इंदौर 26 वीं नशनल कांफ्रेंस ऑन ई – गवर्नेंस “विकसित भारत-नागरिकों का सशक्तिकरण” थीम पर शुरू

टेक्नोलाजी के चलते अब जानकारी एकत्रित करने के बजाय एक क्लिक करते ही डाटा सामने होता है: मंत्री सकलेचा

 

 

इंदौर 24 अगस्त, 2023 । भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ( MeitY ), और मध्यप्रदेश  सरकार के सहयोग से आयोजित नेशनल कांफ्रेंस ऑन ई – गवर्नेंस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आज गुरुवार को शुभारंभ हुआ।  “विकसित भारत, नागरिकों को सशक्त बनाना” –  थीम पर केंद्रित सम्मेलन का उद्घाटन  विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री शंकर लालवानी, संयुक्त सचिव प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग श्री एनबीएस राजपूत, प्रदेश के प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग श्री नीरज मंडलोई, श्री अलकेश कुमार शर्मा सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार और अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक निगम श्री शैतान सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
26वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के पहले दिन ई-गवर्नेंस  के क्षेत्र में हो रहे नवाचार प्रौद्योगिकियों  पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। सम्मेलन के पहले दिन ई-गवर्नेंस के नए दृष्टिकोणों पर आधरित कार्यक्रमों और चर्चाओं से शुरुआत हुई।
  कार्यक्रम के दौरान ब्लॉक गुड गवर्नेंस इंडेक्स और छतरपुर जिले के डैशबोर्ड की शुरुआत की गई, जो कि शासन की प्रभावकारिता में नए मानकों को स्थापित करने के उद्देश्य से शुरु की गई है। साथ ही कॉफी- टेबल बुक का विमोचन भी किया गया  जिसका शीर्षक है “मध्यप्रदेश में ई-गवर्नेंस के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग”।
  डिजिटल नवाचार आगामी दशक में प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और सरकारी नीतियों और प्रौद्योगिकियों के बारे में बातचीत की आवश्यकता होगी जो भविष्य में डिजिटल प्रशासन को आकार देंगी। इस सम्मेलन में यथाश्रेष्ठ वक्तव्यकारों को भारत के तकनीकी परिवर्तन के लिए डिजिटल परिवर्तन, नागरिक केंद्रित सेवा प्रदान करने के लिए उभरती तकनीकें, जिला स्तर में ई-गवर्नेंस की पहल, जन शिकायत के लिए अनुसंधान और विकास की भूमिका, स्टार्टअप्स द्वारा शासन में उभरती तकनीकें जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
  यह सम्मेलन देश भर में ई-गवर्नेंस की पहलों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रहा है, नागरिक सेवा प्रदायगी  में प्रक्रिया बदलाव और समापन सेवा प्रदान में उभरती तकनीकों के माध्यम से सफल इंटरवेंशन भी दिखा रहा है।
  इस दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन 28 राज्यों और 9 संघ राज्यों समेत शिक्षा, अनुसंधान संस्थान, आईटी उद्योग और स्टार्टअप्स के प्रतिष्ठित व्यक्ति फिजिकल और वर्चुअल मोड में सम्मलित हुए। सम्मेलन के दौरान ई- गवर्नेंस संबंधित पहलों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जो ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की  झलक बिखेरता दिखा, साथ ही पिछले वर्षों के पुरस्कृत  पहलों के बारे में एक वॉल  ऑफ फेम / फोटो प्रदर्शन  स्थल का निर्माण किया गया  ।
उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि प्रधानमंत्री  के डिजिटल मिशन को कैसे सफल बनाएं, उसके लिए मंथन करें। मंत्री श्री सकलेचा ने कहा कि कहना और करना और उसके लिए समय निकालकर लोगों को जोड़ना, यह बहुत बड़ी कला है, जो शायद बहुत बड़े लंबे समय के बाद भारत सरकार और राज्य सरकार की टीम ने मिलकर जमीन पर उतरने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि चाहे टेक्नोलॉजी के कारण , चाहे इंडस्ट्री हो, चाहे ई गवर्नेंस हो, चाहे यूथ के डायरेक्शन की बात हो, चाहे ग्रामीण जनों की सुविधाओं की बात हो,  चाहे पूरी दुनिया में हमारे रिसोर्स के बारे में जानकारी की उपलब्धता हो, यह सब अगर संभव हुआ है, तो कहीं ना कहीं डिजिटल टेक्नोलॉजी और ई गवर्नेंस के संयुक्त प्रयोग से हुआ है। इसी के चलते मात्र 60 दिनों में लाडली बहन योजना की  सवा करोड़ महिलाओं के प्रति खाते में हजार रुपए  ट्रांसफर करना, तो वहीं केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि को भी ई गवर्नेंस के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि  कहीं जा सकती है।
उन्होंने कहा कि यदि आज  कोई भी प्रोजेक्ट यदि पीएम के टिप्स पर है  तो कहीं ना कहीं ई गवर्नेंस टेक्नोलाजी के कारण है । इसी कारण पीएम हमेशा अपडेट रहते हैं। वरना एक जमाना था कि जानकारी इकट्ठी करने में महीना लग जाता था और अब जानकारी एकत्रित करने के बजाय एक क्लिक करते ही संपूर्ण डाटा सामने होता है। यह सब टेक्नोलॉजी का कमाल है।
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