भोपाल के आरजीपीवी में सूचना प्रौद्योगिकी पर विमर्श हुआ

 

आरजीपीवी के यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग आयोजित पांच दिवसीय एफडीपी के चौथे दिन में विभिन्न क्षेत्रों से आये तीन सौ से अधिक प्रतिभागियों की ने भाग लिया । चौथे दिन का पहला सत्र डॉ गोविंद पी गुप्ता द्वारा शुरू किया गया, जो वर्तमान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने इस सत्र के विषय “इंट्रूज़न डिटेक्शन सिस्टम फॉर फॉग-बेस्ड आईओटी सिस्टम” पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने आईओटी के पर होने वाले विभिन्न प्रकार के अटैक व उनसे जुड़े रोचक तथ्य व बचने के उपायों की जानकारी दी। सत्र के अंत में विशेषज्ञ और प्रतिभागियों के बीच प्रश्नोत्तर हुए जिसने सत्र को अधिक इंटरैक्टिव और रोचक बनाया।

दिन के दूसरे सत्र में स्पीकर डॉ उदय प्रताप राव, प्रोफेसर, एसवीएनआईटी सूरत ने “क्रिप्टोग्राफी का गणित (प्रधान और संबंधित अनुरूपता समीकरण”) विषय पर अपना बहुमूल्य ज्ञान प्रदान किया। उन्होंने विभन्न मॉडलों की व्याख्या के साथ शुरुआत की, और प्राइम नंबर के विवरण पर भी चर्चा की। लेक्चर के दौरान उन्होंने क्रिप्टोग्राफी, प्राइमलिटी टेस्ट एल्गोरिथम और उनके कार्यकुशलता, फैक्टराइजेशन एल्गोरिदम और क्रिप्टोग्राफी में उनकी सार्थकता के बारे में भी चर्चा की।

तीसरे सत्र के वक्ता डॉ देवेश सी जिन्वाला ने “सर्चेबल एन्क्रिप्शन इन क्लाउड: इश्यूज एन्ड चैलेंजेज” पर अपने विचार साझा किए। उनके अनुसार “किसी भी शोध के लिए एक समस्या का पता लगाना सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि आपको यह बताना होगा कि समस्या एक वैध समस्या है। उन्होंनेआगे कहा की क्लाउड आउटसोर्सिंग, संबंधित समस्याओं और समाधानों में क्लाउड कंप्यूटिंग, सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दों की मूल बातें समझने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा और गोपनीयता समस्या से निपटने के लिए खोज योग्य एन्क्रिप्शन सबसे अच्छे तरीकों में से एक क्यों है। अंत में सत्र कुछ प्रश्नों और उत्तरों के साथ समाप्त हुआ। अंत में एफडीपी के कोऑर्डिनेटर डॉ पियूष कुमार शुक्ला ने सभी वक्ताओं के प्रति धन्यवाद अर्पित किया। कार्यक्रम के कन्वेनर प्रोफेसर उदय चौरसिया जी ने भी सभी प्रतिभागयों को शुभकामनायें दी।

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