स्वर्गीय पुष्पेंद्र पाल सिंह (पीपी सर) की स्मृति में दिये जाएंगे पत्रकारिता पुरस्कार, नवीन एमसीयू परिसर में सहेजी जाएंगी स्मृतियां
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने की घोषणा
कोई अमर होकर नहीं आया, जाना तो सबको को है, लेकिन पीपी सिंह ऐसे क्यों चले गए
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 मार्च 2023 को कहा की लाखों दिलों में राज करने वाले पत्रकारिता एवं जनसंपर्क के पुरोधा कहे जाने वाले स्वर्गीय पुष्पेंद्र पाल सिंह (पीपी सर) की याद में आगामी वर्ष से खोजी पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। मंगलवार को एमपी नगर स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पुराने परिसर में अचानक प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी, कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के नेता—कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और सैकडों युवाओं का हुजूम देख लोगों के जहन में यह सवाल कौंधने लगा कि आखिर एक शिक्षक के लिए इतनी भारी संख्या में लोग एक जगह कैसे एकत्रित हो सकते हैं। कार्यक्रम की शुरूआत हे..राम….हे..राम….जग में सांचो तेरा नाम, तू प्यार का सागर है तेरी इक बूंद के सागर हम समेत अनेक हृदयस्पर्शी भजनों से की गई। कार्यक्रम में पीपी सिंह के जीवन पर आधारित ‘कहानियां हजार, एक किरादर’ मूवी प्रदर्शित की गई साथ ही उनकी स्मृतियों को संजोये एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
मध्यप्रदेश माध्यम एवं रोज़गार निर्माण के प्रधान संपादक और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के विभागाध्यक्ष पुष्पेंद्र पाल सिंह की स्मृति में आयोजित भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वर्गीय पुष्पेंद्र पाल सिंह की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा पुष्पेंद्र निष्काम, निष्कपट, निश्छल और निरअहंकार व्यक्ति थे, हमने वर्षों साथ काम किया। मुख्यमंत्री ने गीता को उद्धृत कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह भगवान कृष्ण द्वारा वर्णित सात्विक सदपुरूष की साकार मूर्ति थे। सीएम ने कुछ दिन पहले ही हुई मुलाकात के पलों को याद करते हुए कहा, “यह कटु सत्य है कि एक दिन जाना तो सबको है, लेकिन यह नहीं पता था कि पुष्पेंद्र पाल इस तरह से इस दुनिया से चले जाएंगे।“ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुष्पेंद्र एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कभी किसी भी काम के लिए मना नहीं किया। शायद वो उस रात भी ईश्वर को मना नहीं कर पाए और एक बुलावे पर ही इस लोक को छोड़ कर चले गए। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो असफलता मिलने पर कभी विचलित नहीं हुए और सफलता मिलने पर अहंकार में आकर आसमान नहीं छूने लगे। वह एक ऐसे शिक्षक थे जो अपने छात्रों की पढाई से लेकर रोजगार और उसके जीवन यापन तक की सदैव चिंता करते रहते थे। माखनलाल विश्वविद्यालय में अध्यापन और मध्यप्रदेश माध्यम में सेवारत रहते हुए चौबीसों घंटो काम के लिए तत्पर रहते थे। कार्यक्रम में पुष्पेंद्र पाल सिंह के माता—पिता, भाई केपी सिंह, बहन योगिता, बेटा शिवपाल और बेटी शानू समेत माखनलाल विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक और स्टॉफ मौजूद रहा।
पुष्पेंद्र पाल सिंह के लेख और काव्य होंगे प्रकाशित: शिवराज
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि पुष्पेंद्र पाल सिंह को बिसनखेड़ी में बने माखन लाल विश्वविद्यालय के नवीन भवन में जाना था और पत्रकारिता की पढाई कर रहे युवाओं को बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना था हालांकि असमय निधन के कारण ऐसा नहीं हो सका। अब जल्द ही नए विश्वविद्यालय परिसर में एक कक्ष का नामकरण स्वर्गीय पुष्पेंद्र पाल सिंह की स्मृति में किया जाएगा। यहां उनके लेख और व्याख्यान के संग्रह को प्रकाशित करने के साथ ही व्याख्यान माला आयोजित की जाएगी। वहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में नवाचार करने वालों को पुष्पेंद्र पाल सिंह की स्मृति में प्रति वर्ष सम्मानित किया जाएगा।
पुष्पेंद्र भैया सदैव समाज, लोगों के लिए जिए: केपी सिंह
कार्यक्रम में स्वर्गीय पुष्पेंद्र पाल सिंह के छोटे भाई केपी सिंह ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे बड़े भाई ने सदैव ही हर काम को गहराई में उतर कर पूरी लगन से पूरा किया। उन्होंने बताया कि वह देर रात तक फोन पर अपने दोस्तों, परिचितों और पूर्व छात्रों के संपर्क में रहते थे। उन्होंने कभी यह नहीं देखा कि दिन है या रात वह 24 घंटों लोगों की मदद में निष्काम भाव से लगे रहते थे। केपी सिंह ने कहा कि भाई हमेशा मॉं से कहते थे कि अगर मेरे एक फोन से किसी का कोई काम बनता है तो इससे अच्छा पुण्य का काम क्या होग और वह सदैव इसी भाव के साथ मानव सेवा में जुटे रहे। उन्होंने हर मिलने जुलने वाले व्यक्ति, विद्यार्थियों को अपने परिवार की तरह माना और हमेशा उनकी मदद की।
पुष्पेंद्र सदा हम सबके साथ रहेंगे: गिरिजा शंकर
स्वर्गीय पुष्पेंद पाल सिंह बड़े भाई समान वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर ने बताया कि आज के दौर में पुष्पेंद्र जैसे शिक्षक मिलने काफी मुश्किल है जो अपने विद्यार्थियों के लिए पागलपन की हद तक जुनून पाले। यह किसी किवदंती से कम नहीं है। वह आज इस दुनिया में नहीं है ये अहसास कर पाना संभव नहीं है, वह हमारे साथ हैं। अपने साथी को याद करते हुए पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक ने बताया कि के हमारा संगठन विगत 65 वर्षों से काम कर रहा है, दिसंबर में 44वी ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस पुष्पेंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में भोपाल में इस तरह आयोजित किया गया कि अब उसे आने वाली पीढियां याद रखेंगी। पुष्पेंद्र बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, वह अपने काम को पूरी गुणवत्ता, मुस्तैदी के साथ पूरा करने के लिए कमिटेड रहते थे। कार्यक्रम में समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर, मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, माखनलाल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर केजी सुरेश, वरिष्ठ पत्रकार अमृता सिंह, पीयूष बबेले, राकेश मालवीय, वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र भदौरिया समेत भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।