मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया सीप नदी पर बने पुल का लोकार्पण
नसरूल्लागंज से सीहोर तक बनेगी सीमेंट कंक्रीट रोड
बैतूल-इंदौर और जयपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राज मार्गों को जोड़ा जायेगा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के कारण निर्मित आर्थिक परेशानियों के बावजूद भी विकास की गतिविधियाँ और कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन जारी रहेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के बुधनी नसरुल्लागंज खातेगाँव मार्ग में राज्य मार्ग 22 पर सीप नदी पर बने जलमग्नीय पुल के वर्चुअल लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह पुल 3 करोड़ 74 लाख रुपए की लागत से निर्मित हुआ है। मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री नीरज मंडलोई उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व तकनीकी प्रक्रियाओं की अनदेखी करते हुए इस पुल पर वाहनों का आवागमन आरंभ करने का प्रयास किया गया था।
पुल से बीस किलोमीटर की दूरी कम होगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कार्य पूर्ण होने के पश्चात आवश्यक टेस्ट किए गए तथा प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर पुल से अब यातायात आरंभ किया जा रहा है। इस पुल के बन जाने से नसरुल्लागंज से हरदा और इंदौर की ओर आने-जाने वाले यात्रियों के लिये यातायात सुगम होगा। लगभग 20 किलोमीटर की दूरी कम तय करनी पड़ेगी। नसरुल्लागंज से खातेगाँव राज्य मार्ग 22 में सीप नदी पर पूर्व से निर्मित पुल वर्ष 2020 में क्षतिग्रस्त हो गया था। वैकल्पिक मार्ग में इस जलमग्नीय पुल के निर्माण के लिए राज्य शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सीप नदी पर बड़े पुल के निर्माण का फैसला भी लिया गया है। यह लगभग डेढ़ साल में पूरा होगा।
राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने के लिये केंद्र को भेजा है प्रस्ताव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नसरुल्लागंज से सीहोर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था, यहाँ पीडब्ल्यूडी ने सीमेंट-कंक्रीट रोड स्वीकृत की है। सीहोर-कोसमी के बीच 117 करोड़ और कोसमी- नसरुल्लागंज के बीच 33 करोड़ रूपये की लागत से यह सड़क बनेगी। इससे नसरुल्लागंज से सीहोर तक सीधा सीमेंट-कंक्रीट रोड मिल सकेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इन सड़कों के अतिरिक्त इंदौर- बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग और जबलपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को आपस में जोड़ने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। दोनों मार्गों के जुड़ने से इंदौर-जबलपुर के बीच की दूरी कम होगी और व्यापार-व्यवसाय को भी प्रोत्साहन मिलेगा।