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मध्यप्रदेश के इंदौर को दुनिया का सबसे स्वच्छ शहर बनना है

( प्रवीण कक्कड़ )
हमारा प्यारा इंदौर शहर स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में स्वच्छता के मामले में पहले नंबर पर आया है। इंदौरियों ने यह कारनामा लगातार पांचवें साल करके दिखाया है। यानी पिछले 5 साल से लगातार इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है। यह एक बड़ी उपलब्धि है और इस पर हम सब को गर्व है। अब हमें संकल्‍प लेना है कि हम दुनिया के सबसे स्‍वच्‍छ और सुंदर शहर में अपना नाम शुमार करें।
शहर को स्वच्छता में देश का सिरमौर बनाने में सबसे बड़ा योगदान हमारे सफाई कर्मचारी भाई-बहनों और उनके साथ ही इंदौर नगर निगम का है। निगम के अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए बधाई के पात्र हैं। इस तरह के काम करने के लिए अधिकारियों को हमेशा से ही राजनीतिक नेतृत्व के कुशल मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, इसलिए इंदौर के राजनीतिक नेतृत्व को भी इंदौर के स्वच्छ शहरों में टॉप पर रहने की बधाई। इंदौर शहर का देश का सबसे स्वच्छ शहर होना हमारी सभ्यता और संस्कृति का भी प्रतीक है। हमारी सड़कें, सार्वजनिक पार्क और सार्वजनिक स्थल तब तक साफ नहीं रह सकते जब तक की जनता इसमें सहयोग ना करे। यह काम तभी हो सकता है जब किसी शहर के नागरिक अपने शहर को अपने घर की तरह प्यार करें। पिछले 5 साल से इंदौर के लगातार स्वच्छ शहर के रूप में शीर्ष पर बने रहने से यह बात साबित होती है कि इंदौर के नागरिक अपने शहर को अपने घर की तरह प्यार करते हैं। जैसे आप अपना घर संवारते हैं, उसी तरह भी अपना शहर संवारते हैं।
इंदौर एक ऐतिहासिक शहर है और भारत की राजनीति और संस्कृति दोनों में इसका अपना एक खास मुकाम है। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र है। यहां मालवा की सभ्यता और संस्कृति है तो मुंबई से भी इसका करीब का नाता है। शहर के नगर निकाय के लिए इतने ऐतिहासिक शहर को उसकी परंपरा के अनुकूल सजाना, संवारना और स्वच्छ रखना कोई छोटी मोटी चुनौती नहीं है। खासकर ऐसा शहर जो दिन में ही व्यस्त नहीं रहता, बल्कि देर रात तक जागने का आदि हो, वह स्वच्छता करने के लिए कम ही समय मिल पाता है। लेकिन इंदौर के नगर निकाय ने यह काम करके दिखाया है। स्वच्छता की प्रतियोगिता में सबसे ऊपर आने के लिए सिर्फ स्वच्छ होना ही पर्याप्त नहीं होता, उसके लिए ऐसे योग्य अधिकारियों की आवश्यकता भी पड़ती है जो स्वच्छता को इस तरह से दस्तावेजों में पेश कर सकें कि वह आदमी भी शहर की स्वच्छता को महसूस कर सके, जो दिल्ली में बैठकर पूरे देश के शहरों को कसौटी पर कस रहा हो।
एक बात और बड़ी महत्वपूर्ण है कि अब जब इंदौर पिछले 5 साल से सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है, तो हमें इस तरह से व्यवहार करना होगा कि अगले कई साल तक और इंदौर को यह खिताब मिलता रहे। इसके लिए जरूरी है कि हम स्वच्छता के मामले में नई से नई टेक्नोलॉजी को अपनाएं, प्रशासन का सहयोग करें और शहर के स्थापत्य को इस तरह से बनाएं कि शहर और ज्यादा खूबसूरत लगने लगे। क्योंकि बाकी शहर भी अपने आपको और बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे। ऐसे में एक जगह ठहर जाने से नंबर वन बना रहना कठिन हो जाएगा। ऐसे में इंदौर शहर को एक स्वच्छ प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को हमेशा तैयार करना चाहिए। कुछ छोटी-छोटी बातें जो हम हमेशा याद रखते हैं, उन्हें आगे भी याद रखें कि कचरा कचरे वाली गाड़ी में ही डालना है, सूखा और गीला कचरा अलग अलग रखना है, घर को साफ रखते समय यह याद रखना है कि इस सफाई में कहीं शहर गंदा ना हो जाए।
हमें अपने घरों और दुकानों के अतिक्रमण से भी बचना होगा। इस तरह के अतिक्रमण के कारण अक्सर नालियां और पानी निकासी के दूसरे साधन अवरुद्ध हो जाते हैं और शहर में गंदगी पनपती है। जाहीर है कि हम इन सब बातों से परहेज करेंगे। इस मौके पर आप सबको बहुत-बहुत बधाई। अब तो हम सबको मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि अभी इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर है, जल्द ही हम इसे दुनिया का सबसे स्वच्छ शहर बनाएंगे। ऐसा करना थोड़ा कठिन जरूर है, लेकिन अनुशासन और इच्छाशक्ति से इसे हासिल किया जा सकता है। आइए हम आज से ही इसकी तैयारी शुरू करें।
( लेखक : मध्यप्रदेश शासन में ओएसडी रहे हैं )

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