मध्यप्रदेश के रीवा जिले की 3434 आँगनवाड़ियाँ गोद ली गईं

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने “एडाप्ट एन आँगनबाड़ी” में हुई इस पहल को सराहा

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने “एडाप्ट एन आँगनवाड़ी” योजना में रीवा जिले के सभी आँगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेने पर जिले के जन-प्रतिनिधि, अधिकारी, स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएँ अभिव्यक्त करते हुए ट्वीट किया है- “यह अभूतपूर्व और अभिनंदनीय है। ऐसे पुनीत और संकल्पित प्रयासों से ही रीवा के साथ मध्यप्रदेश के नव-निर्माण का ध्येय पूर्ण होगा।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुझे विश्वास है कि शीघ्र ही अन्य जिले भी सामाजिक सहभागिता और जन-भागीदारी से यह लक्ष्य प्राप्त कर, प्रदेश के उत्थान के प्रयासों को नया आधार और गति देंगे।

उल्लेखनीय है कि रीवा जिले में कुल 3434 आँगनवाड़ियों की जिम्मेदारी लेने के लिए 3719 पंजीयन कराए गए। आँगनवाड़ियों को एडॉप्ट करने के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं ने पर्याप्त उत्साह दिखाया है। मऊगंज परियोजना की 313 आँगनवाड़ियों को एडाप्ट करने के लिए 372 पंजीयन प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार सिरमौर (एक) परियोजना की 288 आँगनवाड़ियों के लिए 323 और सिरमौर (दो) परियोजना की 173 आँगनवाड़ियों के लिए 221 आवेदन प्राप्त हुए। त्योंथर परियोजना की 380 आँगनवाड़ियाँ एडाप्ट करने के लिए 447 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

राज्य शासन ने आँगनवाड़ी सेवाओं को अधिक प्रभावी और बाल रूचि योग्य बनाने के लिए आँगनवाड़ियों के प्रबंधन में जन-भागीदारी और सामाजिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एडॉप्ट एन आँगनबाड़ी की गतिविधि आरंभ की हैं। इसमें दानदाता और सहयोगकर्त्ता आँगनवाड़ियों की आधारभूत आवश्यकताओं और सेवाओं में अपना योगदान दे सकते हैं। आँगनवाड़ी की अधो-संरचना से संबंधित आवश्यकता जैसे भवन निर्माण, अतिरिक्त कमरों का निर्माण, भवनों की रंगाई-पुताई, झूले, फर्नीचर, बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति जैसे यूनिफॉर्म, कपड़े, जूते, चप्पल आदि में सहयोग और स्वास्थ्य और पोषण सेवा में खाद्य सामग्री, दवाएँ, बच्चों के इलाज आदि में सहयोग किया जा सकता है।

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