जरूरतमंद अधिवक्ताओं को दी जाएगी आर्थिक सहायता, मध्य प्रदेश अधिवक्ता सहायता योजना शुरू
जरूरतमंद अधिवक्ताओं को दी जाएगी आर्थिक सहायता
मध्य प्रदेश अधिवक्ता सहायता योजना शुरू
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गठित फंड की सीमा दोगुनी की
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में न्यासी समिति की बैठक संपन्न
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट के इस दौर में न्यायालयों के बंद होने से हमारे बहुत से अधिवक्ताओं को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनको सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश अधिवक्ता सहायता योजना बनाई गई है। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि इस योजना के लिए गठित फंड की सीमा को एक करोड रुपए से दो करोड रुपए कर दिया जाए, जिससे हम अधिक से अधिक जरूरतमंद अधिवक्ताओं को इस योजना का फायदा दे सकें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मध्य प्रदेश अधिवक्ता सहायता योजना के संबंध में गठित न्यासी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव विधि श्री सत्येंद्र सिंह, सचिव श्री गोपाल श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महाधिवक्ता श्री पुरुषेन्द्र कौरव आदि ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने पात्र अधिवक्ताओं की संख्या को भी दोगुना किया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा यह प्रयास रहेगा कि अधिक से अधिक जरूरतमंद अधिवक्ताओं को इस योजना का लाभ मिल सके। इसके लिए उन्होंने प्रस्तावित योजना में पात्र अधिवक्ताओं की संख्या को दोगुना किए जाने के निर्देश दिए।
यह है योजना, 5 हज़ार की सहायता मिलेगी
कोरोनावायरस के प्रसार के कारण अधिवक्तागणों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः कमजोर आर्थिक स्थिति वाले अधिवक्तागणों को दैनिक जीवन निर्वाह के लिए आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से “मध्य प्रदेश अधिवक्ता सहायता प्राकृतिक आपदा एवं अप्रत्याशित परिस्थिति योजना 2020” बनाई गई है। यह योजना मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा नामांकित अधिवक्ताओं पर लागू होगी। पात्र अधिवक्ता को किसी विशेष परिस्थिति में यह राशि देय होगी, जिसे अधिवक्ता परिषद की सलाह पर ही समिति समय-समय पर निर्धारित करेगी। किसी परिस्थिति विशेष में यह राशि ₹5000 से अधिक नहीं होगी।
आवेदन प्रक्रिया
सदस्यगण अपने आवेदन, जो कि मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद को संबोधित होंगे, जिला/तहसील अधिवक्ता संघ को करेंगे। संबंधित जिला/तहसील अधिवक्ता संघ द्वारा आवेदन पत्र का परीक्षण करने के उपरांत अनुशंसा सहित आवेदन पत्र राज्य अधिवक्ता परिषद को स्वीकृति हेतु प्रेषित किए जाएंगे।