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मध्यप्रदेश में पशुपालन विभाग के नाइट्रोजन टैंकर वापस लौटे- नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन पी. नरहरि ने बताया

 

मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों केलिए जीवन रक्षक ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा अप्रैल में राज्य शासन को सौंपे गए चारों नाइट्रोजन टैंकर वापस विभाग में आ गए हैं। कोरोना के पीक समय में दूसरे राज्यों के ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन लाने में इन टैंकरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्री पी. नरहरि ने कहा है कि कोरोना संकट काल में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए ये टैंकर्स लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को सौंपे गए थे। वर्तमान परिस्थितियों में मेडिकल ऑक्सीजन माँग एवं आपूर्ति सामान्य हो चुकी है। टैंकर्स के उचित रख-रखाव की अपेक्षा करते हुए कहा गया है कि ताकि कोरोना की संभावित तीसरी लहर आने से उत्पन्न विकट परिस्थितियों से पूरी क्षमता के साथ सामना किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम द्वारा इन नाइट्रोजन टैंकरों का उपयोग प्रदेश के सभी जिलों में गो- भैंस वंशीय पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिए सीमन डोज संरक्षण के लिए किया जाता है। नाइट्रोजन में डूबे रहने से यह डोज 20 से 50 वर्ष तक खराब नहीं होते। सीमन डोज -196 डिग्री सेल्सियस तापमान पर नाइट्रोजन में संरक्षित किए जाते हैं। कुक्कुट विकास निगम द्वारा उत्पादित नाइट्रोजन बनाने में किसी तरह के कच्चे माल की जरूरत नहीं होती। वातावरण में 78 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है। नाइट्रोजन बनाने में सक्षम होने के कारण इन टैंकरों को ऑक्सीजन लाने के लिए उपयुक्त माना गया है।

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