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भोपाल में पर्यावरण- संरक्षण पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम 26 अक्टूबर को

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रम में शामिल होंगे

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  • मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में पर्यावरण-संरक्षण पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर भोपाल में सुबह 11 बजे से होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान की उपस्थिति में जन-भागीदारी से पौध-रोपण, जल-संरक्षण और सस्टेनेबल ग्रीन साइट्स पर गतिविधियाँ होंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान अंकुर अभियान के प्रतिभागियों से संवाद भी करेंगे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम से सभी जिले वर्चुअली जुड़ेंगे। जिलों में होने वाले कार्यक्रमों में पर्यवारण प्रेमी, पर्यावरणविद और अंकुर अभियान के प्रतिभागी शामिल होंगे। गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में सभी जिलों में होने वाले कार्यक्रमों का समन्वय मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा किया जा रहा है।

कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर भोपाल में 26 अक्टूबर को होगा राज्य स्तरीय कार्यक्रम
सभी जिलों में पर्यावरणविद और पर्यावरण प्रेमियों के साथ होंगे कार्यक्रम

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में पर्यावरण-संरक्षण पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर भोपाल में सुबह 11 बजे से होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान की उपस्थिति में जन-भागीदारी से पौध-रोपण, जल-संरक्षण और सस्टेनेबल ग्रीन साइट्स पर गतिविधियाँ होंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान अंकुर अभियान के प्रतिभागियों से संवाद भी करेंगे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम से सभी जिले वर्चुअली जुड़ेंगे। जिलों में होने वाले कार्यक्रमों में पर्यवारण प्रेमी, पर्यावरणविद और अंकुर अभियान के प्रतिभागी शामिल होंगे। गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में सभी जिलों में होने वाले कार्यक्रमों का समन्वय मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 22 अक्टूबर को प्रदेशवासियों के नाम जारी संदेश में कहा था कि गोवर्धन पूजा का पर्व सार्वजनिक रूप से मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजा सही अर्थों में पर्यावरण और प्रकृति की पूजा है, इसका आरंभ भगवान श्री कृष्ण ने किया था। उन्होंने बृजवासियों से कहा था कि गोवर्धन पर्वत गायों को घास देता है, पर्वत पर लगे पेड़ों के फलों का उपयोग किया जाता है और पर्वत के जंगल लोगों को जीवन देते हैं। इसलिए यदि बृजवासियों को पूजा करना है तो गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाए। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा शुरू की गई परंपरा आज तक भारत में जारी है। गोवर्धन पूजा का अर्थ पर्यावरण की रक्षा करना है, जो आज बहुत प्रासंगिक हो गई है। गोवर्धन पूजा पर्यावरणविदों और पर्यावरण प्रेमियों के साथ की जाएगी। प्रकृति की पूजा और संरक्षण ही धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित छोड़ सकती है। इसी उद्देश्य से संपूर्ण प्रदेश में प्रकृति प्रेमियों के साथ गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाएगा।

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