देशप्रमुख समाचारराज्‍य

पेसा नियमों का क्रियान्वयन जल्द से जल्द करना है सुनिश्चित

मध्यप्रदेश जनजातीय मंत्रणा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने कहा

Story Highlights
  • जनजातीय भाई-बहनों के सशक्तिकरण की दिशा में सामाजिक क्रांति हैं पेसा नियम मुख्यमंत्री ने किया जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना के पोर्टल का शुभारंभ जनजातीय मंत्रणा परिषद की हुई बैठक मुख्यमंत्री श्री चौहान का पेसा नियम लागू करने के लिए परिषद ने माना आभार

जनजातीय भाई-बहनों के सशक्तिकरण की दिशा में सामाजिक क्रांति हैं पेसा नियम
मुख्यमंत्री ने किया जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना के पोर्टल का शुभारंभ
जनजातीय मंत्रणा परिषद की हुई बैठक
मुख्यमंत्री श्री चौहान का पेसा नियम लागू करने के लिए परिषद ने माना आभार

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पेसा नियम जनजातीय भाई-बहनों के आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में सामाजिक क्रांति हैं। अधिनियम के प्रावधानों और नियमों की जानकारी का गाँव-गाँव तक विस्तार करने के लिए युवाओं को जोड़ कर अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गई है। मैं स्वयं भी जनजातीय विकासखंडों में जाऊँगा। हमें हर हाल में पेसा नियमों का क्रियान्वयन जल्द से जल्द सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में मध्यप्रदेश जनजातीय मंत्रणा परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाओं के पोर्टल का शुभारंभ भी किया। संचालनालय, जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाएँ, द्वारा बैठक में पेसा नियमों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। साथ ही परिषद के सदस्यों से प्राप्त सुझावों पर चर्चा भी हुई। परिषद ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का पेसा नियम लागू करने के लिए आभार माना।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि 268 ग्राम सभाओं ने तेन्दूपत्ता तोड़ने और बेचने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया है। आरंभ में इस गतिविधि में वन विभाग पूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। पेसा नियम प्रदेश के 20 जिलों के 89 विकासखंडों में लागू हैं। प्रदेश के सभी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में पेसा नियम के प्रावधान लागू करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा। इस दिशा में कार्य के लिए विशेष टीम का गठन किया जाएगा। वृक्षा-रोपण गतिविधियों में वनोपज देने वाले पौधों को लगाने को प्राथमिकता दी जाएगी। जनजातीय नृत्य, गायन तथा वादन जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों के संरक्षण के लिए विशेष छात्रावास विकसित करने पर भी विचार किया जाएगा। जनजातीय भाई-बहनों को कोदो-कुटकी का उचित मूल्य प्राप्त हो, इस दिशा में भी प्रयास होंगे।

बैठक में प्रदेश के जनजातीय युवाओं के स्व-रोजगार व विकास के लिए आरंभ तीन नवीन योजनाओं भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना संबंधी जानकारी दी गई। रतलाम ग्रामीण विधायक श्री दिलीप मकवाना तथा परिषद के अन्य सदस्यों द्वारा सभी जनजातीय क्षेत्रों में पेसा नियम लागू करने का अनुरोध किया। बैठक में जनजातीय छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा में वृद्धि, आउट सोर्सिंग से भरे जाने वाले पदों में आरक्षण की व्यवस्था, शिक्षकों के अध्यापन स्तर के मूल्यांकन, जनजातीय क्षेत्रों में सीएम राइज स्कूल आरंभ करने संबंधी भी चर्चा हुई। डॉ. रूपनारायण माडवे, श्री राम दांगोरे तथा श्री कालू सिंह मुजालदा के सुझावों पर चर्चा हुई।

वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण तथा पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित अपर मुख्य सचिव और सचिव उपस्थित थे।

 

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button