महलों में रहने वालों को झोपड़ियों में रहने वालों की करनी चाहिए चिंता
: मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा
राज्यपाल छठें आउटस्टेंडिंग अचीवमेंट अवार्ड कार्यक्रम में हुए शामिल
मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि महलों में रहने वालों को झोपड़ियों में रहने वालों की चिंता करनी चाहिए। शरीर का यदि एक भी अंग बीमार होता है तो वह शरीर स्वस्थ नहीं माना जा सकता है। यही बात समाज पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन दूसरों के लिए होता है। इसीलिए प्रकृति ने बोलने की विशिष्ट क्षमता और संवेदनशीलता की सौगात दी है। इस भावना को समाज में प्रसारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने फेडरेशन के सदस्यों का आहवान किया कि वह अपने आस-पास के वंचित वर्गों की जरूरतों में सहयोग की जिम्मेदारी स्वीकार करें।
राज्यपाल श्री पटेल आज फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री की 43 वीं वार्षिक बैठक और छठें आउटस्टेंडिंग अचीवमेंट अवार्ड कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वृहद, मध्यम और लघु उद्यमियों को विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य के लिए अचीवमेंट अवार्ड 2022 से पुरस्कृत किया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि फेडरेशन, प्रदेश के विकास और कोविड-19 की आपदा के समय दिए गए सहयोग एवं जनसेवा के लिए बधाई की पात्र हैं। उन्होंने कहा कि मुझे जानकर हर्ष हुआ है कि प्रदेश के उद्यमी रोजगार के नए अवसरों के निर्माण के लिए तत्पर हैं। स्थानीय उद्योगों में लोगों को रोजगार देने के लिए रोजगार मेले के आयोजन किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सदी की सबसे बड़ी आपदा कोविड की रोकथाम के लिए जिस तरह जरूरी व्यवस्थाएँ और जन- सहयोग का वातावरण निर्मित किया, वह विश्व में अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान समाज के सभी वर्गों ने अपनी, परिवारजन की जान की चिंता किए बिना दूसरों की सेवा में प्राण भी न्यौछावर कर दिए, लेकिन कई घटनाएँ ऐसी भी सुनने में आई, जिसमें पीड़ितों के साथ लूट का व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि समाज में इस तरह की घटनाएँ शर्मसार करने वाली हैं। स्वस्थ और समरस समाज के निर्माण के लिए सबको मिलकर कार्य करने होंगे। जीवन के हर क्षेत्र में चाहे वह शिक्षा या व्यवसाय का हो, सभी में वंचित वर्गों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोगी भावना का होना जरूरी है।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा है कि फेडरेशन का अवार्ड कार्यक्रम उद्योग एवं व्यापार के विकास के संकल्प का प्रतीक है। महिला उद्यमियों की भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सामान्यतः देखा गया है कि पति व्यवसाय में पत्नी को भागीदारी देते हैं, लेकिन कार्यक्रमों में नहीं लाते हैं। महिलाओं की उपस्थिति समाज के सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे सार्थक बदलावों का प्रतीक है। फेडरेशन द्वारा सम्मान की पहल से उद्यमियों का आत्म-विश्वास बढ़ेगा। राष्ट्र विकास में सहयोग की प्रेरणा और प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यक्रम में फेडरेशन के संरक्षक स्व. श्री रमेश अग्रवाल का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
फेडरेशन के संरक्षक श्री गिरीश अग्रवाल ने कहा कि दुनिया में हो रहे जियो-पॉलिटिक्ल-चेंजेस में जिस तरह भारत उभरकर आ रहा है, उसमें विश्व अर्थ-व्यवस्था में भारत की संभावनाएँ बहुत बढ़ी हैं। उत्पादन और सेवा सभी क्षेत्रों में मांग की कई गुना वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन में निजी क्षेत्र के योगदान को पहचान मिली है। सरकार का समर्थन उद्योगों के हौंसलों को बढ़ाता है।
स्वागत उद्बोधन में फेडरेशन के प्रेसिडेंट श्री आर.एस. गोस्वामी ने बताया कि कोविड आपदा के दौरान भी प्रदेश के उद्योगों में एक भी कर्मचारी की छटनी नहीं की गई। प्रदेश के उद्यमी ने आपदा के समय 53 दिनों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 98 प्रतिशत ऑक्सीजन जनरेशन के साथ तैयार करने की उपलब्धि प्राप्त की है। प्रदेश की जी.डी.पी. में 46.9 प्रतिशत कृषि का योगदान है। इसी तथ्य के दृष्टिगत प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों में तेजी की अपार संभावनाएँ हैं। प्रदेश के उद्योगों में 1 लाख 50 हजार 929 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। ज्वाइंट प्रेसिडेंट श्री अखिलेश राठी ने आभार माना।
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