राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल हमारी संवैधानिक व्यवस्थाओं, संस्थाओं को पुष्ट और समृद्ध करेगा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 13 सितंबर, 2022 को राज्य विधानसभा में भारत की नव निर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को बधाई भी और अनंत शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा की यह भारतीय लोकतंत्र की अद्भुत, अभूतपूर्व और लोकतंत्र को गौरवान्वित करने वाली घटना है कि एक जनजातीय आदिवासी परिवार में पैदा हुई बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आज भारत की राष्ट्रपति हैं,अत्यंत सहज, सरल और जुझारू जब से उन्होंने होश संभाला आपने आपको गरीबों की सेवा में लगाने का काम किया है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 13 सितंबर, 2022 को राज्य विधानसभा में भारत की नव निर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को बधाई भी और अनंत शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा की यह भारतीय लोकतंत्र की अद्भुत, अभूतपूर्व और लोकतंत्र को गौरवान्वित करने वाली घटना है कि एक जनजातीय आदिवासी परिवार में पैदा हुई बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आज भारत की राष्ट्रपति हैं,अत्यंत सहज, सरल और जुझारू जब से उन्होंने होश संभाला आपने आपको गरीबों की सेवा में लगाने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया की नगर पालिका जैसी संस्था से उन्होंने अपना सार्वजनिक जीवन प्रारंभ किया, लेकिन जिस पद पर भी वह रहीं जैसा कि आपने उल्लेख किया वह उड़ीसा विधान सभा की अध्यक्ष रहीं, मंत्री पद पर रहीं, विभिन्न विभागों के काम को उन्होंने ढंग से प्रशासनिक दक्षता का परिचय देते हुए संभाला और बाद में वह झारखंड की राज्यपाल भी रहीं, व्यक्तिगत जीवन में उन्होंने इतने आघात सहे, उनके पुत्र चले गये. अब पुत्र का जाना अपने आप में एक आघात होता है कि सम्भल ही नहीं पाते लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने धैर्य रखा और सार्वजनिक जीवन में जनता की सेवा का काम झारखंड की राज्यपाल के नाते वह निरन्तर करती चली गईं।
सदन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा की यह सदन जानता होगा, जब एक ऐसा विधेयक सदन में आया तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार लेकर आयी थी तो उन्होंने उसको स्वीकार करने से इंकार किया था जो वह समझती थीं कि ठीक नहीं है, उस पर डटकर फिर वह अपनी बात रखती थीं. जब वह झारखंड की राज्यपाल नहीं रहीं तो चुपचाप अपने गांव में जाकर वह निवास करती थीं, लोगों की सेवा करती थीं, मंदिर में जाती थीं, मंदिर की सफाई करती थीं और जिस दिन उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया और लगभग यह तय था कि वे राष्ट्रपति बनेंगी तो सूचना के बाद भी अप्रभावित रहते हुए सुबह शिव मंदिर में झाड़ू लगाने गयीं. अपने नियम को उन्होंने नहीं तोड़ा. वे भोपाल भी आयीं थीं. तब हमने उनकी सहजता और सरलता में बुद्धिमता के भी अद्भुत दर्शन किए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा की यह देश गौरवान्वित है और यह शायद भारत में ही संभव है कि एक गरीब, आदिवासी परिवार में जन्म लेकर कोई बहन भारत के सर्वोच्च पद तक पहुंच जाती है. मैं अपनी ओर से और इस सदन की ओर से, यह मेरा अपना विश्वास है जैसे आपने अपना विश्वास व्यक्त किया है उनका कार्यकाल हमारी संवैधानिक व्यवस्थाओं, संस्थाओं को और पुष्ट भी करेगी, समृद्ध भी करेगी और जनता की सेवा का अलग इतिहास भी रचेगी और पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ायेंगी. उनको बधाई भी और अनंत शुभकामनाएं।