यूनेस्को के “हिस्टोरिक अर्बन लेण्डस्केप’’ में मैनेजमेंट प्लान की हुई समीक्षा
पर्यटन, पुरातत्व और नगरीय विकास विभाग की संयुक्त बैठक
मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग श्री शिव शेखर शुक्ला और प्रमुख सचिव नगरीय विकास और आवास श्री संजय दुबे ने होटल ताज लेकफ्रंट में ओरछा से संबंधित दो प्रोजेक्टस की समीक्षा की। इसमें ‘’यूनेस्को” विश्व धरोहर में ओरछा को सम्मिलित करने हेतु नामिनेशन डोजियर बनाने और यूनेस्को के “हिस्टोरिक अर्बन लेण्डस्केप’’ में मैनेजमेंट प्लान के संबंध में प्रेजेन्टेशन तथा प्रमुख बिन्दुओं पर चर्चा हुई। आयुक्त पुरातत्व श्रीमती शिल्पा गुप्ता और अपर प्रबंध संचालक पर्यटन बोर्ड श्री विवेक क्षत्रिय उपस्थित रहे।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने यूनेस्को और द्रोणा संस्था द्वारा दिये जा रहे सुझाव पर ही योजनाओं का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों की योजनाओं को एक ही प्लेटफार्म पर लाने का सुझाव दिया। साथ ही ओरछा को यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में सम्मिलित करने के लिए हर संभव प्रयास और मुख्यालय स्तर पर आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही। उन्होंने वर्चुअली उपस्थित कमिश्नर सागर श्री मुकेश कुमार शुक्ला और कलेक्टर निवाड़ी श्री तरूण भटनागर को स्थानीय स्तर पर योजनाओं की समीक्षा करने एवं तदानुसार प्रावधान करने का निर्देश भी दिया।
प्रमुख सचिव श्री दुबे ने ओरछा की ऐतिहासिक विरासत के अनुसार सभी विभागों को प्लानिंग और डिजायनिंग करने के निर्देश दिये। बैठक में ओरछा में विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित किये जा रहे प्रोजेक्ट की समीक्षा की गई।
“द्रोणा” की डायरेक्टर डॉ. शिखा जैन ने ओरछा को यूनस्को विश्व धरोहर में शामिल करने बनाये जा रहे नामिनेशन डोजियर का प्रेजेन्टेशन दिया। यूनेस्को के कंसल्टेंट श्री निशान्त उपाध्याय ने यूनेस्को द्वारा ‘’हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप’’ में बनाये जा रहे मैनेजमेंट प्लान और धरातल पर किए गए कार्यों की जानकारी दी।
यूनेस्को नई दिल्ली की कल्चर सेक्टर की प्रमुख सुश्री जून्ही हान ने कहा कि ओरछा की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे भारत के लिये गौरव का विषय है। इसे विश्व धरोहर बनाने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त की गई।
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर एवं ओरछा का चयन यूनेस्को द्वारा हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप में मैनेजमेन्ट प्लान बनाने के लिए किया गया है। इन शहरों का चयन भारत ही नहीं साउथ एशिया के देशों में यूनेस्कों द्वारा प्रथम बार किया गया है।
बैठक में टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग, ए.एस.आई. राज्य पुरातत्व विभाग, लोक निर्माण, वन, एम.पी.आर.डी.सी., पर्यटन एवं नगर परिषद ओरछा के अधिकारी शामिल हुये।