मध्यप्रदेश के विकास का आईना हैं सड़कें – मंत्री श्री भार्गव मध्यप्रदेश विधानसभा में चर्चा के उपरांत लोक निर्माण विभाग की,6837 करोड़ 93 लाख की अनुदान माँगें एवं कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की 107 करोड़ 24 लाख की अनुदान माँगे पारित की गई ।
105 रेलवे ओवर ब्रिज, 460 नवीन सड़कें तथा 65 नवीन पुल बनाया जाना प्रस्तावित
लोक निर्माण विभाग की 6837 करोड़ 93 लाख की अनुदान माँगें पारित
मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि सड़कें किसी भी देश और प्रदेश के विकास
का आईना होती हैं। सड़कें प्रदेश के विकास में वही भागीदारी दर्ज कराती हैं, जो मानव शरीर में रक्त
धमनियाँ। इस भाव को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित बजट में सड़कों के
सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ प्रदेश में 105 रेलवे ओव्हर-ब्रिज 65 नवीन पुल, 460 नवीन सड़क बनाने का
महत्वाकांक्षी निर्णय लिया गया है। प्रदेश के 56 विधानसभा क्षेत्रों में बनाये जाने वाले इन रेलवे
ओव्हर-ब्रिज पर 3 हजार 132 करोड़ रुपये व्यय किया जायेगा। इसी प्रकार 3 हजार 286 करोड़ रुपये
की लागत से 2 हजार 441 किलोमीटर
लम्बाई वाले 460 नवीन सड़क मार्ग
तथा 759 करोड़ रुपये की लागत से
65 नवीन पुल बनाया जाना भी
प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि राज्य
सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के
बजट प्रस्ताव में पूँजीगत मद में 5
हजार 34 करोड़ रुपये सड़क, पुल
निर्माण, उनके उन्नयन के लिये रखा
गया है तथा राजस्व मद में एक हजार
502 करोड़ रुपया सड़कों एवं पुलों के
संधारण एवं नवीनीकरण के लिये रखा
गया है।
मंत्री श्री भार्गव ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में 2 हजार 441 किलोमीटर की सड़कों एवं
65 ब्रिज के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय
राजमार्गों के संधारण, नवीनीकरण एवं मजबूतीकरण का कार्य मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा
किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में 8 हजार 858 किलोमीटर सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इसके
अतिरिक्त 4 हजार 593 किलोमीटर लम्बाई के मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की सैद्धांतिक
अनुमति भारत सरकार से प्राप्त हो चुकी है। इस योजना मद में 23.76 करोड़ रुपये का प्रावधान
किया गया है। राजस्व मद में शासकीय गैर-आवासीय/आवासीय भवनों के संधारण के लिये 222.85
करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मंत्री श्री भार्गव ने बताया कि राजमार्गों के निर्माण और उन्नयनीकरण का कार्य भी तत्परता से
किया जा रहा है। इसके लिये बजट में 130 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
श्री भार्गव ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करना भी राज्य शासन की प्राथमिकता है।
इसके लिये प्रदेश में 372 ब्लैक-स्पॉट चिन्हित किये गये हैं, जिन्हें सुधारने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सीधी जिले में हुई बस दुर्घटना जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिये
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विभाग द्वारा छुईया घाट पर 156 करोड़ रुपये की लागत से वैकल्पिक मार्ग बनाये जाने की स्वीकृति
दी गई है। सड़कों के निर्माण में डामर की गुणवत्ता को नियंत्रित करने के निर्देश भी राज्य सरकार
द्वारा जारी किये जा चुके हैं। श्री भार्गव ने बताया कि एनडीबी सड़क परियोजना के तहत मध्यप्रदेश
के मेजर डिस्ट्रिक रोड अपग्रेडेशन का कार्य संचालित है। इसके लिये बजट में 670 करोड़ रुपये का
प्रावधान रखा गया है। बाह्य वित्त पोषित एनडीबी सड़क परियोजना के तहत 515 करोड़, केन्द्रीय
सड़क निधि (सीआरआईएफ) के माध्यम से बनाई जा रही सड़कों के लिये बजट में 580 करोड़ रुपये,
नाबार्ड के सहयोग से वृहद पुलों के निर्माण के लिये 154 करोड़ रुपये, बाह्य वित्त पोषित एनडीबी पुल
परियोजना के लिये 180 करोड़ रुपये, बीओटी योजना के तहत 30 करोड़ रुपये और दुर्घटना प्रतिक्रिया
प्रणाली एवं यातायात प्रबंधन के लिये 11 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि
राज्य की आय में वृद्धि के उद्देश्य से यूजर फी योजना लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत 1098
किलोमीटर लम्बाई के कुल 13 मार्गों की स्वीकृति राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदान की जा चुकी है।
इस परियोजना से एक वर्ष में 162 करोड़ रुपये की आय अनुमानित है।
मंत्री श्री भार्गव ने लोक निर्माण और कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की अनुदान माँगों के दौरान
सदन के सदस्यों द्वारा चर्चा में लिये गये भाग और अमूल्य सुझावों के लिये उनका आभार व्यक्त
किया और कहा कि जिन सदस्यों द्वारा अपने सुझाव और माँगें दी गई है, उन पर विभाग गंभीरता
से कार्यवाही सुनिश्चित करेगा।
दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रणाली एवं यातायात प्रबंधन केन्द्र
प्रदेश के राज्यमार्गों को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से म.प्र. सड़क विकास निगम मुख्यालीय में
एक्सीडेंट रिस्पांस सिस्टम एवं ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर है। योजना के अंतर्गत राजमार्गों पर घटित होने
वाली किसी भी दुर्घटना की सूचना कोई भी व्यक्ति 1099 नम्बर पर कॉल-सेंटर को दे सकता है।
दुर्घटना की सूचना मिलने पर त्वरित एम्बुलेंस प्रेषित की जाती है, ताकि दुर्घटनाग्रस्त को निकटस्थ
अस्पताल में पहुँचाया जा सके। ग्यारह करोड़ की लागत वाली इस परियोजना का कार्य दूसरी एजेंसियों
पर निर्भरता वाले कार्य को छोड़कर पूर्ण हो चुका है। सदन में चर्चा के उपरांत लोक निर्माण विभाग की
6837 करोड़ 93 लाख की अनुदान माँगें पारित की गईं।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की 107 करोड़ 24 लाख की अनुदान माँगे पारित
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश में रोजगार सृजन के लिये
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की गतिविधियाँ अति महत्वपूर्ण हैं। इनके द्वारा उत्पादित माल को ई-
कॉमर्स प्लेटफार्म से जोड़ने का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत हाथकरघा एवं
हस्तशिल्प उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था निरंतर की जा रही है इससे विभाग का टर्नओवर बढ़ेगा।