रूसी संघ के चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री उद्घाटन समारोह में सम्मिलित हुए
मध्यप्रदेश के एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि भारत में रूसी संघ के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्थापना से देश के अंतरराष्ट्रीय सहयोग, साझेदारी और व्यवसाय के विकास को बढ़ावा मिलेगा। रूस के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंध हैं और अब इन संबंधों के साथ व्यापार को बढ़ाने की जरूरत है। मंत्री श्री सखलेचा मंगलवार को दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में रूसी संघ के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि सीसीआई रूसी संघ के भारत प्रमुख श्री इगोर पियासेट्स्की की अध्यक्षता में शुरू किए जा रहे सीसीआई इंडिया का उद्देश्य भारत और रूस के बीच नए वातावरण के निर्माण के माध्यम से दीर्घकालिक सहयोग स्थापित करने के साथ ही घरेलू कंपनियों को सपोर्ट करना है। श्री सखलेचा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एमएसएमई के लिए देश में नया वातावरण निर्मित हुआ है। श्री सखलेचा ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में एमएसएमई और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की नीतियों पर प्रकाश डाला एवं रूसी संघ के व्यापार प्रतिनिधियों को मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि रूस की आपूर्ति श्रंखला के साथ उनकी निर्माण इकाइयाँ, भारतीय बाजारों में प्रवेश कर रही हैं, जो दोनों देशों के उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। उद्यमियों की समस्याओं का समाधान और उनके सतत विकास हेतु रूसी संघ का सीसीआई भारत और रूस के बीच सेतु का काम करेगा।
कार्यक्रम में रूसी संघ के सीसीआई के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में व्यापार के अवसरों की तलाश करने के लिए लगभग 350 उद्यमी कार्य कर रहे हैं, जो धातु विज्ञान और मशीन, रक्षा और कृषि प्रसंस्करण में अवसरों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूसी संघ की 20 कंपनियाँ सहयोग/एमओयू के लिए तैयार हैं। उद्घाटन समारोह मेंसी सीआई रूसी संघ के अध्यक्ष श्री सेर्गेई कात्यारिन, सीसीआई रूसी संघ के भारत प्रमुख, श्री इगोर पियासेट्स्की, रूस दूतावास के सचिव श्री इल्दार, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिगंबर कामत, सेवा भारती के श्री पन्ना लाल भंसाली, रूस के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि और व्यापार प्रतिनिधि समेत मध्यप्रदेश सरकार के एमएसएमई और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।