एमपी के एमएसएमई और स्टार्टअप्स को सक्षम बनाने देश की अग्रणी संस्थाओें के साथ एमओयू होगा
इंदौर में 22 नवम्बर को होगा कार्यक्रम
- मध्यप्रदेश में स्टार्टअप्स और एमएसएमई को व्यावसायिक एवं तकनीकी रूप से सक्षम तथा सुदृढ़ बनाने और विपणन के नये अवसर देने के उद्देश्य से देश की प्रतिष्ठित शासकीय-गैर-शासकीय संस्थाओं के साथ एमओयू होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में 22 नवम्बर को दोपहर 2 बजे यह कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम के द्वितीय-सत्र में ओएनडीसी द्वारा एक कार्यशाला भी होगी।
मध्यप्रदेश में स्टार्टअप्स और एमएसएमई को व्यावसायिक एवं तकनीकी रूप से सक्षम तथा सुदृढ़ बनाने और विपणन के नये अवसर देने के उद्देश्य से देश की प्रतिष्ठित शासकीय-गैर-शासकीय संस्थाओं के साथ एमओयू होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में 22 नवम्बर को दोपहर 2 बजे यह कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम के द्वितीय-सत्र में ओएनडीसी द्वारा एक कार्यशाला भी होगी।
कार्यक्रम में 10 संस्थाओं के साथ एमओयू होंगे। इसमें भारत सरकार की संस्था ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ भी एमओयू किया जायेगा। यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की एक पहल है। ओएनडीसी ओपन प्रोटोकॉल पर आधारित एक नेटवर्क है। यह मोबिलिटी, किराना, फूड आर्डर, डिलीवरी, होटल बुकिंग और यात्रा जैसे क्षेत्रों में स्थानीय वाणिज्य को मंच प्रदान करता है। इसका उद्देश्य नये अवसर पैदा करना, डिजिटल एकाधिकार पर अंकुश लगाना, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों तथा छोटे व्यापारियों का समर्थन करना और उन्हें ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाने में मदद करना है।
ओएनडीसी के साथ एमओयू से प्रदेश की एमएसएमई और स्टार्टअप्स को लाभ एवं सहयोग प्राप्त होगा। इससे लघु उद्योग, स्टार्टअप्स और बाजार सहभागियों को प्रशिक्षित करने के लिये कार्यशालाओं के आयोजन में सहयोग मिलेगा। ओएनडीसी नेटवर्क पर संबंधित बाजार सहयोगियों को शामिल करने की सुविधा मिलेगी। इस नेटवर्क में अन्य मौजूदा प्रतिभागियों के साथ जुड़ने की सुविधा भी प्राप्त होगी।
प्रदेश में स्टार्टअप्स एवं एमएसएमई को सक्षम बनाने के लिये राज्य शासन की नीतियों के फलस्वरूप अनुकूल वातावरण का निर्माण हुआ है। इस अनुकूल वातावरण का लाभ उठाते हुए अब प्रदेश में एक बेहतर ईको-सिस्टम निर्मित किया जाना है। इसके लिये स्टार्टअप्स एवं एमएसएमई से जुड़ी हुई या उनके लिये कार्य कर रही संस्थाओं का सहयोग लिया जाना आवश्यक है, जिससे सभी के सहयोग, सुझावों एवं विशेषज्ञता का लाभ प्रदेश को मिल सके और सबका साथ लेकर सबका विकास हो सके।