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ऐसे आदेश का कोई औचित्य नहीं जिनका पालन नहीं हो सके

प्रमुख सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मध्यप्रदेश शासन,फैज अहमद किदवई

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  • ई-दाखिल करें शिकायत आयोग पुराने के साथ नए प्रकरणों पर भी शीघ्रता से करे सुनवाई: जस्टिस कैमकर कलेक्टर्स के साथ समन्वय कर आदेश का पालन सुनिश्चित कराये

 

 

ई-दाखिल करें शिकायत

 

आयोग पुराने के साथ नए प्रकरणों पर भी शीघ्रता से करे सुनवाई: जस्टिस कैमकर
कलेक्टर्स के साथ समन्वय कर आदेश का पालन सुनिश्चित कराये

 

मध्यप्रदेश के राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री शान्तनु एस. केमकर ने कहा है कि उपभोक्ता आयोग पुराने प्रकरणों पर प्राथमिकता से सुनवाई करें। साथ ही नवीन प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से किया जायें। उन्होंने नये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों को रेखांकित करते हुए कहा कि उपभोक्ता शिकायतों का समय-सीमा और प्रभावी ढंग से निराकरण होना चाहिए।

न्यायमूर्ति श्री शान्तनु एस. केमकर आज आर.सी.व्ही.पी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल में मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग की “उपभोक्ता शिकायतों का प्रभावी एवं त्वरित निराकरण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आयोग में रिक्त पद की पूर्ति एवं नवीन सदस्यों की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार का आभार माना। प्रमुख सचिव खाद एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री फैज अहमद किदवई, सदस्य राज्य आयोग सर्वश्री एस.एस. बंसल, अशोक कुमार तिवारी, डॉ. श्रीकांत पाण्डेय एवं श्री धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त जिला न्यायालयों के अध्यक्ष एवं सदस्य, रजिस्ट्रार राज्य आयोग श्रीमती अलका श्रीवास्तव एवं अध्यक्ष उपभोक्ता अधिवक्ता संघ श्री मोहन चौकसे उपस्थित रहें।

प्रमुख सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मध्यप्रदेश शासन श्री फैज अहमद किदवई ने कहा कि ऐसे आदेश का कोई औचित्य नहीं जिनका पालन नहीं हो सके। उपभोक्ता आयोग शिकायतों के निराकरण संबंधी अपने आदेशों का पालन कराने के लिए कलेक्टर्स के साथ माह में एक दिन बैठक कर समन्वय स्थापित करें। श्री किदवई ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला आयोग के अधिकारों का दायरा बढ़ाया गया, जिससे आपका काम बढ़ा है और आपकी आवश्यकता भी बढ़ी है। फिर वो इन्फास्ट्रक्चर हो या स्टाफ। राज्य केन्द्र सरकार के साथ समन्वय कर इस दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा उपभोक्ता आयोग के संबंध में दो महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आयोग में फिक्स वेतन को वेतनमान में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। साथ ही नवीन सदस्यों की नियुक्ति भी की गई। उन्होंने कहा इस प्रक्रिया के परिणाम सामने आने लगे हैं और शिकायतों के निराकरण में काफी तेजी आई।

ई-दाखिल करें शिकायत

प्रमुख सचिव श्री किदवई ने कहा कि राज्य एवं जिला उपभोक्ता आयोग शिकायतों को ई- दाखिल करें। इसके लिए एम. पी. आन लाइन एवं कंज्यूमर सर्विस सेंटर अपने स्तर पर सीधे ई-फाइल कर सकते हैं। दाखिल होने से रिकार्ड हमेशा सुरक्षित रहता है और प्रकरण में एनालिसिस करने में सहजता रहती है।

आयोग के काम की रैंकिंग भी

श्री किदवई ने बताया कि केन्द्र सरकार की तरह तीन माह काम की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित आयोग को रैंकिंग दी जाएगी। एक्सीलेंट, गुड एवं एवरेज में दी जाने वाली रैंकिंग आयोग में दर्ज प्रकरण एवं उनके निराकरण में प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मेडिएशन की ओर भी हमें और अधिक काम करना है। इसके लिए ज्यूडिशियल अकादमी में ट्रेनिंग भी की जाएगी।

कार्यशाला में प्रधान जिला सत्र एवं न्यायाधीश भोपाल श्रीमती गिरिबाला सिंह, पूर्व न्यायिक सदस्य रेरा श्री दिनेश नायक, अध्यक्ष जिला आयोग इंदौर-2 सुश्री सरिता सिंह, प्रथम श्रेणी जुडिशियल मजिस्ट्रेट, भोपाल श्री विधान महेश्वरी एवं अस्थिरोग विशेषज्ञ भोपाल डॉ. दीपक शाह ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर प्रकाश डाला।

उपभोक्ता अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एडवोकेट मोहन चौकसे तथा उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ एडवोकेट एचआर मुटरेजा, एडवोकेट दीपेश जोशी, एडवोकेट विकास राय, एडवोकेट रवीन्द्र तिवारी, सीनियर एडवोकेट रवीन्द्र छाबड़ा एवं अजय गुप्ता, एडवोकेट विजय शाहनी, एडवोकेट अजय दुबे, एडवोकेट दीपेश शुक्ला, एडवोकेट गुंजन चौकसे आदि ने उपभोक्ता मामलों से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचारों को साझा किया।

राज्य आयोग की रजिस्ट्रार श्रीमती अलका श्रीवास्तव द्वारा राज्य आयोग एवं जिला आयोगों में प्रकरण के संस्थापन एवं निराकरण के संबंध पावर प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया।

 

 

 

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