प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के उज्जैन में श्री महाकाल लोक में महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री ने गर्भगृह में पूजा और आरती की

 

 

Prime Minister Narendra Modi performs puja at Shree Mahakal Mandir in Ujjain, Madhya Pradesh

 

 

इस परियोजना का उद्देश्य हमारी विरासत संरचनाओं के संरक्षण और जीर्णोद्धार पर विशेष ज़ोर देने का है

इस पूरी परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है

यहां लगभग 1.5 करोड़ प्रति वर्ष का मौजूदा फुटफॉल दोगुना होने की उम्मीद है

 

एमपीपोस्ट, 11 अक्टूबर, 2022 ,भोपाल। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकाल लोक में महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया।

जब प्रधानमंत्री नंदी द्वार से श्री महाकाल लोक तक पहुंचे तो पारंपरिक धोती पहने हुए थे। आंतरिक गर्भगृह में पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने पूजा और दर्शन किए और मंदिर के पुजारियों की उपस्थिति में भगवान श्री महाकाल के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना की। आरती करने और पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री आंतरिक गर्भगृह के दक्षिणी कोने में बैठ गए और मंत्रों का जाप करते हुए ध्यान किया। प्रधानमंत्री नंदी प्रतिमा के बगल में भी बैठे और हाथ जोड़कर प्रार्थना की।

प्रधानमंत्री ने श्री महाकाल लोक राष्ट्र को समर्पित करते हुए पट्टिका का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने मंदिर के संतों से भी मुलाकात की और उनसे संक्षिप्त बातचीत की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने महाकाल लोक मंदिर परिसर का दौरा किया, वहां भ्रमण किया और सप्तऋषि मंडल, मंडपम, त्रिपुरासुर वध और नवगढ़ को देखा। प्रधानमंत्री ने भित्ति चित्र देखे जिनमें कई कहानियां उकेरी हुई थीं। इनमें शिव पुराण में वर्णित सृजन का कार्य, गणेश के जन्म, सती और दक्ष की कहानियां शामिल थीं। श्री मोदी ने बाद में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम देखा जिसे इस अवसर पर प्रदर्शित किया गया और मानसरोवर में मलखंब प्रदर्शन भी देखा। इसके बाद उन्होंने भारत माता मंदिर के दर्शन किए।

प्रधानमंत्री के साथ मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकाल लोक में महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया। महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण, विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके यहां मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के अनुभव को समृद्ध करने में मदद करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य इस पूरे क्षेत्र में भीड़भाड़ को कम करना और विरासत संरचनाओं के संरक्षण और जीर्णोद्धार पर विशेष जोर देना है। इस परियोजना के तहत मंदिर परिसर का करीब सात गुना विस्तार किया जाएगा। इस पूरी परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है। इस मंदिर का मौजूदा फुटफॉल वर्तमान में लगभग 1.5 करोड़ प्रति वर्ष है, इसके दोगुना होने की उम्मीद है। इस परियोजना के विकास की योजना दो चरणों में बनाई गई है।

यहां महाकाल पथ में 108 स्तंभ हैं जो भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप (नृत्य रूप) को दर्शाते हैं। महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव के जीवन को दर्शाने वाली कई धार्मिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इस पथ के साथ-साथ बने भित्ति चित्र शिव पुराण में वर्णित सृजन के कार्य, गणेश के जन्म, सती और दक्ष की कहानियों पर आधारित है। इस प्लाजा का क्षेत्रफल 2.5 हेक्टेयर में फैला हुआ है और एक ये कमल के तालाब से घिरा हुआ है जिसमें पानी के फव्वारे के साथ शिव की मूर्ति है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों की मदद से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा इस पूरे परिसर की चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी।

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