ई – ऑक्शन से प्राप्त धनराशि का होगा नवाचार में उपयोग
एमपीपोस्ट, 11 सितम्बर, 2022 ,भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशिष्ट अवसरों पर मिले उपहार एवं स्मृति चिन्हों की ई – नीलामी ( ऑनलाइन ऑक्शन ) 17 सितंबर उनके जन्म दिवस से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2022 तक चलेगी। नीलामी की प्रक्रिया भारत सरकार की वेबसाइट ( pmmementos.gov.in) के जरिये संपन्न होगी। नीलामी के लिए उन 1200 उपहारों और स्मृति चिन्हों को शामिल किया गया है जो प्रधानमंत्री को मिले हैं ।
इन 1200 उपहारों में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रधानमंत्री को भेंट की गई रानी कमलापति की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है । इसके अलावा अयोध्या की पवित्र मिट्टी का अमृत कलश अन्य आकर्षण है।
एमपीपोस्ट को मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के सभी सक्षम व्यक्तियों से राज्य के मुख्यमंत्री ने और अपने – अपने दल के पार्टी के जिम्मेदार लोगों ने पार्टी पदाधिकारियों से आग्रह किया गया है कि वे इस ई -ऑक्शन प्रक्रिया में भाग लें और मध्यप्रदेश द्वारा दिए गए उपहारों की बोली लगाएं ताकि उपहार और स्मृति चिन्ह मध्यप्रदेश में ही रहें और यहां की शोभा बढ़ाते रहें। इससे भावनात्मक रूप से इन घटनाक्रमों से सभी नागरिक जुड़े रहेंगे और आने वाली पीढ़ी के लिए एक विशेष धरोहर रहेगी ।
मध्यप्रदेश के कुछ जनजाति वर्ग के सांसद और विधायक एवं इन वर्गों के लिए काम करने वाले संस्थान इस ई – नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए इसलिए विचार कर रहें हैं क्योंकि रानी कमलापति उनकी विरासत हैं।
प्रधानमंत्री उपहार और स्मृति चिन्ह के बेचे जाने से प्राप्त धनराशि का उपयोग नवाचार करते हुए जनहित में विशेष प्रयोजन के लिए व्यय करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले मिले गिफ्ट और स्मृति चिन्हों को नीलाम कर चुके हैं। पीएम ने 18 सौ गिफ्ट नीलाम किए थे और इससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल नमामि गंगे प्रोजेक्ट में किया गया।
प्रधानमंत्री ने देश-विदेश की सैकड़ों यात्राएं कीं। जहां भी गए वहां उपहार मिले। इन उपहारों का अब अच्छा-खजाना उनके पास हो गया है जिसे अब नीलाम करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेकर उनको को मिले उपहार और स्मृति चिन्ह को पूर्व में ई -ऑक्शन प्रक्रिया के तहत बेचा था। ई -ऑक्शन से प्राप्त राशि का निर्धन और असहाय पीड़तों के कल्याण और बच्चों के ईलाज पर खर्च करने का नवाचार बहुत पहले शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं।