एयरपोर्ट से बाहर निकले तो तीन इनोवा व दो फॉर्च्यूनर गाड़ी में बैठे 60-70 सिविल ड्रेस में बेटे अधिकारियों ने उनका पीछा कर रास्ते में गाड़ी अड़ा कर उनकी गाड़ी को रोका। उन्हें यह याद है कि तीन इनोवा और दो फॉर्च्यूनर गाड़ी थी , साथ ही उनके कलर भी उन्हें याद है कि एक सफेद थी , एक ग्रेईश थी तो फिर उन्हें उन गाड़ियों के नंबर भी याद होना चाहिये , उन्हें यह सार्वजनिक चाहिए , जिससे उनके आरोप की पुष्टि हो सके ?
उसके बाद में अपनी फिल्मी कहानी में वे कह रहे हैं कि उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को मैसेज किए और एक वरिष्ठ नेता तत्काल गाड़ी लेकर उन्हें बचाने आ गये। उन्हें उस वरिष्ठ नेता का अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम और मैसेज भी सार्वजनिक करना चाहिए ?
फिर वह कह रहे हैं कि गाड़ी अड़ाने के बाद भी उन्होंने अपनी गाड़ी को दौड़वाया और रास्ते में अपनी गाड़ी से उतरकर एक वरिष्ठ भाजपा नेता की गाड़ी में बैठ गए और 60-70 लोगों ने उन्हें देखा नहीं और उनकी खाली गाड़ी का पीछा किया।कितना हास्यादपद है कि जिस व्यक्ति का एक साथ 60-70 लोग पीछा कर रहे हो और वह अकेला व्यक्ति गाड़ी भी बदल लेता है और उन 60-70 लोगों को पता भी नहीं चलता है और वह फिल्मी कहानी की तरह खाली गाड़ी का ही पीछा करते रहते हैं और पीछा करते-करते उनके घर तक चले जाते है और घर को घेर लेते है।वही दूसरी तरफ संजय पाठक एक वरिष्ठ भाजपा नेता की गाड़ी में अकेले निहत्थे सुरक्षित निकल जाते है।

एक दिन पूर्व संजय पाठक कह रहे थे कि मेरे पास कई ऑडियो-वीडियो है ,समय आने पर सार्वजनिक करूंगा तो संजय पाठक बताएं कि क्या इस पूरी घटना का कोई ऑडियो -वीडियो उनके पास है ? क्या उन्होंने या उनके ड्राइवर ने मोबाइल में इस घटना को रिकॉर्ड किया है ? क्या किसी सीसीटीवी फुटेज में इस घटना का जिक्र है ?
नरेंद्र सलूजा ने कहा कि यदि यह घटना सही है तो उन्होंने और उनके साथ मौजूद वरिष्ठ भाजपा नेता ने तत्काल उसी समय थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कराई ? जब उनकी जान पर बन आई थी तो उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना देना क्यो उचित नहीं समझा ?
एक दिन बाद वे इस पूरे मामले पर मीडिया को एक कहानी बता कर क्या साबित करना चाहते हैं ?
वास्तविकता यह है कि भले संजय पाठक ने कांग्रेस से धोखा कर भाजपा में प्रवेश ले लिया है लेकिन आज भी भाजपा में उन्हें संदेह की दृष्टि से देखा जाता है और आज के माहौल में भी वह संदिग्धता की श्रेणी में है।अपने इसी संदेह व संदिग्धता को दूर करने के लिए व भाजपा में अपने नंबर बढ़ाने के लिए वह साउथ की फ़िल्मों की तरह एक झूठी कहानी रच रहे हैं , इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है और उनकी झूठी फ़िल्मी कहानी को सुनकर कोई भी उन पर विश्वास नहीं करेगा।

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