नशामुक्त भारत अभियान में एमपी के देवास, मुरैना, धार और राजगढ़ जिले और हुए शामिल
केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
- केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशीले पदार्थों और ड्रग के विरूद्ध लोगों को विशेष रूप से युवा वर्ग को जागरूक करने के उद्देश्य से संचालित नशामुक्त भारत अभियान के द्वितीय चरण में देश के 100 जिलों को जोड़ा गया है। इसमें मध्यप्रदेश के 4 जिले देवास, मुरैना, धार और राजगढ़ शामिल हैं। नशामुक्त भारत अभियान 15 अगस्त 2020 से देश के 272 जिलों में संचालित है, जिसमें 15 जिले मध्यप्रदेश के हैं।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशीले पदार्थों और ड्रग के विरूद्ध लोगों को विशेष रूप से युवा वर्ग को जागरूक करने के उद्देश्य से संचालित नशामुक्त भारत अभियान के द्वितीय चरण में देश के 100 जिलों को जोड़ा गया है। इसमें मध्यप्रदेश के 4 जिले देवास, मुरैना, धार और राजगढ़ शामिल हैं। नशामुक्त भारत अभियान 15 अगस्त 2020 से देश के 272 जिलों में संचालित है, जिसमें 15 जिले मध्यप्रदेश के हैं।
उल्लेखनीय है कि एक माह पूर्व नशामुक्त भारत अभियान के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य और दतिया जिले को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले जिला श्रेणी में प्रथम स्थान से सम्मानित किया गया था। अभियान के द्वितीय चरण में चयनित देवास, मुरैना, धार और राजगढ़ जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत और सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण के अधिकारियों को इस संबंध में राज्य शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
संबंधित जिलों के अधिकारियों से कहा गया है कि नशामुक्त भारत अभियान के लिये अनुभाग स्तरीय समिति का गठन करने के साथ नशामुक्ति के लिये जन-जागरूकता कार्यक्रम विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में नशामुक्ति के विशेष अभियान का सतत क्रियान्वयन करें। निर्देशों में कहा गया है कि नशे के विरूद्ध जागरूकता का वातावरण निर्मित करने के लिये विभिन्न विभागों के समन्वय से समुदायों तक पहुँच बनाएँ और नशा पीड़ितों की पहचान करवाएँ। अस्पतालों में परामर्श, उपचार एवं पुनर्वास जैसी विशेष सुविधाएँ सुनिश्चित करें। नशामुक्ति के क्षेत्र में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाएँ, वॉलेंटियर्स, शासकीय सेवकों और पंचायत राज संस्थाओं के लिये क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाएँ। बच्चों युवाओं और महिलाओं को लक्षित कर नशे से बचाव करने के रोकथाम कार्यक्रम आयोजित करें।